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लोकसभा चुनाव में जनता के बीच पहुंचने के लिए प्रदेश स्तर पर कार्य योजना तय की है। इसके तहत विभिन्न कार्य करवाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इससे भाजपा के कार्य और वादे जनता तक पहुंच सकेंगे तथा चुनाव में संगठन को फायदा मिल सकता है। प्रदेश सरकार की कार्य योजना को यहां पलीता लगाने का काम किया जा रहा है।
- चुनाव के बीच विफल दिख रहा भाजपा का स्थानीय नेतृत्व
- ऐन वक्त पर कार्यकारिणी घोषित कर विवादों को और हवा दे दी
सिरोही | प्रदेश में भाजपा सत्तासीन हुए तीन माह गुजर गए और लोकसभा चुनाव की रणभेरी भी बज चुकी है, लेकिन भाजपा का स्थानीय नेतृत्व शिथिल सा नजर आ रहा है। सरकार के कार्यों को जनता के समक्ष रखने और अपने कार्यों को भुनाने का कोई जज्बा तक नहीं दिख रहा। प्रदेशस्तरीय निर्देशों के बावजूद जिला स्तरीय पदाधिकारी सरकार के कार्यांे एवं वादों को जनता के बीच नहीं रख पा रहे। सीधे शब्दों में कहा जाए तो संगठन में स्थानीय स्तर पर नेतृत्व एक तरह से विफल साबित हो रहा है। चुनाव से ऐन पहले घोषित हुई जिला कार्यकारिणी ने इस बिखराव एवं विवादों को और हवा दे दी।
प्रदेश की कार्य योजना को लगा रहे पलीता
लोकसभा चुनाव में जनता के बीच पहुंचने के लिए प्रदेश स्तर पर कार्य योजना तय की है। इसके तहत विभिन्न कार्य करवाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इससे भाजपा के कार्य और वादे जनता तक पहुंच सकेंगे तथा चुनाव में संगठन को फायदा मिल सकता है। प्रदेश सरकार की कार्य योजना को यहां पलीता लगाने का काम किया जा रहा है।
पड़ोसी जिलों से पिछड़ा रह गया सिरोही नेतृत्व
राज्य सरकार के सौ दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में हर जिले में पत्रकारों से बातचीत करना तय किया गया है। पत्रकार वार्ता में सरकारी उपलब्धियों को गिनाया जाएगा, ताकि सरकार के किए कार्यों को जनता के बीच पहुंचा सके। लेकिन, स्थानीय नेतृत्व ने अभी इसका पालन नहीं किया है। यहां तक की पड़ोसी जिलों में इस तरह के कार्यक्रम समय रहते हो चुके हैं।
ज्यादा तत्परता की जरूरत पर ढिलाई दिख रही
लोकसभा क्षेत्र में जालोर व सिरोही दोनों जिले शामिल है। इनमें भी जालोर जिलाध्यक्ष प्रदेशस्तरीय कार्य योजना के तहत पत्रकार वार्ता कर चुके हैं। जबकि, सिरोही में अभी ऐसा कार्यक्रम नहीं हो पाया। चुनाव में इस बार भाजपा ने अपना प्रत्याशी भी सिरोही जिले के निवासी को चुना है। ऐसे में सिरोही को और ज्यादा तत्परता से कार्य करने की जरूरत है, लेकिन यहां ढिलाई नजर आ रही है।
जिलाध्यक्ष के गृह क्षेत्र से खोई रेवदर सीट
विधानसभा चुनाव में सिरोही जिले की तीन में से एक सीट भाजपा के हाथ से खिसक गई। रेवदर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा लगातार जीत रही थी, लेकिन इस बार कांग्रेस ने पटखनी दे दी। करीब तीन हजार मतों के अंतर से कांग्रेस ने इस सीट पर कब्जा किया। दिलचस्प तो यह रहा कि भाजपा को जिन बूथों से हार मिली वह आबूरोड के आसपास का क्षेत्र रहा और यह क्षेत्र भाजपा जिलाध्यक्ष का गृह क्षेत्र है।
सरकार के कार्यों को जनता तक पहुंचाया जा रहा है। इसके लिए एक दो दिन में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
- सुरेश कोठारी, भाजपा जिलाध्यक्ष, सिरोही