BJP ने मारी बाजी: राजपाल सिंह शेखावत ने नाम वापस लिया, लेकिन अभी भी इनका खतरा बरकरार

राजपाल सिंह शेखावत ने नाम वापस लिया, लेकिन अभी भी इनका खतरा बरकरार
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रतीय जनता पार्टी ने गुरूवार को अपने एक बागी प्रत्याशी को मनाने में तो बाजी मार ली, लेकिन अभी भी उसकी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। झोटवाड़ा सीट से ही भाजपा के टिकट की दावेदारी कर रहे आशु सिंह सुरपुरा ने भी बगावती तेवर दिखाते हुए निर्दलीय ताल ठोक रखी है।

जयपुर | राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए बड़ी मुसीबत बनी राजधानी जयपुर की झोटवाड़ा विधानसभा सीट पर पार्टी ने बाजी मार ली है। 

भाजपा से टिकट नहीं मिलने से बागी होकर निर्दलीय पर्चा भरने वाले अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री को मनाकर नाम वापसी करवा ली है। 

जयपुर की झोटवाड़ा सीट से भाजपा के बागी पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत (rajpal singh shekhawat) ने गुरुवार को नाम वापस ले लिया। 

शेखावत ने जयपुर में एक प्रेसवार्ता में नामांकन वापस लेने की घोषणा करते हुए कहा कि गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर बात हुई है। 

अमित शाह(Amit Shah)  ने कहा कि कई बार निर्णय सूट करते हैं, कभी नहीं। अभी जनता को कांग्रेस के कुराज से निकालना है, इसलिए टिकट से ज्यादा जरूरी सरकार बदलना है। जिनकी गारंटी पूरा देश मानता है उन्होंने कार्यकर्ताओं के हितों की रक्षा की गारंटी दी है।

इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि मुझे गर्व है कि भैरोंसिंह सिंह शेखावत और वसुंधरा राजे सरकार में मंत्री बनने का मौका मिला।

मैंने राजस्थान के दो बड़े विधानसभा क्षेत्रों से प्रतिनिधित्व करते हुए जनता की सेवा की है।

वसुंधरा राजे कैंप के माने जाते हैं राजपाल सिंह

जयपुर के दिग्गज भाजपा नेता राजपाल सिंह शेखावत को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे कैंप का माना जाता है। राजपाल के निर्दयलीय प्रत्याशी के तौर पर नाम वापस लेने में भी राजे की महत्वपूर्ण भूमिका बताई जा रही है। 

राजपाल सिंह शेखावत को मनाने की जिम्मेदारी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे  (Vasundhara Raje) को सौंपी गई थी। 

दरअसल, भाजपा ने इस बार झोटवाड़ा विधानसभा सीट पर राजपाल सिंह का टिकट काटकर जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को प्रत्याशी बनाया है। 

इससे नाराज होकर राजपाल ने बगावत कर दी और नामांकन भर दिया था।

भाजपा की मुसीबत कम हुई खत्म नहीं, अब इनसे खतरा

भारतीय जनता पार्टी ने गुरूवार को अपने एक बागी प्रत्याशी को मनाने में तो बाजी मार ली, लेकिन अभी भी उसकी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं।

झोटवाड़ा सीट से ही भाजपा के टिकट की दावेदारी कर रहे आशु सिंह सुरपुरा (Ashu Singh Surpura) ने भी बगावती तेवर दिखाते हुए निर्दलीय ताल ठोक रखी है।

नामांकन वापसी के अंतिम दिन भी उन्होंने अपना नाम वापस नहीं लिया है। ऐसे में आशु सिंह सुरपुरा भी भाजपा के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर सकते हैं। 

आशु सिंह सुरपुरा की झोटवाड़ा विधानसभा में अच्छी पकड़ मानी जाती है। 

सुरपुरा पिछले कई सालों से भाजपा के साथ जुड़े लोगों के लिए काम कर रहे हैं। 

ऐसे में हर बार टिकट नहीं मिलने से उनके समर्थक नाराज हो गए और सड़कों पर उतर कर पार्टी के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं। 

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