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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साढ़े चार सालों से चली आ रही वर्चस्व की लड़ाई खत्म हो गई है और दोनों के बीच सुलह हो गई है। इस दौरान दोनों पायलट और गहलोत दोनों मीडिया के सामने मुस्कुराते नजर आए।
जयपुर | कांग्रेस आलाकमानों ने बंद कमरे में चार घंटे की माथा-पच्ची के बाद आखिरकार अशोक गहलोत के नेतृत्व में चुनाव लड़ने के लिए सचिन पायलट को मना ही लिया।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साढ़े चार सालों से चली आ रही वर्चस्व की लड़ाई खत्म हो गई है और दोनों के बीच सुलह हो गई है।
इस दौरान दोनों पायलट और गहलोत दोनों मीडिया के सामने मुस्कुराते नजर आए।
दिल्ली में हुई पार्टी आलाकमान के साथ हुई मैराथन बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मीडिया से कहा कि गहलोत और पायलट दोनों ने एकजुट होकर आगामी विधानसभा चुनाव 2023 लड़ने का फैसला किया है।
दोनों ही नेताओं ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव पर सहमति जताई है और दोनों मिलकर भाजपा के खिलाफ एक संयुक्त लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।
भूमिका को लेकर आलाकमान करेगा फैसला
उन्होंने कहा कि, राजस्थान में कांग्रेस बेहद मजबूत स्थिति में है। अब आगे किसकी क्या भूमिका होगी, इसको लेकर फैसला दोनों नेताओं ने आलाकमान पर छोड़ दिया है।
ऐसे में सूत्रों की माने तो इस बैठक के बाद यह तय हो गया है कि गहलोत के चेहरे पर ही कांग्रेस एक बार फिर से राजस्थान में चुनावी मैदान में उतरेगी।
अब बचे सचिन पायलट तो कांग्रेस आलाकमान उनकी भूमिका भी जल्द ही तय कर देंगे।
अशोक गहलोत जी और सचिन पायलट जी मिलकर चुनाव लड़ेंगे। हम राजस्थान जीतने जा रहे हैं।
— Congress (@INCIndia) May 29, 2023
: महासचिव (संगठन), श्री @kcvenugopalmp pic.twitter.com/idRDQPEYyZ
खरगे और राहुल गांधी के अलावा ये भी रहे मौजूद
आपको बता दें कि दिल्ली में बैठे कांग्रेस के आकाओं ने राजस्थान कांग्रेस की लड़ाई सुलझाने के लिए दिल्ली में शाम को एक बैठक बुलाई।
इस बैठक में सीएम गहलोत और पायलट की अलग-अलग क्लास ली गई।
दोनों के साथ चर्चा के बाद आलाकमानों ने एक संयुक्त बैठक की। जिसमें अशोक गहलोत, सचिन पायलट के अलावा पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी, वेणुगोपाल भी मौजूद रहे।