Highlights
- सऊदी अरब से आए शव को जोधपुर एम्स ने मॉर्च्युरी में रखने से किया इनकार।
- मृतक रमेश कुमार के परिजन रातभर पोस्टमॉर्टम की गुहार लगाते रहे।
- एम्स प्रशासन ने संस्थान की नीति का हवाला देते हुए शव रखने से मना किया।
- परिजनों को अंततः शव लेकर दूसरे अस्पताल जाना पड़ा।
जोधपुर: बालोतरा (Balotra) के रमेश कुमार मेघवाल (Ramesh Kumar Meghwal) की सऊदी अरब (Saudi Arabia) में संदिग्ध मौत हुई। जोधपुर एम्स (Jodhpur AIIMS) ने शव मॉर्च्युरी में रखने से इनकार किया। परिजन रातभर पोस्टमॉर्टम की गुहार लगाते रहे, पर एम्स नहीं माना। बालोतरा जिले के एक युवक रमेश कुमार मेघवाल की 13 नवंबर को सऊदी अरब में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। गुरुवार को उनका शव भारत लाया गया। परिजन चाहते थे कि जोधपुर एम्स में शव का पोस्टमॉर्टम हो, लेकिन एम्स प्रशासन ने शव रखने से इनकार कर दिया। परिवार पूरी रात शव के साथ अस्पताल में ही बैठा रहा। वे लगातार एम्स प्रशासन से मॉर्च्युरी में शव रखने की गुहार लगाते रहे।
एम्स प्रशासन का अड़ियल रवैया
एम्स संस्थान पुलिस चौकी पर तैनात कॉन्स्टेबल ने भी एम्स प्रशासन को गिड़ा थानाधिकारी का एक पत्र दिखाया। इस पत्र में शव को मॉर्च्युरी में रखने का अनुरोध किया गया था। इसके बाद पुलिस अधिकारी भी एम्स पहुंचे और मामले में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया। हालांकि, डॉक्टरों ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि एम्स भारत सरकार का संस्थान है। उनका तर्क था कि राज्य सरकार के अधीन किसी अन्य अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कराया जा सकता है।
परिजनों ने जताई मौत पर संदेह
मृतक रमेश के भाई गैनाराम ने अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि 35 दिन बाद उनके छोटे भाई रमेश कुमार मेघवाल का शव गुरुवार दोपहर जयपुर एयरपोर्ट पहुंचा था। परिजनों ने रमेश की मौत को लेकर गहरा संदेह जताया है और दोबारा पोस्टमॉर्टम कराने की मांग की है। गैनाराम ने बताया कि वे अपने छोटे भाई का शव लेकर जोधपुर एम्स अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने पूरी रात वहीं इंतजार किया और एम्स प्रशासन से शव को मॉर्च्युरी में रखने की गुहार लगाई। पहले एम्स प्रशासन ने परिजनों से पुलिस की ओर से संबंधित थानाधिकारी का एम्स के नाम पत्र मंगवाने को कहा था। जब गिड़ा थानाधिकारी का पत्र भी एम्स प्रशासन को भेज दिया गया, उसके बाद भी जोधपुर एम्स प्रशासन ने शव को मॉर्च्युरी में रखने से मना कर दिया। परिवार बालोतरा के बायतू स्थित सोहड़ा मेघवालों की ढाणी का रहने वाला है। रमेश के परिजन एम्बुलेंस में डेडबॉडी लेकर रातभर इंतजार करते रहे। सुबह उन्हें दूसरी अस्पताल में शव लेकर जाना पड़ा।
एम्स के प्रवक्ता का स्पष्टीकरण
एम्स प्रशासन के इस रवैये का राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा ने भी विरोध जताया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के आधार पर एम्स में चिकित्सा या किसी सुविधा में भेदभाव नहीं किया जा सकता है। हालांकि, उनके हस्तक्षेप का भी एम्स प्रशासन पर कोई असर नहीं हुआ। एम्स के प्रवक्ता डॉ. जीवनराम ने इस मामले पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि संस्थान में इलाज के दौरान किसी व्यक्ति की मौत होने पर ही उसकी बॉडी यहां मॉर्च्युरी में रखी जाती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दूसरी जगह से आई बॉडी को यहां मॉर्च्युरी में नहीं रखा जाता है।
अंततः बालोतरा रवाना हुए परिजन
जोधपुर एम्स प्रशासन के इनकार के बाद रमेश के परिजन निराश हो गए। शुक्रवार सुबह वे बॉडी को एम्बुलेंस में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए बालोतरा रवाना हो गए। परिवार को उम्मीद है कि बालोतरा में शव का सही तरीके से पोस्टमॉर्टम हो पाएगा और उन्हें अपने बेटे की मौत का सच पता चल पाएगा।
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