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खबर आई है कि गुढ़ा ने गहलोत सरकार के आला मंत्री शांति धारीवाल के साथ सदन में ही हाथापाई कर दी। ऐसे में मार्शल बुलाकर विधानसभा से उन्हें निकाला गया।
जयपुर | राजस्थान सरकार में मंत्री पद से बर्खास्त राजेन्द्र गुढ़ा के बगावती तेवरों ने गहलोत सरकार को सांसत में ला दिया है। गुढ़ा ने एक दिन पहले दिए बयान में कहा था कि यदि वे एक डायरी धर्मेन्द्र राठौड़ के घर से नहीं निकालते तो अशोक गहलोत जेल जाते।
गुढ़ा ने एक लाल डायरी सदन में लहराई तो हंगामा मच गया। खबर आई है कि गुढ़ा ने गहलोत सरकार के आला मंत्री शांति धारीवाल के साथ सदन में ही हाथापाई कर दी। ऐसे में मार्शल बुलाकर विधानसभा से उन्हें निकाला गया। मुझसे डायरी छीन ली गई है गुढ़ा ने कहा कि वह डायरी को टेबल करना चाह रहे थे, लेकिन मुझसे वह डायरी छीन ली गई है।
गुढ़ा ने कहा मार्शलों ने नहीं कांग्रेस के लोगों ने धक्का देकर बाहर निकाला है। गुढ़ा विधायकों को खरीदने और निर्दलीयों को प्रलोभन आदि का खुलासा करूंगा। गुढ़ा ने कहाकि इनकी मां ने दूध पिलाया है तो मुझे गिरफ्तार करे। राजस्थान की सड़कों पर निकलना मुश्किल हो जाएगा।
सदन के बाहर राजेन्द्र गुढ़ा ने विधानसभा अजमेर ब्लैकमेल कांड का मुद्दा भी उठाकर बम फोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि उनके साथ अभद्र तरीके से दुर्व्यवहार हुआ और डायरी छीन ली। हालांकि बाद में मार्शलों ने राजेन्द्र गुढ़ा को विधानसभा में प्रवेश से रोक दिया है।
विधानसभा में राजेन्द्र गुढ़ा की बर्खास्तगी के मुद्दे पर हंगामा हो गया, राजेन्द्र गुढ़ा ने लाल डायरी लहराई तो विधानसभा में हंगामा हो गया।
हनुमान बेनिवाल के भाई आरएलपी के खिंवसर सांसद नारायण बेनिवाल स्थगन बोलते रहे, लेकिन गुढ़ा लाल डायरी लहराते हुए आसन की ओर आ गए। इस पर राजस्थान विधानसभा में हंगामा हो गया।
नारायण बेनिवाल रुके तो माकपा के बलवान पूनिया ने उन्हें बोलते रहने का इशारा किया। सीपी जोशी गुढ़ा को बार—बार ताकीद करते रहे, लेकिन हंगामा रुका नहीं। जोशी ने सदन स्थगित कर दिया।
क्या माकपा और आरएलपी अब कांग्रेस के समर्थन में है?
इस घटनाक्रम में एक बात और देखने को मिली। बीजेपी के विधायक रूपाराम मुरावतिया ने जब नारायण बेनिवाल को एक लाल फाइल दिखाते हुए कुछ कह रहे हैं तो वे कुछ देर मौन होते हैं।
थोड़ी देर बाद उनके आगे बैठे और माकपा से जीतकर आजकल गहलोत सरकार के हामी हो रहे भादरा विधायक बलवान पूनिया ने उन्हें बोलते रहने का इशारा किया। ऐसे में साफ है कि विपक्षी पार्टियों में बीजेपी ही सिर्फ सरकार के प्रतिपक्ष में है।