Sanyam Lodha ने संभागीय आयुक्त से की बात: 5 दिन बाद भी जिला चिकित्सालय के हालात जस के तस

5 दिन बाद भी जिला चिकित्सालय के हालात जस के तस
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Highlights

  • जिला चिकित्सालय सिरोही की मोर्चरी और जनाना वार्ड की बदहाल स्थिति अभी भी जस के तस।

  • बालिका के शव को परिजनों ने कीचड़ और पानी में कंधों पर उठाकर मोर्चरी तक पहुँचाया।

  • नए 50-बेड जनाना वार्ड का निर्माण विलंबित, छत पर पानी और काई जमा, आईसीयू फॉल सीलिंग टूट चुकी।

  • संभागीय आयुक्त ने शीघ्र सुधार का भरोसा दिलाया, लेकिन ठेकेदार पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

सिरोही | जिला चिकित्सालय की बदहाल स्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री सलाहकार संयम लोढ़ा ने रविवार को संभागीय आयुक्त जोधपुर प्रतिभा सिंह से फोन पर बात की और तत्काल सुधार की मांग की। संभागीय आयुक्त ने शीघ्र स्थिति सुधारने का भरोसा दिलाया।

मोर्चरी तक शव ले जाना बना चुनौती

लोढ़ा ने आयुक्त को बताया कि शनिवार को एक बालिका की सर्पदंश से मौत के बाद उसका पोस्टमार्टम करवाना अत्यंत कठिन कार्य हो गया। शव लेकर अस्पताल पहुंचे परिजनों की एंबुलेंस पानी और कीचड़ में फंस गई, जिसे ट्रैक्टर से बाहर निकाला गया। मजबूरी में मृत बालिका को परिजनों ने अपने कंधों पर उठाकर कीचड़ और पानी के बीच से मोर्चरी तक पहुँचाया।
उन्होंने कहा कि पाँच दिन पूर्व ही उन्होंने जिला कलेक्टर से मुलाकात कर मोर्चरी की बदतर हालत और जनाना वार्ड के समीप सीवरेज व मलजल भराव की समस्या से अवगत कराया था, लेकिन हालात जस के तस हैं।

अस्पताल भवन निर्माण में विलंब

लोढ़ा ने बताया कि हाईवे पर बन रहे नए अस्पताल भवन का निर्माण कार्य भी वर्षों से लटका हुआ है। यह भवन अप्रैल 2024 तक पूरा होना था, लेकिन अब इसमें कम से कम एक वर्ष और लगने की संभावना जताई जा रही है। सरकार ने ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने इसे सरकार का “घनघोर निकम्मापन” करार दिया।

जनाना वार्ड की दुर्दशा

लोढ़ा ने हाल ही में निरीक्षण के दौरान देखा कि जनाना वार्ड के पास मल-मूत्र और सीवरेज का पानी जमा है, जिससे पूरी जगह दुर्गंध से भरी रहती है। अस्पताल की मोर्चरी तक बिना गाड़ी पहुँचना मुश्किल है। बरसात रुके कई दिन हो चुके हैं, फिर भी कोई सुधार नहीं हुआ।
इसके अलावा, जिला अस्पताल में निर्मित 50 बेड का नया जनाना वार्ड भी अभी तक शुरू नहीं हुआ है। इसकी छत पर पानी निकासी की सही व्यवस्था नहीं है, जिससे काई जम गई है। आईसीयू की फॉल सीलिंग शुरू होने से पहले ही टूट चुकी है, वहीं खिड़कियों की जालियाँ और केबल चोरी हो चुके हैं।

गर्भवती महिलाओं को डबल बेड पर लिटाना पड़ा

नए वार्ड के चालू न होने से गर्भवती महिलाओं को एक ही बेड पर दो-दो को सुलाना पड़ रहा है। यह स्थिति न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को दर्शाती है, बल्कि मरीजों के लिए गंभीर खतरा भी है।

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