Highlights
- रामसीन में गायत्री शक्तिपीठ की दीवार तोड़ने की कथित साजिश का विरोध।
- ग्रामीणों और शक्तिपीठ प्रबंधन ने जिला कलेक्टर व एसपी को सौंपा ज्ञापन।
- श्री आपेश्वर सेवा ट्रस्ट पर निजी स्वार्थवश अतिक्रमण का आरोप।
- प्रशासन से असामाजिक तत्वों पर रोक लगाने और पुलिस बंदोबस्त की मांग।
जालोर। रामसीन के श्री गायत्री शक्तिपीठ की दीवार तोड़कर अतिक्रमण करने की कथित साजिश को लेकर ग्रामवासियों और शक्तिपीठ प्रबंधन ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। इस संबंध में शक्तिपीठ की ओर से जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को एक ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें असामाजिक तत्वों पर तुरंत कार्रवाई की मांग की गई है।
50 वर्ष पुराना धार्मिक स्थल
ज्ञापन में बताया गया है कि श्री गायत्री शक्तिपीठ की स्थापना लगभग 50 वर्ष पूर्व हुई थी। इसे रामसीन ग्रामवासियों, आर्यसमाज तथा शांतिकुंज हरिद्वार के सहयोग से स्थापित किया गया था। तब से यह धार्मिक स्थल क्षेत्र में धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है, जहां नियमित रूप से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं। यह स्थान ग्रामवासियों की आस्था का प्रतीक है।
अतिक्रमण की साजिश का आरोप
शक्तिपीठ प्रबंधन ने श्री आपेश्वर सेवा ट्रस्ट रामसीन के अध्यक्ष और कुछ सदस्यों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि ये लोग निजी स्वार्थवश शक्तिपीठ की उत्तरी दिशा की दीवार को तोड़ने और उस पर अवैध कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। बताया गया कि इस साजिश को 22 सितंबर 2024 को अंजाम देने की तैयारी थी, जिसकी जानकारी शक्तिपीठ को समय रहते मिल गई। इस सूचना के बाद से ग्रामवासियों में भारी रोष व्याप्त है।
सामाजिक सद्भाव बिगड़ने का खतरा
शक्तिपीठ की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि ट्रस्ट के इन कदमों से गांव का माहौल बिगड़ सकता है और ग्रामवासियों की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी। इससे क्षेत्र में सामाजिक सद्भाव और शांति भंग होने का गंभीर खतरा पैदा हो गया है। ग्रामवासियों का कहना है कि ऐसे कृत्यों से समाज में अनावश्यक तनाव पैदा होगा।
प्रशासन से कार्रवाई की मांग
शक्तिपीठ प्रबंधन और ग्रामवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे असामाजिक तत्वों पर तुरंत रोक लगाई जाए और पुलिस बंदोबस्त सुनिश्चित कर अतिक्रमण की किसी भी कोशिश को नाकाम किया जाए। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और धार्मिक स्थल की पवित्रता व सुरक्षा सुनिश्चित करें ताकि क्षेत्र में शांति और व्यवस्था बनी रहे।