Highlights
- आमिर खान की बेहतरीन अदाकारी: आमिर खान ने महावीर सिंह फोगट के किरदार को पूरी तरह से निभाया है, जिसमें उन्होंने शारीरिक बदलाव, अभिनय और संवादों के माध्यम से इस किरदार को जीवंत किया, जो फिल्म की सफलता का एक अहम कारण बना।
Jaipur | "दंगल" (2016) भारतीय सिनेमा की एक ऐसी फिल्म है, जो केवल मनोरंजन नहीं बल्कि समाज में एक बड़ा संदेश देती है। यह फिल्म भारतीय पहलवान महावीर सिंह फोगट और उनकी बेटियों गीता और बबिता फोगट की जीवन पर आधारित है। फिल्म ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़े, बल्कि दर्शकों के दिलों में भी एक खास जगह बनाई।
"दंगल" की कहानी महावीर सिंह फोगट (आमिर खान) और उनकी बेटियों के जीवन के संघर्षों पर आधारित है। महावीर सिंह फोगट खुद एक पहलवान रहे थे, लेकिन उनका सपना था कि उनका बेटा पहलवान बने और भारत का नाम रोशन करे। जब उनकी पत्नी ने एक-एक करके चार बेटियां दी, तो उनका सपना टूटता नजर आया।
एक दिन, उनकी बेटियां गीता (फातिमा सना शेख) और बबिता (साक्षी तंवर) अपने मोहल्ले के लड़कों को पीट देती हैं, जो उन्हें गालियाँ दे रहे होते हैं। इस घटना से महावीर को एहसास होता है कि वह अपनी बेटियों को भी पहलवानी सिखा सकते हैं।
महावीर ने अपनी बेटियों को कठिन ट्रेनिंग दी, जिसका सामना समाज के रुढ़िवादी विचारों और उनके परिवार के विरोध से हुआ। लेकिन महावीर का विश्वास अपने बेटियों पर था और उसने उन्हें वह ट्रेनिंग दी, जो उन्हें भविष्य में सफलता दिलाने के लिए जरूरी थी।
गीता और बबिता ने अपने पिता के संघर्षों को समझा और उनके संघर्षों को साझा किया। गीता फोगट ने तो दुनिया भर में भारतीय पहलवानी को पहचान दिलाई और Commonwealth Games में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया।
"दंगल" केवल एक खेल की फिल्म नहीं है, बल्कि यह एक प्रेरणादायक कहानी है, जो यह दर्शाती है कि अगर किसी इंसान को अपनी मेहनत और समर्पण से सफलता प्राप्त करनी हो, तो उसे समाज के संकीर्ण विचारों और बंधनों को तोड़कर अपने सपनों की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। फिल्म महिलाओं की समानता और उनके अधिकारों को भी प्रमुखता से उजागर करती है।
महावीर सिंह फोगट ने यह साबित कर दिया कि लड़कियां भी किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं, और वे भी अपनी मेहनत और संघर्ष से किसी भी खेल में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं।
आमिर खान ने महावीर सिंह फोगट का किरदार बखूबी निभाया है। उन्होंने न केवल इस किरदार में पूरी तरह से डूबकर अभिनय किया, बल्कि इसके लिए शारीरिक परिवर्तन भी किए। फिल्म में उनका लुक, उनकी आवाज और बॉडी लैंग्विज पूरी तरह से महावीर सिंह फोगट के वास्तविक व्यक्तित्व से मेल खाती है। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने इस फिल्म को और भी प्रभावशाली बना दिया।
फिल्म का निर्देशन नितेश तिवारी ने किया है, जिन्होंने फिल्म की कहानी को सजीव रूप में पेश किया। फिल्म का संगीत भी बहुत प्रभावी है, विशेषकर "हूं मैं आरा" और "दंगल" गाने ने फिल्म की ऊर्जा को और बढ़ाया है। संगीत में उत्साह और प्रेरणा का मिश्रण है, जो फिल्म के संदेश को और मजबूत करता है।