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भाजपा के राजपाल सिंह शेखावत (Rajpal Singh Shekhawat) के संपर्क में रहते हुए भी सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) उन्हें मनाकर कांग्रेस में शामिल करने के लिए राजी नहीं कर पाए, लेकिन अमित शाह ने मात्र 10 मिनिट में झोटवाड़ा को वापस भाजपा की सुरक्षित सीट बना दिया।
जयपुर | Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में जयपुर की सबसे चर्चित सीट बनी झोटवाड़ा में एक बार फिर से नया सियासी दांवपेच खेला गया है।
ये दांव राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले भाजपा के अमित शाह की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
ऐसे में कहा जा रहा है कि लगातार भाजपा के राजपाल सिंह शेखावत (Rajpal Singh Shekhawat) के संपर्क में रहते हुए भी सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) उन्हें मनाकर कांग्रेस में शामिल करने के लिए राजी नहीं कर पाए, लेकिन अमित शाह ने मात्र 10 मिनिट में झोटवाड़ा को वापस भाजपा की सुरक्षित सीट बना दिया।
खबरों की माने तो अमित शाह के फोन के बाद राजपाल सिंह शेखावत मान गए हैं।
अब शाह ने ऐसा कौनसा पैंतरा चला कि राजपाल बगावती तेवर छोड़कर नाम वापसी लेने को तैयार हो गए। ये तो वही जाने।
आज नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन है ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा के बागी पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत भी अपना नामांकन वापस लेने जा रहे हैं।
आपको ये भी बता दें कि राजपाल सिंह शेखावत को वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) कैंप का नेता माना जाता है।
ऐसे में सियासी गलियारों में ये भी चर्चा है कि शाह के फोन से पहले राजपाल सिंह से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी चर्चा की है और उन्हें मनाया है।
सूत्रों की माने तो ये चर्चा भी है कि अमित शाह ने राजपाल सिंह शेखावत को सत्ता और संगठन में भागीदारी का आश्वान दिया है।
क्या बाकी बागियों को भी राजी कर पाएगी भाजपा ?
अब भले ही अमित शाह ने एक राजपाल सिंह की बगावत पर लगाम लगा दी हो, लेकिन अभी भी 33 विधानसभा सीटों पर भाजपा के बागियों की लाईन लगी हुई है।
अब देखना ये होगा कि क्या राजपाल सिंह शेखावत की तरह ये बागी भी अपनी बगावत से पीछे हट पाएंगे या फिर पार्टी को नुकसान पहुंचाएंगे।