जयपुर में बोले सुधांशु त्रिवेदी: कांग्रेस अध्यक्ष का पर्चा खुद गहलोत ने लीक कर दिया, यहां कांग्रेस नेता के परीक्षा के पेपर लीक करवा रहे हैं

कांग्रेस अध्यक्ष का पर्चा खुद गहलोत ने लीक कर दिया, यहां कांग्रेस नेता के परीक्षा के पेपर लीक करवा रहे हैं
sudhanshu trivedi in rajasthan
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जयपुर की धरती से ही कन्फ्यूजन की पहली शुरुआत हुई थी आपको याद है ना अप्रैल 2021 में जयपुर में महंगाई पर रैली और भाषण हिंदुत्व पे तो वो हिंदू बना हिंदूत्व में कन्फ्यूज रहते थे.

महंगाई बनाम हिंदुत्व में भी कंफ्यूज हो गए और अर्थव्यवस्था में भी कंफ्यूज हो जाते हैं भारत मोबाइल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर बनता है वह कहते मैन्युफैक्चरिंग नहीं हो रही है हम विमानवाहक युद्ध पोत बना लेते हैं.

इंटरव्यू लेने वाला व्यक्ति जो एक बड़े प्रख्यात अभिनेता हैं जिन्होंने बहुत अच्छा अभिनय किया है। गेट अप बदलने के उनके कई अभिनय अविस्मरणीय हैं।

एक गेटअप बदले हुए नेता के साथ इंटरव्यू और किस व्यक्ति के द्वारा इसको ये नहीं पता था की चोल राजा हिंदू थे।

जयपुर | बीजेपी कार्यालय में भाजपा के नेता सुधांशु​ त्रिवेदी ने मीडिया को सम्बोधित किया।

उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता की व्यथा वेदना और आक्रोश की अभिव्यक्ति करती हुई जन आक्रोश यात्रा 128 विधानसभाओं में से गुजर चुकी है और 10 जनवरी तक सभी विधानसभाओं में अपनी यात्रा पूर्ण कर लेगी.

1 से लेकर 14 दिसंबर के बीच जो जन अक्रोश यात्रा हुई उसमें यदि चौपाल और नुक्कड़ सभाएं देखी जाए तो 62 हजार 211 हो चुकी है।

त्रिवेदी ने आगे कहा कि अब तक इस यात्रा और सभा के कार्यक्रम के द्वारा सवा दो करोड़ जनता के साथ हम संवाद स्थापित करने में सफल हुए. 92 लाख से अधिक लोगों को हम लोगों ने सरकार के विरुद्ध जो चार्जशीट यानि आरोप पत्र है वह दिया है तो ऐसा ही नहीं हमने जनता की समस्या को समझने का भी प्रयास किया है.

इस दौरान 14.5 लाख जन शिकायतें भी हमें प्राप्त हुई है और अब तक 1,15,000 किलोमीटर का सफर यह यात्रा तय कर चुकी है। परंतु इस यात्रा में आक्रोश की अभिव्यक्ति बहुत प्रखर रूप में दिखाई पड़ रही है।

उसका कारण यह है पूर्व के वर्षों में जब भी कोई राजस्थान में आता था जब हमारी सरकारें थी तो राजस्थान देश के लिए एक अत्यंत आकर्षक पर्यटन केंद्र भी है।

राजस्थान की छवि रहती थी की शांति समृद्धि और भारत के राष्ट्रीय गौरव को प्रकट करता हुआ दमकता हुआ राजस्थान होता था।

आज 4 वर्ष के कांग्रेस सरकार के शासनकाल के बाद बदहाली अराजकता और खतरनाक कट्टरता में दहकता हुआ राजस्थान दिखाई पड़ रहा है।

त्रिवेदी ने कहा कि इसके अतिरिक्त आक्रोश की बात इसलिए है कि राजस्थान की सरकार अपने आप में विश्वसनीयता के संकट की प्रतीक हो गई है। जो जो बातें उन्होंने कही थीं उसमें से कोई भी वादा उन्होंने पूरा नहीं किया।

