Highlights
- रमेश रूलानिया हत्याकांड के मुख्य मास्टरमाइंड जीतू चारण को दबोचा।
- जीतू चारण और सहयोगी रविन्द्र सिंह 23 नवंबर तक पुलिस रिमांड पर।
- आरोपियों की संख्या बढ़कर 17 हुई, गैंग के आकाओं तक पहुंचने की उम्मीद।
- जीतू चारण ने शूटर गणपत को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी थी।
कुचामन: डीडवाना कुचामन (Didwana Kuchaman) जिले के चर्चित रमेश रूलानिया (Ramesh Rulania) हत्याकांड में पुलिस ने मुख्य मास्टरमाइंड जीतू चारण (Jeetu Charan) और उसके सहयोगी रविन्द्र सिंह (Ravindra Singh) को गिरफ्तार कर लिया है, जिससे कुल गिरफ्तारियां 17 हो गई हैं। दोनों को 23 नवंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ से गैंग की भविष्य की योजनाओं का खुलासा होगा।
डीडवाना कुचामन जिले के रमेश रूलानिया हत्याकांड में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पहले 15 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब इस हत्याकांड के मुख्य मास्टरमाइंड जितेंद्र सिंह उर्फ जीतू चारण और उसके सहयोगी रविन्द्र सिंह को भी पुलिस ने दबोच लिया है। इन दोनों की गिरफ्तारी के साथ ही इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की कुल संख्या 17 हो गई है।

न्यायालय में पेशी और रिमांड
गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच कुचामन न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने उन्हें 23 नवंबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस का मानना है कि जीतू चारण से की गई गहन पूछताछ से गैंग के आका रोहित गोदारा और सरगना वीरेन्द्र चारण तक पहुंचने के लिए महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं। इसके साथ ही गैंग की भविष्य की आपराधिक योजनाओं का भी खुलासा होने की संभावना है।
साजिश की परतें और शूटर को ट्रेनिंग
एसपी ऋचा तोमर ने बताया कि जांच के दौरान यह सामने आया है कि मास्टरमाइंड जीतू चारण ने इस वारदात को अंजाम देने के लिए गणपत, धर्मेन्द्र, जुबेर और महेश को सुपारी दी थी। वहीं, रिमांड पर चल रहे अफताब ने जीतू चारण और गैंग के अन्य सदस्यों को सिम कार्ड उपलब्ध कराए थे और उनके रुकने की व्यवस्था भी की थी।
सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ है कि जीतू चारण ने शूटर गणपत को हथियार चलाने की विशेष ट्रेनिंग दी थी। इसके लिए सरगना वीरेन्द्र चारण से हथियार चलाने के वीडियो मंगवाए गए और गणपत को खेत में खेजड़ी के पेड़ पर फायरिंग का अभ्यास कराया गया था।
फरारी काटने का तरीका: बाउंसर की आड़
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हत्याकांड का मास्टरमाइंड जितेंद्र सिंह उर्फ जीतू चारण और उसका सहयोगी रविन्द्र सिंह बाउंसर के रूप में काम कर रहे थे। रविन्द्र सिंह अजमेर जिले में बबूल के पेड़ों की कटाई का काम करता था, जहां सैकड़ों मजदूर कार्यरत थे। जीतू चारण इसी बहाने मजदूरों की निगरानी के नाम पर काम कर रहा था, ताकि उस पर किसी को शक न हो।
उसने इस भीड़-भाड़ वाली जगह का फायदा उठाकर अपनी फरारी काटी और अपने अन्य साथियों को भी काम के बहाने यहां शरण दी। हत्या की योजना बनाने से लगभग ढाई-तीन महीने पहले से ही जीतू चारण रविन्द्र सिंह के पास काम कर रहा था।
रिश्तेदारी बनी शरणस्थली
जीतू चारण का ननिहाल इंडाली गांव में है, जबकि रविन्द्र सिंह का ससुराल भी इंडाली में ही है। इसी वजह से दोनों की जान-पहचान बढ़ी और वे दूर के रिश्ते में जीजा-साला बन गए। जीतू चारण ने इसी रिश्ते की आड़ में रविन्द्र के पास रहकर हत्या की योजना बनाई। 7 अक्टूबर की सुबह गैंग के आकाओं के इशारे पर जिम में कसरत करते समय कारोबारी रमेश रूलानिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
तिहाड़ से प्रॉडक्शन वारंट पर गिरफ्तारी
जीतू चारण के खिलाफ अजमेर जिले के विभिन्न थानों में लूटपाट, मारपीट और अन्य मामलों में कई शिकायतें दर्ज हैं। वह बरेली में एक्ट्रेस दिशा पाटनी के घर पर हुई फायरिंग मामले का भी आरोपी है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने उसे जैसलमेर के पोकरण से गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया था। कुचामन पुलिस ने जीतू चारण को कोर्ट के समक्ष पेश करने के बाद दिल्ली पुलिस से प्रॉडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है।
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