Highlights
- रणथम्भौर के जोन 3 में मां रिद्धि और बेटी मीरा के बीच खूनी संघर्ष।
- टेरिटोरियल फाइट में मां रिद्धि ने बेटी मीरा को हराया।
- दोनों बाघिनें इस भयंकर लड़ाई में घायल हुईं।
- रणथम्भौर में टाइगर डायनेस्टी की पुरानी परंपरा का हिस्सा।
रणथम्भौर: रणथम्भौर टाइगर रिजर्व (Ranthambore Tiger Reserve) के जोन नंबर 3 में मंगलवार सुबह बाघिन रिद्धि (Tigress Riddhi) और उसकी बेटी मीरा (Meera) के बीच खूनी टेरिटोरियल फाइट (Territorial Fight) हुई, जिससे जंगल गूंज उठा। इस संघर्ष में मां रिद्धि विजयी रही और दोनों बाघिनें घायल हो गईं।
रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में मंगलवार सुबह एक अविस्मरणीय और खूनी लम्हा देखने को मिला।
यहां रणथम्भौर के जोन नंबर 3 में दो बाघिनों, टी-124 रिद्धि और उसकी बेटी मीरा के बीच अपने इलाके पर कब्जे को लेकर जबरदस्त संघर्ष हुआ।
इस भयंकर टकराव से मां-बेटी की दहाड़ों से पूरा जंगल गूंज उठा, जिसने वहां मौजूद सभी पर्यटकों को स्तब्ध कर दिया।
जंगल के भीतर यह प्राकृतिक संघर्ष वन्यजीवन के कठोर नियमों का एक जीवंत उदाहरण था।
जोन तीन में मां-बेटी के बीच भीषण भिड़ंत
मंगलवार सुबह की सफारी के दौरान, जोन नंबर तीन में पर्यटक बाघिन रिद्धि और उसकी बेटी मीरा को आमने-सामने देखकर हैरान रह गए।
मीरा ने अपनी मां के इलाके पर कब्जा करने की कोशिश करते हुए बगावत कर दी, जिससे यह सामान्य भिड़ंत खूनी जंग में बदल गई।
दोनों बाघिनें एक-दूसरे पर हमला करती रहीं और इस भयंकर टेरिटोरियल फाइट में गंभीर रूप से घायल हो गईं।
उनकी दहाड़ें और गुर्राहटें पूरे जंगल में गूंज रही थीं, जो इस संघर्ष की तीव्रता को दर्शाती हैं।
आखिर में मां रिद्धि की जीत हुई और मीरा को हार माननी पड़ी, जबकि गाइड विजय मीणा ने इस दुर्लभ और खतरनाक दृश्य को अपने कैमरे में कैद किया।
यह दृश्य वन्यजीव फोटोग्राफी के लिए एक असाधारण पल था, जिसे शायद ही कभी देखा जाता है।
रणथम्भौर की पुरानी परंपरा का हिस्सा
यह संघर्ष रणथंभौर की टाइगर डायनेस्टी की पुरानी परंपरा की याद दिलाता है, जहां मछली, कृष्णा और ऐरोहेड जैसी बाघिनों के बीच भी ऐसे ही टेरिटोरियल झगड़े हुए थे।
वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, यह टकराव प्राकृतिक प्रक्रिया का हिस्सा है, पर मां-बेटी के बीच ऐसी लड़ाई दुर्लभ और दर्दनाक मानी जाती है।
यह दर्शाता है कि जंगल में जीवित रहने के लिए क्षेत्र कितना महत्वपूर्ण होता है।
इस खूनी अध्याय ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जंगल में केवल ताकतवर का ही राज चलता है।
यह घटना वन्यजीव संरक्षण के महत्व को भी उजागर करती है, ताकि ऐसी प्रजातियाँ सुरक्षित रह सकें।
बाघिन रिद्धि की उम्र और परिवार
लगभग सात साल की बाघिन रिद्धि, प्रसिद्ध बाघिन ऐरोहेड की बेटी है, जिसने 2023 में तीन शावकों को जन्म दिया था।
इन्हीं शावकों में से सबसे बड़ी फीमेल शावक मीरा के साथ मंगलवार को यह भीषण फाइट हुई।
यह घटना वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों को जंगल के कठोर नियमों का महत्वपूर्ण सबक देती है।
रणथम्भौर अपनी समृद्ध वन्यजीव विरासत और ऐसे प्राकृतिक दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है, जहां वन विभाग घायल बाघिनों पर नजर रख रहा है।
वन विभाग की टीमें घायल बाघिनों की निगरानी कर रही हैं ताकि उनकी सेहत सुनिश्चित की जा सके और उन्हें आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान की जा सके।