जालोर | राजस्थान के जालोर जिला न्यायालय में पेश हुए हैड कांस्टेबल पुनमाराम को जज को सही तरीके से सलामी न देने पर 7 दिनों की विशेष ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है।
घटना उस समय हुई जब पुनमाराम किसी केस के सिलसिले में जिला न्यायालय में उपस्थित हुए थे। न्यायाधीश के साथ कांस्टेबल का व्यवहार उचित नहीं पाया गया।
यहां तक कि हैड कांस्टेबल ने उन्हें सैल्यूट तक सही तरीके से नहीं किया। इस पर जज ने रेंज आईजी पाली को इस व्यवहार की सूचना दी। इसके बाद जालोर के पुलिस अधीक्षक ने हैड कांस्टेबल को पुलिस लाइन भेजकर सैल्यूट की सही प्रक्रिया सीखने का निर्देश दिया।
पुलिस लाइन के संचित निरीक्षक को आदेश दिया गया है कि वह पुनमाराम को सात दिनों तक सैल्यूट सिखाने की जिम्मेदारी निभाएं। इस घटना ने पुलिस विभाग में अनुशासन पर जोर दिया है. न्यायपालिका को सम्मान कितना आवश्यक है।
यह यह पत्र सोशल मीडिया और जन चर्चा का विषय है। लोग इसे अनुशासन के नाम पर सख्त कार्रवाई मान रहे हैं, जबकि कुछ का कहना है कि यह प्रशिक्षण विभागीय गरिमा को बनाए रखने के लिए जरूरी है।
यह मामला दिखाता है कि पुलिसकर्मियों से न केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने की उम्मीद की जाती है, बल्कि न्यायपालिका के प्रति औपचारिक सम्मान भी अपेक्षित है.