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जन स्वाभिमान सम्मेलन में जुटे प्रदेश से लाखों लोग, मंच पर साधु संत,धर्म गुरू
अजमेर | कायड़ विश्राम स्थली में रविवार को प्रदेषभर से जन स्वाभिमान मंच के संयोजक राजऋषि समताराम महाराज के आह्वान पर लाखों लोग जुटे।
इस कार्यक्रम में खास बात रही की मंच पर ना तो किसी राजनैतिक विचारधारा को जगह मिली ना ही किसी राजनेता को। इसके उलट अलग-अलग मजहब और संप्रदायों के सैंकड़ों संत और धर्मगुरूओं ने मंच की शोभा बढाई।
नांद पुष्कर गौशाला के संत और जन स्वाभिमान मंच के संयोजक राजऋषि समताराम महाराज ने मंच से बोलते हुए कहा जिस तरह से उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यराज ने गुंडाराज का खात्मा किया हैं, वैसे ही अब राजस्थान में भी एक और संत आ गया है,जो जातिवाद और जातिवादी नेताओं को चुनौती देता है।
महाराज ने कहा कि मुझे चुनाव नहीं लड़ना लेकिन राजस्थान की राजनैतिक हालातों को लेकर मेरे मन में एक पीड़ा है। आज राजस्थान में हर तरफ एक विशेष जाति संसाधनोें और नौकरियों पर एक तरफा कब्जा जमाएं हुए है। मूल ओबीसी को उसके आरक्षण का जायज लाभ नहीं मिल पा रहा है।
इसलिए मूल ओबीसी के अधिकार सुरक्षित हो सके,इसके लिए आरक्षण का वर्गीकरण आज सबसे बड़ी जरूरत है। साथ ही प्रदेश में दलितों पर एक दंबग जाति द्वारा आयेदिन अत्याचार किए जा रहे है। डांगावास और राणासर जैसी घटनाएं प्रदेश में लिए कलंक है। लेकिन इस तरह की घटनाओं को कुछ जातिवादी नेताओं का खुला संरक्षण है।
महाराज ने कहा कि देश में लोग सनातन खतरे में होने की बात कह रहे है,लेकिन मुझे लगता है मानवतावाद खतरे में हैं। ऐसे में अब हमें इन चुनावों में एकजुट होकर जातिवादी और जातियों की राजनीति करने वाले नेताओं को वोट की चोट से सबक सिखाएंगे और इस बार विधानसभा में जाने से रोकेंगे।
सब्सिडी की तर्ज पर छोड़े आरक्षण-राॅयल
उद्योगपति-भामाशाह मेघराज सिंह राॅयल ने आरक्षण को लेकर मंच से कहा की जिन आरक्षित लोगों को इसका फायदा मिल चुका है,वे जिस तरह से सक्षम लोगों ने प्रधानमंत्री के आह्वान पर गैस सब्सिीडी छोड़ी, वैसे ही आरक्षण भी छोड़े।
इन चुनावों में संगठित होकर वोट की चोट देने का आह्वान किया। राॅयल ने कहा की देश की आजादी के 76 साल होने के बाद भी डांगावास,राणासर जैसी घटनाएं हो रही है, जाति विशेष के लोग इन घटनाओं को अंजाम दे रहे है और मूल ओबीसी के हक को मार रहे है। ऐसे नेताओं को इन चुनावों में सबक सिखाना होगा। साथ ही मूल ओबीसी के वर्गीकरण की भी आवश्यकता है।
दलित नहीं सहयोगी भाई
समताराम महाराज ने मंच से कहा की बार बार चुनावों के समय या अन्य समयों पर दलित भाई को लोग याद करते है। इन्हें दलित ना बोलकर सहयोगी भाई बोला जाना चाहिए।
राम ने लगाया था गले,तो हम क्यों नहीं-बांदीकुई
युवा नेता शक्ति सिंह बांदीकुई ने अपने संबोधन में कहा की भगवान श्री राम ने भी दलितों व पिछड़ों को गले लगाने की सीख दी है, गोतम बुद्ध सहित राजस्थान के लोकदेवता रामदेव जी तंवर, पाबू जी राठौड़, गोगा जी चौहान भी सबको गले लगाकर चले, हम उनके आदर्श अपनाते हुए सर्व धर्म समभाव की स्थापना करे। राजनीति में विषतत्व का खात्मा हो तथा अमृत तत्व की स्थापना हो।
दलितों के हितैशी समाज को पहचाने-मेघवंशी
अजमेर के दलित नेता मुकेश मेघवंशी ने राणासर हत्याकांड की चर्चा करते हुए कहा कि समताराम महाराज के एक फोन कॉल पर भामाशाह मेघराज सिंह रॉयल से 50 लाख रूपए की आर्थिक मदद करवाई।
आगामी चुनावों में जातिवादी नेताओं के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए वोट की चोट दी जाएंगी। जो लोग स्वयं जातिवाद करते है और आरपीएससी के सदस्य बनाने पर कर्नल केसरी सिंह का विरोध कर रहे है। ऐसे में मेघवाल समाज उनके साथ है।
सभी जाति-धर्म के गुरू व प्रचारक रहे मौजूद
कार्यक्रम में मंच पर ऋषिकेश से आएं अरूणगिरी महामंडलेश्वर, स्वामी रामभजन दास महाराज, महंत मंगलनाथ, महामंडलेश्वर नंदगिरी नसीराबाद,सागर बापु कबीर आश्रम पुष्कर, जैन संत अरविंद मुनि, सिंधी साध्वी अनादि सरस्वती, कृष्ण भक्त महेन्द्र सिंह,धीरज राम महाराज,ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह गद्दीनशीन गुलाम किबेरिया,मोहम्मद असलम काशमी जयपुर सहित कई साधु-संत, धर्म प्रचारक आर्शीवाद देने मौजूद रहे।
इन वक्ताओं ने भी किया संबोधित
बिहार से आए विधायक चेतन आनंद, हेमलता शर्मा, मेघराज यादव, प्रियंका मेघवंशी, श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी, महिपाल सिंह मकराना, मुकेश मेघवंशी, गजेंद्र सिंह चिराना,सिरोही से आए संत भजनाराम ने भी संबोधित किया।
मंच संचालन देवेन्द्र सिंह शेखावत एवम मेजर अनिता राठौड़ ने किया।