Rajasthan Police: राजस्थान पुलिस अब आधुनिक तकनीक से लैस, अपराधियों की कुंडली आसान

राजस्थान पुलिस अब आधुनिक तकनीक से लैस, अपराधियों की कुंडली आसान
राजस्थान पुलिस होगी हाईटेक, अपराधियों की कुंडली आसान
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Highlights

  • राजस्थान पुलिस अब आधुनिक तकनीक से होगी लैस
  • एनसीआरबी ने दिया गहन ऑनलाइन प्रशिक्षण
  • अपराधियों की कुंडली निकालना होगा आसान
  • जांच की गुणवत्ता और गति में होगा सुधार

जयपुर | राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) अपराध ट्रैकिंग में तकनीकी छलांग लगा रही है। पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा (Shri Rajiv Kumar Sharma) और एडीजी अपराध शाखा हवा सिंह घूमरिया (Shri Hawa Singh Ghumaria) के निर्देशन में एनसीआरबी (NCRB) ने ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया, जिससे अनुसंधान की गुणवत्ता बढ़ेगी।

राजस्थान पुलिस अब अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा ले रही है। यह पहल राज्य में आपराधिक न्याय प्रणाली को मजबूत करने और पुलिसिंग को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस तकनीकी उन्नयन का मुख्य उद्देश्य पुलिस अधिकारियों को नवीनतम उपकरणों और कानूनी प्रावधानों से लैस करना है, ताकि वे अपनी जांच प्रक्रियाओं को और अधिक सटीक तथा तीव्र बना सकें। यह सुनिश्चित करेगा कि अपराधी किसी भी सूरत में बच न पाएं और न्याय की प्रक्रिया में तेजी आए।

एनसीआरबी का गहन ऑनलाइन प्रशिक्षण

इस महत्वपूर्ण तकनीकी परिवर्तन को साकार करने के लिए, एनसीआरबी (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो), नई दिल्ली द्वारा राज्य की समस्त फील्ड यूनिट्स के लिए एक गहन ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा और अतिरिक्त महानिदेशक अपराध शाखा हवा सिंह घूमरिया के दूरदर्शी निर्देशन में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इसका प्राथमिक लक्ष्य पुलिस अधिकारियों को आधुनिक तकनीक और कानूनी उपकरणों से भली-भांति परिचित कराना था, जिससे अनुसंधान की गुणवत्ता और गति में उल्लेखनीय वृद्धि हो सके, और वे डिजिटल युग की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना कर सकें।

एनसीआरबी, नई दिल्ली के डिप्टी डायरेक्टर आईजी जनमेजय खंडूरी और उनकी विशेषज्ञ टीम ने इस विशेष प्रशिक्षण सत्र का संचालन किया। इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में जिला पुलिस अधीक्षक, डीसीपी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, वृत्ताधिकारी, थानाधिकारी, और सीसीटीएनएस ऑपरेटर सहित पुलिस मुख्यालय के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इस व्यापक भागीदारी ने सुनिश्चित किया कि जमीनी स्तर से लेकर शीर्ष स्तर तक के सभी अधिकारी इस नई प्रणाली को समझ सकें और उसका प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकें, जिससे पूरे राज्य में एकरूपता बनी रहे।

जांच में मिलेगी नई धार और गति

अपराधियों की कुंडली निकालना होगा आसान

आईजी खंडूरी ने प्रशिक्षण के दौरान एनसीआरबी द्वारा विकसित विभिन्न नए ऐप्स और डैशबोर्ड के उपयोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इन आधुनिक डिजिटल उपकरणों को पुलिस के दैनिक कार्यों को सरल और अधिक कुशल बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह प्रशिक्षण विशेष रूप से वांछित अपराधियों और महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों के मामलों की जांच में पुलिस को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेगा, जिससे ऐसे मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

इस नई प्रणाली का सबसे बड़ा लाभ यह है कि अब पुलिस अधिकारी अपराधियों की पूरी जानकारी, जिसे 'कुंडली' कहा जा सकता है, को अधिक प्रभावी ढंग से निकाल और उपयोग कर सकेंगे। इसमें अपराधियों का पिछला रिकॉर्ड, उनके संपर्क, उनकी गतिविधियों से संबंधित विस्तृत डेटा और उनके आपराधिक नेटवर्क की जानकारी शामिल होगी। महानिरीक्षक एससीआरबी अजयपाल लाम्बा ने भी इन नवीन प्रावधानों और आधुनिक तकनीकी ऐप्स के महत्व पर जोर दिया, जिससे पुलिस की जांच क्षमता में क्रांतिकारी सुधार आएगा और अपराध नियंत्रण में मदद मिलेगी।

स्मार्ट पुलिसिंग की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

यह ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यशाला राजस्थान पुलिस को 'स्मार्ट पुलिसिंग' की अवधारणा की ओर ले जाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। नवीनतम कानूनों और तकनीकी उपकरणों का ज्ञान पुलिस बल को डिजिटल युग की जटिल चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाएगा, जैसे कि साइबर अपराध और डेटा-आधारित जांच। इसके परिणामस्वरूप, आपराधिक न्याय प्रणाली और अधिक कुशल, पारदर्शी और जवाबदेह बनेगी। यह पहल न केवल अपराधों पर अंकुश लगाने में मदद करेगी, बल्कि राज्य में कानून व्यवस्था को भी सुदृढ़ करेगी, जिससे नागरिकों को अधिक सुरक्षित और न्यायपूर्ण वातावरण मिल सकेगा।

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