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यहां कार्यरत हर व्यक्ति कि यही सोच है कि अकेला काफी हूँ। ये फीलिंग अकेला काफी नहीं कि सोच से अलग और सफलता की सबसे बड़ी वजह है। श्री बांगड़ ने अपने सम्बोधन में भगवान शिव की कहानी सुनाई और कहा कि शिव इसलिए देवों के देव महादेव थे क्योंकि उन्होंने हर व्यक्ति में महादेव देखा और हर हर महादेव का उद्घोष किया।
सीमेन्ट उत्पादन में भारत ही नहीं,दुनिया भर में अग्रणी बांगड़ समूह के 'टोर्च बियरर' कहे जाने वाले समूह चेयरमेन हरिमोहन बांगड़ ने कहा है कि बदलाव वक्त की जरूरत होता है। जो वक्त पर नहीं बदलता उसे वक्त बदल देता है।
बांगड़ ने श्री सीमेन्ट की सफल यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि इस यात्रा को दो हिस्सों में बांटकर महसूस किया जा सकता है - वर्ष 2000 से पूर्व और वर्ष 2000 के बाद।
सन 2000 में श्री सीमेन्ट में हनुमानजी की मूर्ति की स्थापना एयर मंदिर निर्माण के बाद श्री सीमेन्ट को मिली सफलता को ईश्वरीय देन बताते हुए उन्होंने कहा कि लोग इस सफलता के बारे मे पूछते हैं तो मेरा एक ही जवाब होता है -ईश्वरीय कृपा और हमारी टीम की सोच।
यहां कार्यरत हर व्यक्ति कि यही सोच है कि अकेला काफी हूँ। ये फीलिंग अकेला काफी नहीं कि सोच से अलग और सफलता की सबसे बड़ी वजह है।
श्री बांगड़ ने अपने सम्बोधन में भगवान शिव की कहानी सुनाई और कहा कि शिव इसलिए देवों के देव महादेव थे क्योंकि उन्होंने हर व्यक्ति में महादेव देखा और हर हर महादेव का उद्घोष किया।
श्री सीमेन्ट की सफलता की कहानी भी वैसी ही है। हर व्यक्ति ने अपनी काबिलियत समझी और अकेला काफी हूँ की सोच के साथ काम किया। श्री बांगड़ ब्यावर में आयोजित श्री सीमेन्ट के 23 वें हनुमान मंदिर वार्षिकोत्सव में बोल रहे थे।
वार्षिकोत्सव में स्वागत भाषण देते हुये श्री सीमेंट के प्रबंध निदेशक नीरज अखोरी ने कहा कि श्री सीमेन्ट कम्पनी नहीं,एक ऐसी संस्था है,जिसने प्रदूषण नियंत्रण के मानकों पर खरा उतरकर विश्वस्तर पर अपनी पहचान बनायी है।
इस संस्था कि जन्मभूमि ब्यावर है ,जिसने ब्यावर से आगे बढ़ते हुये भारत ही नहीं, विदेशों में सफलता का अपना झंडा गाड़ा है। श्री अखोरी ने कहा कि सभी कर्मियों ने मेहनत और पूरी लगन से इसे मोस्ट एफिशिएंट एंड इनोवेटिव प्लांट बनाया।
उन्होंने कहा कि यह बताते हुए गर्व है कि कार्बन डिस्क्लोजर पर काम करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने श्री सीमेंट द्वारा प्रदूषण रोकने में हासिल सफलताओं को विश्व स्तर पर रेखांकित किया है।
श्री सीमेन्ट के प्रबंध निदेशक ने अपने सम्बोधन में प्रशांत बांगड़ के नेतृत्व की तारीफ करते हुये कहा कि उनके नेतृत्व में अब हमारा लक्ष्य 50 मिलियन टन सीमेन्ट उत्पादन से बढ़कर 100 मिलियन टन सीमेन्ट का उत्पादन है। जिसे प्रशांत बांगड़ के नेतृत्व में हम पूरा करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
अखोरी ने इस बात पर संतोष जताया कि बांगड़ समूह से जुड़े सभी लोग व्हिस्की,सिगरेट नहीं, घर बनाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत ही नहीं,यूएई में भी घर बनाने में अगर किसी की बड़ी भूमिका है तो वह इसी समूह की।है।
इस अवसर पर समूह के मेंटर,गाईड कहे जाने वाले श्री वेणुगोपाल बांगड़ ने वार्षिकोत्सव में आये हजारों लोगों का स्वागत करते हुये कहा कि सन 2000 में यहां स्थापित हनुमान जी की मूर्ति की प्रतिष्ठा के बाद जो भी कुछ है वह हनुमानजी की कृपा से है।
यहां पर कार्यरत सभी कर्मचारियों, अधिकारियों का सहयोग तो है ही, जो कुछ श्री सीमेन्ट ने हासिल किया वह हनुमान जी की कृपा से है।
समूह के कर्णधार और भविष्य कहे जाने वाले श्री सीमेन्ट के वाइस चेयरमैन श्री प्रशांत बांगड़ नें 23 वे वार्षिक महोत्सव को कोविड काल के बाद का सामूहिक उत्सव बताया और कहा कि समूह समय की आवश्यकता के अनुसार बदलाव की राह पर है। बदलाव सवाल भी पैदा करता है रोमांच भी पैदा करता है।
सफलता का क्रम निरन्तर तभी बना रहता है जब बदलाव होता रहे। उन्होंने कहा कि 2002 में 2 मिलियन टन से 2022 में 50 मिलियन टन का लक्ष्य हासिल करने के बाद अब हमारा लक्ष्य 2030 में 100 मिलियन टन सीमेन्ट का उत्पादन है।
इस लक्ष्य को हासिल करने में श्री सीमेन्ट अवश्य सफल होगा लेकिन यह भी वादा है कि संस्था अपनी प्रिंसिपल वेल्यू कभी नहीं बदलेगी। उसी वेल्यू के आधार पर श्री सीमेन्ट एफिशिएंसी में भी आगे रहा तो ग्रीनेस्ट प्लांट के तौर पर भी पूरी दुनिया में पहचाना गया।
श्री प्रशांत बांगड़ ने कहा कि इस समूह का कार्बन फुट प्रिंट वर्ल्ड में सबसे नीचे आंका गया है। भविष्य की योजनाओं पर बोलते हुये उन्होंने कहा -फ्यूचर इज वेरी एक्साइटिंग।
श्री संकटमोचन हनुमान वार्षिकोत्सव के इस अवसर पर आयोजित प्रीतम चक्रवर्ती लाइव में समूह के सभी कर्मचारियों, अधिकारियों और नीति नियामकों ने नृत्य कर समां बांध दिया।