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पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने मीडिया से मुस्कुराते हुए कहा कि, ’मेरा सपना सीएम बनना नहीं बल्कि जनता का विकास करना है...
जयपुर । राजस्थान में पिछले विधानसभा चुनावों से कांग्रेस में शुरू हुई वर्चस्व की लड़ाई अब आगामी विधानसभा चुनावों में और भी गंभीर होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में सभी पार्टियों के नेता सक्रिय मोड पर आ गए हैं। राज्य में समय-समय पर लोगों के सामने आ रही गहलोत और पायलट गुट की लड़ाई ने दूसरी पार्टियों की जुबान भी खोल दी है।
कुछ दिन पहले ही टोंक के दौरे पर आए ओवैसी ने सचिन पायलट को लेकर मंच से ऐलान करते हुए उन्हें उकसाने का काम भी किया था।
ओवैसी ने अपने भाषण के दौरान भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि, उन्हे नहीं लगता कि सचिन पायलट का सपना कभी पूरा होगा।
हालांकि, उन्होंने सचिन का कौनसा सपना पूरा होगा इस पर विस्तार से खुलासा नहीं किया, लेकिन इशारों में सचिन समेत सभी को सबकुछ बयां कर दिया।
अब ओवैसी तो टोंक से चले गए, लेकिन प्रदेश कांग्रेस की राजनीति को सुलगा गए। ऐसे में अब तो सभी को सचिन पायलट के जवाब का इंतजार था।
जिस पर सचिन पायलट ने पलटवार करते हुए हमेशा की तरह बड़ी ही शालिता के साथ जवाब दिया। जिस तरह से वे सीएम गहलोत के कटाक्षों का जवाब देते आए हैं।
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने मीडिया से मुस्कुराते हुए कहा कि, ’मेरा सपना सीएम बनना नहीं बल्कि जनता का विकास करना है।’
जिसके बाद एक बार फिर से राजनीतिक गलियारों और सोशल मीडिया पर बयार चल पड़ी कि जनता का विकास तो उच्च पद पर आसीन होकर ही किया जा सकता है। तो क्या सचिन पायलट का सपना भी कही सीएम बनने का तो नहीं!
दरअसल, शनिवार को टोंक विधायक सचिन पायलट टोंक में एक सभा को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने जिले के कई गांवों में निर्माण कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। ऐसे में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने वीरांगनाओं को लेकर भी बड़ा बयान देते हुए गहलोत सरकार पर भी बातों-बातों में निशाना साधा।
पायलट ने कहा कि वीरांगनाओं के मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। संयम से काम लेेना चाहिए। सैना देश का गौरव है और इन पर राजनीति होती है तो वह गलत है।
इसके बाद पायलट सीधे केन्द्र सरकार पर आ गए और मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला।