Highlights
- 11वां भक्ति भजन जागरण नड़वा में भव्यता से संपन्न हुआ।
- कलाकारों ने भक्ति गीतों से देर रात तक श्रद्धालुओं को झुमाया।
- समिति सामाजिक और धार्मिक कार्यों में सक्रिय रूप से योगदान करती है।
- श्री बावड़ी बालाजी की दो मुखी प्रतिमा 550 वर्ष पुरानी है।
डिडवाना-कुचामन: डिडवाना-कुचामन (Didwana-Kuchaman) के नड़वा (Nadwa) में श्री बावड़ी बालाजी विकास समिति (Shri Bawdi Balaji Vikas Samiti) द्वारा 11वां भक्ति भजन जागरण (Bhakti Bhajan Jagran) संपन्न हुआ। भजन कलाकारों ने समां बांधा, श्रद्धालु देर रात तक झूमे।
भव्य आयोजन और सामाजिक सरोकार
परबतसर तहसील के ग्राम नड़वा में श्री बावड़ी बालाजी विकास समिति ने 11वें भक्ति भजन जागरण का भव्य आयोजन किया।
इस अवसर पर एक विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
समिति हर वर्ष की भांति इस बार भी भक्ति-भजन कार्यक्रम आयोजित करती है, जिसके लिए विभिन्न भामाशाहों से राशि एकत्र की जाती है।
यह राशि गौशाला संचालन, गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह में सहयोग, हर वर्ष वृक्षारोपण और आसपास के सरकारी विद्यालयों के विकास में उपयोग की जाती है।
इसके अतिरिक्त, निर्धन छात्रों को सहायता, प्राचीन मंदिरों का संरक्षण तथा जरूरतमंदों की मदद जैसे सामाजिक और धार्मिक कार्य भी किए जाते हैं।
अनोखी दो मुखी बालाजी प्रतिमा
श्री बावड़ी बालाजी धाम में विराजमान दो मुखी बालाजी की प्रतिमा लगभग साढ़े पांच सौ वर्ष पुरानी बताई जाती है।
यह अद्भुत मूर्ति बावड़ी की खुदाई के दौरान प्राप्त हुई थी, जो एक ही पत्थर पर निर्मित है।
प्रतिमा सामने से क्रोधित मुद्रा में और दूसरी ओर शांत मुद्रा में दिखाई देती है, जो अत्यंत अनोखी है।
यह अद्वितीय प्रतिमा हजारों श्रद्धालुओं की गहरी आस्था और आकर्षण का प्रमुख केंद्र बनी हुई है।
मंदिर का विकास और सुविधाएँ
प्राचीन श्री बावड़ी बालाजी स्थल पर पहले केवल एक छोटा चबूतरा हुआ करता था।
भामाशाहों के उदार सहयोग से अब यहां एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया गया है।
मंदिर परिसर में आने वाले साधु-संतों और दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जलपान और ठहरने की उत्तम व्यवस्था भी की गई है।
भक्तिमय प्रस्तुतियां और मंच संचालन
भव्य भजन कार्यक्रम में अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं, जिन्होंने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रसिद्ध कलाकार डॉ. ओम मुंडेल, देवेन्द्र लाम्बिया और विजय भादलिया ने अपनी भक्ति गीतों की सुंदर प्रस्तुतियों से पूरे वातावरण को भक्ति रस में डुबो दिया।
वहीं, आशु कवि शिक्षक उगमा राम बडारड़ा और सुभाष पारीक ने मंच का कुशल संचालन किया।
उन्होंने अपने उद्बोधन में भारतीय सनातन संस्कृति के गौरवपूर्ण इतिहास और महत्व का बखान किया।
गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति
इस पावन अवसर पर श्री बावड़ी बालाजी विकास समिति, नड़वा के कई प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे।
इनमें हरि सिंह नड़वा, रामचंद्र कागट, श्रवण नैण, जय सिंह और पुष्पेंद्र सिंह शामिल थे।
राजेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, शिवराज सिंह, कैलाश सिंह और नोरत कुल्डियां भी कार्यक्रम में मौजूद थे।
बलवीर सिंह, राजू बड़ासर, काना राम, महेंद्र भांभू और विक्रम सिंह सहित अनेक गणमान्य नागरिक एवं ग्रामीण उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
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