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सिरोही | मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध जिला अस्पताल में भर्ती मरीज की मौत हो गई। इस मामले में चिकित्सक पर लापरवाही बरतने एवं नशे की हालत में होने का आरोप लगाया गया है।
परिजनों ने आरोप लगाया कि कम्पाउंडर ने ही उपचार किया। मरीज की हालत बिगडऩे पर डॉक्टर को बुलाने गए, लेकिन डॉक्टर अन्य लोगों से गपशप करते रहे। समय पर उपचार शुरू नहीं किए जाने से मरीज की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर नशे की हालत में थे। इस कारण मरीज के उपचार में लापरवाही बरती।
उपचार नहीं मिलने से मौत हो गई
परिजनों ने बताया कि बुधवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे वे मरीज को लेकर आए थे। यहां भर्ती करने के बाद कम्पाउंडर ने उपचार शुरू किया। कोई डॉक्टर नहीं मिला। इसके बाद वे लोग डॉक्टर को बुलाने गए तो डॉक्टर अन्य लोगों से गपशप करते मिले। उनके कहने पर भी वे नहीं आए। समय पर उपचार नहीं मिलने से मरीज की मौत हो गई।
डॉक्टर की लापरवाही पर लोगों में रोष
मरीज की मौत के बाद लोगों ने रोष जताया। परिजनों व अन्य लोगों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए आक्रोश व्यक्त किया। इस तरह के मामले की निष्पक्ष रूप से जांच कर कार्रवाई किए जाने की मांग रखी। परिजनों ने इस सम्बंध में पुलिस में भी रिपोर्ट दी है।
यह है पूरा मामला
सिरोही निवासी मनीष पुत्र विष्णुकुमार रावल ने बताया कि बुधवार सुबह 8.15 बजे उसके पिता की तबीयत खराब होने पर इलाज के लिए जिला चिकित्सालय लेकर आया था। तब वहां कोई चिकित्सक उपस्थित नहीं मिला।
उस समय कम्पाउंडर ने अपने हिसाब से प्राथमिक इलाज प्रारंभ किया। जब पिता का स्वास्थ्य ज्यादा बिगडऩे लगा तो डॉ.नरेन्द्रसिंह सोलंकी के पास पहुंचे। चिकित्सक से पिता को देखने की गुहार की, लेकिन वे अन्य लोगों से गपशप करते रहे। बाद में आकर जांच की, लेकिन पिता का दम टूट गया था।
पीएमओ ने जारी किए जांच के आदेश
इस मामले में पीएमओ ने जांच के आदेश भी दिए हैं। डॉक्टर व कम्पाउंडर के नशे की हालत में होने सम्बंधी जांच के लिए मेडिकल ज्यूरिस्ट को निर्देशित किया गया है। आदेश के तहत अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्रसिंह सोलंकी व नर्सिंग अधिकारी विक्रमसिंह का परीक्षण किए जाने के निर्देश दिए हैं।
इन्होंने बताया...
परिजनों की ओर से लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में जांच की जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा।
- डॉ.वीरेन्द्र महात्मा, पीएमओ, जिला अस्पताल सिरोही
उस समय मेरी ड्यूटी नहीं थी पर मैं मरीज को देखने गया था। जब तक मैं वहां पहुंचा तब तक मरीज का दम टूट चुका था।
- डॉ. नरेन्द्रसिंह सोलंकी, चिकित्सक, सिरोही