चाहे वो जवानों से बेरोजगारी भत्ते की बात हो या किसानें का सारा कर्जा माफ करने की बात हो या शांति और सुख शांति स्थापित करने की बात हो।
बल्कि इसके उलट जिसे आज राजनीति में क्राइसिस ऑफ क्रेडिबिलिटी कहते हैं उसका सबसे बड़ा उदाहरण राजस्थान की सरकार ने दिया।

2019 के लोकसभा चुनाव में आपको याद हो कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा था की वो सेडिशन लॉ यानी देशद्रोह का जो कानून है उसे समाप्त कर देंगे। क्योंकि इसका दुरुपयोग होता है और आपको पता है कि 2019 के बाद पहली सरकार जिसने सेडिशन लॉ का यूज किया वो राजस्थान की सरकार थी।

अपराधियों और आतंकवादियों के विरुद्ध नहीं किया विधायकों के विरुद्ध किया और अपनी ही सरकार के विधायकों और मंत्रियों के विरुद्ध किया जिन्होंने संदेह था। तो यह अपने आप में क्राइसिस ऑफ क्रिएटिविटी और विश्वसनीयता के संकट का सबसे बड़ा उदाहरण।

फिर चाहे वह बेरोजगारी भत्ते की बात थी तो उसके बदले में बेरोजगारों को पेपर लीक की शृंखला मिली 1 2 3 नहीं एक के बाद एक होते हुए पेपर लीक और उसमें जिस प्रकार के लोगों की संलग्नता दिखाई पड़ रही है।

फिर वो चाहे सरकार के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में बैठे हुए बड़े लोग हों। सरकार में स्थापित लोग हो या राजीव गांधी स्टडी सर्कल से जुड़े हुए लोग हों। यह अपने आप में एक बार फिर विश्वसनीयता के संकट को और गहरा रही है। यदि सरकार से प्रत्यक्ष या परोक्ष ढंग से जुड़े हुए लोग इस प्रकार की चीजों में संलग्न संबंद्ध और आरोपित होते हुए नजर आ रहे हैं।

सुधांशु त्रिवेदी ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी कहते हैं कि बड़ी तत्काल कार्यवाही कर रहे हैं परंतु जिस प्रकार के आरोप और जिस प्रकार के संकेत दिखाई पड़ते हैं। वह तो यह बताते हैं कि आप चाहे तो होने से पहले ही कार्यवाही हो जाए क्योंकि तमाम लोग तो कहीं ना कहीं कांग्रेस पार्टी या सरकार से परोक्ष रूप से यदि प्रत्यक्ष नहीं तो परोक्ष रूप से जुड़े हुए दिखाई पड़ते हैं।

उससे भी अधिक दुख की बात ये है कि राजस्थान में कभी कानून व्यवस्था को लेकर इतनी बड़ी चुनौती नहीं थी। जितनी इस सरकार के समय में हो गई। आज स्थिति यह है कि किसी के भी साथ चाहे महिलाओं के साथ अपराध के मामले हों जो तेजी से बढ़ रहे हैं.

इन चार वर्षों में 7000 से अधिक हत्या के मामले आए हैं. 27000 से अधिक महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले आए हैं .4 वर्षों में 1 लाख 70 हजार मुकदमें महिलाओं के विरुद्ध अत्याचार के दर्ज हो चुके हैं.

इतना ही नहीं एंबुलेंस में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और पुलिस के कार्यालय में ऐसी स्थिति कभी राजस्थान में कल्पना नहीं की जा सकती थी. जिस स्थिति में आज इस सरकार ने पहुंचा दिया है.

फिर कट्टरपंथी शक्तियों को जिस प्रकार का प्रश्रय दिया गया है जो हौसले बढ़ाए गए. चाहे पीएफआई जैसा संगठन जो बाद में प्रतिबंधित हो गया उसको रैली निकलने की परमिशन हो या अत्यंत कट्टरपंथी शक्तियों के द्वारा किसी का सर काट देना.

त्रिवेदी ने आगे कहा कि उसके बाद ये वो सरकार है उस पार्टी की सरकार है जो कहती है की हम गांधी जी की विरासत के वन एंड ओनली एक्सक्लूसिव होलसोल कॉपीराइट होल्डर है। यानि गांधी की अहिंसा के एकमेव स्वघोषित स्वयंभू उत्तराधिकारी इतनी घनघोर हिंसा के बाद मुंह में दही जमा कर बैठते हैं.

