Rajasthan: सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री जारी रहेगी, वकीलों की हड़ताल खत्म

सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री जारी रहेगी, वकीलों की हड़ताल खत्म
सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री जारी
Ad

Highlights

  • सोसायटी के पट्टों की रजिस्ट्री पहले की तरह जारी रहेगी।
  • अधिकारियों ने नोटिफिकेशन को लेकर बनी गलतफहमी दूर की।
  • वकीलों ने दो दिन बाद अपनी हड़ताल वापस ले ली।
  • धारा 22(क) के संशोधन को लेकर हुई थी असमंजस की स्थिति।

जयपुर: जयपुर (Jaipur) में सोसायटी (Society) के पट्टों (deeds) की रजिस्ट्री (registration) को लेकर दो दिन से चला आ रहा विवाद थम गया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि रजिस्ट्री पहले की तरह जारी रहेगी, जिससे वकीलों (lawyers) ने अपनी हड़ताल (strike) वापस ले ली।

सोसायटी के पट्टों के खरीद-बेचान की रजिस्ट्री को लेकर पिछले दो दिनों से जयपुर में जो असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, वह अब साफ हो गई है। दरअसल, वित्त विभाग के एक नोटिफिकेशन को सही से न समझने के कारण यह पूरा विवाद खड़ा हुआ था। लेकिन अब अधिकारियों ने बैठक कर इस गफलत को दूर कर दिया है और स्पष्ट किया है कि रजिस्ट्री प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं है।

डीआईजी स्टांप प्रथम देवेंद्र कुमार जैन ने इस मामले पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि रजिस्ट्री प्रक्रिया में किसी भी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है। सोसायटी के पट्टे पहले की तरह ही रजिस्टर्ड होते रहेंगे। यह खबर उन हजारों लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है जो अपने भूखंडों या संपत्तियों की रजिस्ट्री को लेकर अनिश्चितता का सामना कर रहे थे। इस विवाद के चलते कई महत्वपूर्ण सौदे भी अटक गए थे।

विवाद की जड़: गलतफहमी और नोटिफिकेशन

यह पूरा विवाद 2 दिसंबर को वित्त विभाग द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन से शुरू हुआ था। इस नोटिफिकेशन में 17 मार्च 2025 को जारी गजट को लागू करने की बात कही गई थी। इस गजट में धारा 22(क) में संशोधन किया गया था, जिसके तहत डिप्टी रजिस्ट्रार को अवैध और अनियमित हस्तांतरण से संबंधित दस्तावेजों की रजिस्ट्री करने से इनकार करने का अधिकार दिया गया था।

धारा 22(क) की गलत व्याख्या ने बढ़ाई परेशानी

जयपुर में कुछ डिप्टी रजिस्ट्रारों ने धारा 22(क) के इस संशोधन को सही ढंग से नहीं समझा। उन्होंने सोसायटी द्वारा बसाई गई उन अनियमित कॉलोनियों के भूखंडों के खरीद-बेचान से संबंधित दस्तावेजों को लेने से मना कर दिया, जिनकी जमीन की 90ए नहीं हुई थी। इस गलतफहमी ने ही पूरे विवाद को जन्म दिया और आम जनता के साथ-साथ वकीलों के बीच भी भ्रम की स्थिति पैदा कर दी।

वकीलों का विरोध और समाधान

डिप्टी रजिस्ट्रारों के इस कदम के विरोध में वकीलों ने हड़ताल शुरू कर दी थी, जिससे रजिस्ट्री कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया था। वकील भी इस नोटिफिकेशन को लेकर भ्रमित थे और उन्होंने अधिकारियों के कहने पर यह मान लिया था कि धारा 22(क) में हुए संशोधन के बाद सोसायटी की अनियमित कॉलोनियों के पट्टों के बेचान की रजिस्ट्री नहीं होगी। हालांकि, इस संशोधन में कहीं भी ऐसा प्रावधान या लिखित उल्लेख नहीं था, जिससे सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री पर रोक लगे।

इस बीच, सब रजिस्ट्रार ने दस्तावेज लेना बंद कर दिया और विभाग लगातार इसकी व्याख्या में उलझा रहा। इस पूरी घटना ने विभाग की लीगल टीम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए, कि जब संशोधन स्पष्ट प्रारूप में था तो इसे समय पर क्यों नहीं समझाया जा सका और जनता को परेशानी का सामना क्यों करना पड़ा।

अब अधिकारियों की बैठक और स्पष्टीकरण के बाद यह साफ हो गया है कि सोसायटी के पट्टों की रजिस्ट्री पहले की तरह ही जारी रहेगी। इस निर्णय से सभी पक्षकारों ने राहत की सांस ली है और वकीलों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है, जिससे अब रजिस्ट्री कार्यालयों में सामान्य कामकाज फिर से शुरू हो सकेगा।

Must Read: जालोर में विशाल ’किसान सम्मेलन’ का आयोजन, मंत्री-विधायक बने श्रोता और किसान बने वक्ता 

पढें राज्य खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News) के लिए डाउनलोड करें thinQ360 App.

  • Follow us on :