Highlights
- चुनाव प्रक्रिया में 21 दिन के अनिवार्य नोटिस नियम का उल्लंघन किया गया.
- अध्यक्ष भीक सिंह देवड़ा पर उम्र सीमा और लगातार कार्यकाल नियमों की अनदेखी.
- जिला खेल अधिकारी के पर्यवेक्षक के बिना चुनाव को असंवैधानिक घोषित किया गया.
- धोखाधड़ी और आपराधिक कृत्यों के आरोप, IPC 420 के तहत FIR की मांग.
जयपुर. राजस्थान में सिरोही कबड्डी संघ (Sirohi Kabaddi Association) अध्यक्ष भीक सिंह देवड़ा (Bheek Singh Deora) पर अवैध चुनाव और धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं. शिकायत में खेल नियमों का गंभीर उल्लंघन बताया गया है.
आरोपों की झड़ी: नियमों की खुलेआम अनदेखी
सिरोही जिला ओलंपिक संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह चौहान हैं. सचिव रंजी स्मिथ ने यह शिकायत दायर की है.
इसमें भीक सिंह देवड़ा पर कई चौंकाने वाले आरोप लगाए गए हैं. यह आरोप राजस्थान स्पोर्ट्स एक्ट-2005 के उल्लंघन को दर्शाते हैं.
अवैध चुनाव प्रक्रिया
शिकायत में सबसे बड़ा आरोप अवैध चुनाव प्रक्रिया का है. देवड़ा ने 20 जुलाई 2025 के चुनाव में नियम तोड़ा.
चुनाव से 21 दिन पहले नोटिस देना अनिवार्य है. लेकिन देवड़ा ने केवल 20 दिन का नोटिस जारी किया था.
यह चुनाव को पूर्णतः असंवैधानिक बनाता है. इस पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं.
उम्र सीमा और लगातार कार्यकाल का उल्लंघन
राष्ट्रीय खेल विकास नीति 2011 के नियम स्पष्ट हैं. पदाधिकारी की अधिकतम उम्र 70 वर्ष होनी चाहिए.
कोई भी व्यक्ति लगातार 12 साल से अधिक पद पर नहीं रह सकता. शिकायत में देवड़ा पर इस नियम के उल्लंघन का दावा है.
देवड़ा पर तीसरी बार चुनाव लड़ने का आरोप है. नियमों के अनुसार कूलिंग ऑफ पीरियड अनिवार्य होता है.
सरकारी निर्देशों की अवहेलना
सिरोही जिला खेल-कूद केंद्र ने एक पत्र जारी किया था. इसमें देवड़ा के चुनाव को असंवैधानिक बताया गया.
जिला खेल अधिकारी द्वारा कोई पर्यवेक्षक उपलब्ध नहीं कराया गया था. देवड़ा ने इस सरकारी निर्देश की अनदेखी की.
घटिया प्रदर्शन और आपराधिक आरोप
शिकायत में देवड़ा पर खिलाड़ियों का प्रदर्शन खराब करने का आरोप है. उनके कार्यकाल में सिरोही के खिलाड़ियों का प्रदर्शन गिरा है.
उन पर धोखाधड़ी, जालसाजी के भी आरोप लगे हैं. यह IPC की धारा 420 के तहत गंभीर आपराधिक कृत्य हैं.
दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णय की भी अवमानना की गई है. यह मामला अब एक आपराधिक प्रकरण बन चुका है.
कानूनी कार्रवाई की मांग
शिकायतकर्ताओं ने तत्काल निष्पक्ष जांच की मांग की है. सभी आरोप सही पाए जाने पर कार्रवाई हो.
देवड़ा के खिलाफ राजस्थान स्पोर्ट्स एक्ट-2005 के तहत कार्रवाई हो. इसमें कठोर दंड की सिफारिश की गई है.
उन्हें छह साल के लिए खेलों से प्रतिबंधित किया जाए. साथ ही छह महीने की कैद और जुर्माना भी लगाया जाए.
उनके खिलाफ आपराधिक शिकायत (FIR) दर्ज करने की भी मांग है. यह मामला अब केवल खेल नियमों के उल्लंघन तक सीमित नहीं है.
राजस्थान सरकार और खेल प्रशासन के अगले कदम पर सबकी नजर है. यह लड़ाई खेल जगत में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की है.