फिर जनता के मन में आक्रोश उठाना बहुत स्वाभाविक और सहज हो जाता है. त्रिवेदी ने आक्रोशित स्वरों में कहा इसलिए एक नहीं अनेक घटनाएं दलितों के साथ आदिवासियों के साथ अत्याचार की और इतने भारी संख्या में हो रही थी. आज मैं कह सकता हूं कि एक राजस्थान जो कभी लॉ एंड ऑर्डर के हिसाब से बहुत अच्छी स्थिति में माना जाता था.

आज आपने बहुत से आंकड़े देखें कुछ अपराधों में तो देश में सबसे बुरी स्थिति में पहुंच गया है. इसलिए जनता के मन में सिर्फ नाराजगी नहीं आक्रोश है और इतना ही नहीं आक्रोश तब बढ़ जाता है. जब यहां के कोई मंत्री ये शब्द बोलते हैं कि यहां ये घटनाएं इसलिए हो रही हैं क्योंकि हम मर्दों का प्रदेश है. सर काटने पर वो मर्दानगी धरी की धरी रह जाती है।

यहां के मुख्यमंत्री जी याद करिए अभी करीब शायद एक या डेढ़ महीने पहले की बात है बोले थे 56% केस जो महिलाओं द्वारा दर्ज किए जाते हैं वो गलत होते हैं कितने बड़े वो सांख्यिकी और आर्थिक और इस मामलों के गणित के विशेषज्ञ हो गए। इतनी सटीकता के साथ प्रतिशत बता रहे हैं यह बोलना सरकार की संवेदनहीनता का बहुत ज्वलंत उदाहरण है।

पेपर लीक पर तंज कसते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पेपर लीक के मामले में राजस्थान कांग्रेस ने भी एक बहुत बड़ा रिकॉर्ड बनाया है। एक पेपर लीक हो गया था। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का और वो पेपर लीक हो गया कि अशोक गहलोत जी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने वाले हैं।

उसके बाद इस पार्टी ने जो उदाहरण प्रस्तुत किया वो आपको भारत की राजनीति में नहीं मिलेगा। यानि जो संभावित राष्ट्रीय अध्यक्ष था वो बागी हो गया अद्भुत उदाहरण किसी पार्टी में नहीं मिलेगा और इतना ही नहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी उसी श्रेणी में आ गए विधानसभा अध्यक्ष जी दूसरी श्रेणी में आ गए।

जो लोग आब्जर्वर बनकर आए उनसे कोई मिलने नहीं गया ऐसी बेबसी केंद्रीय नेतृत्व की देखने को नहीं मिलेगी। कोई किसी के बारे में अपशब्द बोलने लगा तो कोई किसी के बारे में कहने लगा की एजेंडा से आए हैं तो दूसरे ने कहा किसी के नाम नहीं ले रहा हूं। बड़े नेताओं के उन्होंने कहा इनके दिमाग के एलाइनमेंट बिगड़ गया है.

ये क्या था ये आंतरिक लोकतंत्र का उदाहरण था अद्भुत आंतरिक लोकतंत्र है. ऐसा कन्फ्यूजन आपने कभी नहीं देखा होगा राहुल गांधी जी ने इंटरव्यू दिया कन्फ्यूजन को लेकर और वह अधिक महत्वपूर्ण इसलिए हो जाता है.

जयपुर की धरती से ही कन्फ्यूजन की पहली शुरुआत हुई थी आपको याद है ना अप्रैल 2021 में जयपुर में महंगाई पर रैली और भाषण हिंदुत्व पे तो वो हिंदू बना हिंदूत्व में कन्फ्यूज रहते थे.

महंगाई बनाम हिंदुत्व में भी कंफ्यूज हो गए और अर्थव्यवस्था में भी कंफ्यूज हो जाते हैं भारत मोबाइल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर बनता है वह कहते मैन्युफैक्चरिंग नहीं हो रही है हम विमानवाहक युद्ध पोत बना लेते हैं.

