Highlights
- RSS के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम ने धर्मांतरण पर गहरी चिंता जताई।
- उन्होंने समाज से जातिवाद और भेदभाव को खत्म करने का आह्वान किया।
- श्रीगंगानगर में लालच देकर धर्मांतरण कराने का एक ताजा मामला सामने आया है।
- बाड़मेर में RSS के शताब्दी वर्ष विजयादशमी समारोह को निंबाराम ने संबोधित किया।
बाड़मेर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम (NimbRam) ने श्रीगंगानगर (Sri Ganganagar) में भोले-भाले लोगों के धर्मांतरण (religious conversion) पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने जातिवाद (casteism) और भेदभाव (discrimination) खत्म कर समाज में सौहार्द (harmony) बढ़ाने का आह्वान किया।
धर्मांतरण पर RSS की गहरी चिंता
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम ने श्रीगंगानगर में हो रहे धर्मांतरण पर गंभीर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने बताया कि कैसे भोले-भाले लोगों को ईसाई बनाया जा रहा है, उन्हें लोभ और पैसे का प्रलोभन दिया जाता है।
निंबाराम ने कहा कि धर्मांतरण कराने वाले कहते हैं कि हिंदू तुम्हें साथ नहीं बैठाते तो हम बैठाते हैं।
वे लोगों को ईसाई बनने और अपना नाम-पहचान न बदलने की बात भी कहते हैं।
यह सिलसिला पंजाब से शुरू होकर श्रीगंगानगर होते हुए बीकानेर तक फैल चुका है।
पढ़े-लिखे लोग भी बिना नाम और पहचान बदले अपने घरों से देवी-देवताओं के चित्र बाहर निकाल कर डाल रहे हैं।
निंबाराम ने इस स्थिति को कहीं न कहीं हमारी सामाजिक कमजोरी का परिणाम बताया।
बाड़मेर में शताब्दी वर्ष समारोह का संबोधन
निंबाराम मंगलवार को बाड़मेर जिले के दानजी की होदी बस्ती में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष विजयादशमी समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत संघ की परंपरा के अनुरूप शस्त्र पूजन से की गई।
विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद पूर्ण गणवेश में स्वयंसेवकों ने पथ संचलन निकाला।
स्थानीय लोगों ने स्वयंसेवकों के पथ संचलन पर फूल बरसाकर उनका स्वागत किया।
जातिवाद खत्म करने पर जोर
निंबाराम ने कहा कि भोले-भाले लोगों का धर्मांतरण हो रहा है और उन्हें ईसाई बनाया जा रहा है।
उन्होंने समाज से जातिवाद और भेदभाव जैसे इस 'रोग' को समाप्त करने का आह्वान किया।
निंबाराम ने चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो आने वाला कल सीमा क्षेत्र के रहने वाले लोगों के लिए भयावह हो सकता है।
उन्होंने कहा कि हमें आक्रोश व्यक्त नहीं करना है, बल्कि समाज में सौहार्द बढ़ाना है।
हमें इस पर ज्यादा काम करना होगा और इसे समझना होगा।
निंबाराम ने देश में भेदभाव की जड़ों को मिटाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि ऊंच-नीच की सोच से ऊपर उठकर सबको हाथ थामना पड़ेगा।
जब गांव का ही व्यक्ति अलग-थलग पड़ता है, तो समाज मजबूत कैसे बनेगा, उन्होंने सवाल किया।
उन्होंने कुंभ मेले का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे करोड़ों लोग बिना जाति के बंधन के स्नान करते हैं, वैसे ही हमें समभाव से समाज बुनना चाहिए।
महापुरुष कभी जाति के जाल में नहीं फंसे, उन्होंने समाज के उत्थान के लिए अपना जीवन जिया।
हमें भी जातिवाद के बंधनों से आजाद होकर एक मजबूत, समरसता पूर्ण भारत का निर्माण करना है।
श्रीगंगानगर में धर्मांतरण का ताजा मामला
हाल ही में श्रीगंगानगर में बॉर्डर एरिया के हिंदुमलकोट इलाके के खाटलबाला गांव में धर्म परिवर्तन करवाने का एक मामला सामने आया था।
पुलिस ने सोमवार को इस संबंध में शिकायतकर्ता सतनाम सिंह की रिपोर्ट पर मामला दर्ज किया था।
सतनाम सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि वह लंबे समय से बीमार है।
उन्होंने आरोप लगाया कि गांव में पास्टर बग्गुसिंह ने एक चर्च बना रखा है, जहां वह बीमारी ठीक करने का दावा करता है।
रिपोर्ट के अनुसार, बग्गुसिंह ने पीड़ित के घर आकर कहा कि ईसाई धर्म अपनाने से उसकी बीमारी ठीक हो जाएगी।
इसके बाद उसे अपने घर ले जाकर जल पिलाया गया, मंत्र पढ़े गए और सिर पर हाथ रखकर उसे ईसाई घोषित कर दिया गया।
बग्गुसिंह ने इस दौरान विभिन्न धर्मों और धर्म गुरुओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी भी की थी।
हिंदुमलकोट थाने के SHO गुरमेल सिंह बराड़ ने बताया कि 6 अक्टूबर को मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस मामले में सबूत भी इकट्ठे किए हैं।
आरोपी पास्टर बग्गुसिंह अभी तक गांव के करीब 25 घरों में धर्म परिवर्तन करवा चुका है।
मामले में आरोपी के बेटे अमनदीप को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि मुख्य आरोपी बग्गुसिंह अभी भी फरार है।
यह घटना क्षेत्र में धर्मांतरण के बढ़ते प्रभाव और उससे जुड़ी चिंताओं को उजागर करती है।