कमल हासन के साथ राहुल गांधी के इंटरव्यू के मुद्दे पर बोलते हुए त्रिवेदी ने कहा कि इंटरव्यू लेने वाला व्यक्ति जो एक बड़े प्रख्यात अभिनेता हैं जिन्होंने बहुत अच्छा अभिनय किया है। गेट अप बदलने के उनके कई अभिनय अविस्मरणीय हैं।

एक गेटअप बदले हुए नेता के साथ इंटरव्यू और किस व्यक्ति के द्वारा इसको ये नहीं पता था की चोल राजा हिंदू थे। कन्फ्यूजन की कितनी पराकाष्ठा है और कन्फ्यूजन ऐसा कि राजस्थान में भी उसे कन्फ्यूजन को लेकर खूब घमासान हुआ।

राजस्थान के जहाज को दो पायलट चला रहे हैं एक-एक डायरेक्शन में देना चाह रहा है दूसरा दूसरे डायरेक्शन में ले जाना चाह रहा है। उसको चला कौन रहा है और दोनों एक दूसरे के ऊपर कितने सुंदर—सुंदर शब्दों की पुष्प वर्षा कर रहे हैं। वह भी आपको दिखाई पड़ा है.

दु:ख की बात है यह राजस्थान की जनता के समस्याओं के निवारण से ज्यादा राजस्थान की कांग्रेस की सरकार आपस में एक दूसरे के विरुद्ध स्कोर सेटल करने में अधिक लगे हुए हैं। चाहे आपसी गुटबाजी हो या केंद्र के साथ तकरार यानि यहां भी रार ठनी हुई है और केंद्र से भी तकरार ठनी हुई है।

इसीलिए राजस्थान की जनता पूरी तरीके से सफर कर रही है और हम यदि एक पंक्ति में कहना चाहे तो अशोक गहलोत जी की कांग्रेस सरकार के राज में नौजवान परेशान किसान हैरान अर्थव्यवस्था कानून व्यवस्था के कारण जनता बुरी तरीके से हलकान और आइडियोलॉजी के नाम पर पाठ्य पुस्तकों में महाराणा प्रताप से ज्यादा अकबर महान। यह है 4 वर्ष का कांग्रेस सरकार का राजस्थान।

इसलिए हमें इस बात पर पूर्ण विश्वास है कि इन सारी चीजों से जो आक्रोश जनता के मन में भरा हुआ है। जिसका हमने प्रकटीकरण इस यात्रा के दौरान देखा है आगामी विधानसभा चुनाव में राजस्थान की जनता ऐसा जनादेश देगी कि आपके आसपास के जो दो राज्य हैं दो जगह ऐतिहासिक जनादेश आया।

एक तरफ है उत्तर प्रदेश जहां 40 वर्ष से कभी किसी को बहुमत नहीं मिला था और 1985 छोड़ दें तो 50—55 साल से कभी कोई सरकार लौट के नहीं आई थी हम शानदार बहुमत के साथ वापस आए इतिहास रचा। एक तरफ एक गुजरात जिसने 75 साल का सबसे बड़ा इतिहास रचा।

तो हमें पूर्ण विश्वास है कि राजस्थान कि जनता भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में ऐसा अभूतपूर्व जनादेश देगी जो गुजरात और उत्तर प्रदेश से भी अधिक अनूठा साबित होगा।

इसके लिए हम राजस्थान की जनता से यह आह्वान करते हैं की आप आइए सुख शांति समृद्धि को पुनः स्थापित करने के लिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत इस अमृत काल में महान भारत बनने के जिस पथ पर आगे बढ़ रहा है.

अपनी गौरवशाली परंपरा के अनुरूप नई भूमिका निभाइए और राजस्थान के गौरव के सूर्य को जो कांग्रेस की सरकार की काली छाया ने ढंक लिया है उसे अलग हटाकर सब मिलकर आगे बढ़िए.

अटल जी की पंक्ति के साथ समाप्त करता हूं कि भरी दुपहरी में अंधियारा सूरज परछाई से हारा अंतर तम का नेह निचोड़े बुझी हुई बाती सुलगाएं आओ मिलकर दिया जलाए

तो सारी जनता से हम आह्वान करते हैं मिलकर भारतीय जनता पार्टी के साथ आकर पुनः राजस्थान के गौरव और विकास का दीपक जलाएं धन्यवाद।

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