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मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के वर्ष 2024-25 के बजट घोषणा बिंदु संख्या 92 की अनुपालना में बाड़मेर जिला कलक्टर टीना डाबी की ओर से जिला प्रशासन एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहयोग से दिव्यांगजन कल्याण एवं सशक्तिकरण के लिए ‘नवो बाड़मेर-समन्वित प्रयास सशक्त समाज अभियान’ के रूप अभिनव पहल की गई
जयपुर । अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर विशेष दिव्यांगजन के कल्याण और सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए बाड़मेर जिला कलक्टर टीना डाबी को सम्मानित किया गया। इस दौरान बाड़मेर जिले में नवो बाड़मेर के तहत समन्वित प्रयास,सशक्त समाज अभियान की सराहना की गई।
जयपुर में भगवंतसिंह सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह के दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोेत एवं आयुक्त एवं विशिष्ट शासन सचिव एच गुइटे ने बाड़मेर जिला कलक्टर टीना डाबी को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
इस दौरान बाड़मेर जिले में दिव्यांगजन कल्याण संबंधित कार्याें, नवो बाड़मेर के तहत समन्वित प्रयास,सशक्त समाज अभियान की सराहना करते हुए प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसकी तर्ज पर अभियान चलाने के बारे में अवगत कराया गया। राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान विभिन्न श्रेणियों में चयनित विशेष योग्यजनों एवं विशेष योग्यजनां के लिए कार्यरत सर्वश्रेष्ठ व्यक्तियों तथा संस्थाओं को 10 हजार रूपए की राशि, प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के वर्ष 2024-25 के बजट घोषणा बिंदु संख्या 92 की अनुपालना में बाड़मेर जिला कलक्टर टीना डाबी की ओर से जिला प्रशासन एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहयोग से दिव्यांगजन कल्याण एवं सशक्तिकरण के लिए ‘नवो बाड़मेर-समन्वित प्रयास सशक्त समाज अभियान’ के रूप अभिनव पहल की गई।
इस अभियान के माध्यम से दिव्यांगजन कल्याण की दिशा में बाड़मेर मॉडल जिला बनकर उभरा। बाड़मेर जिले में नवो बाड़मेर के तहत समन्वित प्रयास, सशक्त समाज अभियान के जरिए 7025 लोगों की स्क्रीनिंग करने के साथ 2130 दिव्यांग प्रमाण पत्र अनुमोदित किए गए। प्रदेश में पहली मर्तबा दिव्यांगों के मार्गदर्शन एवं सुविधाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए पोर्टल लॉच किया गया। इसके अलावा मतदान केन्दों की तर्ज पर सरकारी कार्यालयों की दिव्यांग अनुकूल ऑडिट भी करवाई गई।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण की पहलः नवो बाड़मेर समन्वित प्रयास सशक्त समाज अभियान के जरिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण की अभिनव पहल की गई। इसके लिए उपखंड मुख्यालयों पर शिविर लगाकर मेडिकल बोर्ड से प्रमाण पत्र जारी करवाकर सरकारी योजनाओं से जोड़ा गया। इसके अलावा वृहद स्तर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जरिए दिव्यांगजनों को सहायक अंग उपकरण उपलब्ध करवाए गए। बाड़मेर जिले में 6 अक्टूबर 2024 को नवो बाड़मेर समन्वित प्रयास सशक्त समाज अभियान की शुरूआत हुई।
बाड़मेर मरुस्थलीय जिला होने के कारण अनेक चुनौतियां होने के बावजूद राज्य सरकार एवं प्रशासन के समन्वित प्रयास से यह अभियान दिव्यांगजनों के लिए वरदान साबित हुआ। जिला कलक्टर टीना डाबी ने अभियान के सफल आयोजन के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग,पंचायतीराज एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं संबंधित हितधारकों के साथ बैठकें करके शिविरों मंे विभागीय समन्वय के माध्यम से आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करवाई। दिव्यांगजनों के रजिस्ट्रेशन एवं योजनाओं की जानकारी के लिए हेल्प डेस्क स्थापित किए गए। प्रत्येक शिविर स्थल पर सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की ओर से 10 ई-मित्र काउंटर की व्यवस्था की गई।
दिव्यांगजनों के पास पहुंची विशेषज्ञ टीम —
बाडमेर जिले की भौगोलिक विषमता एवं दूर दराज के क्षेत्रों में दिव्यांगजनों का चिह्नीकरण करना आसान कार्य नहीं था। इसके लिए समस्त उपखंड मुख्यालयों पर मेडिकल बोर्ड भेजे गए। इस बोर्ड में अस्थि, नेत्र, कर्ण, गला रोग सहित मनोरोग विशेषज्ञ शामिल थे। इस अभियान के तहत 0-6 वर्ष के आयु वर्ग के चिह्नीकरण के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग एवं 6 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के चिह्नीकरण के लिए शिक्षा विभाग तथा 18 वर्ष से अधिक के आयु वर्ग के चिह्नीकरण के लिए पंचायतीराज विभाग को नोडल विभाग बनाया गया। बाडमेर जिले के 8 उपखंड मुख्यालय पर 7025 लोगों की स्क्रीनिंग मेडिकल बोर्ड की ओर से की गई।
हजारों दिव्यांगों को मिला फायदाः दिव्यांग प्रमाण-पत्र एवं यूडीआईडी कार्ड अनुमोदन शिविरों में 7025 लोगो का परीक्षण कर मेडिकल बोर्ड की ओर से 2130 दिव्यांग प्रमाण पत्र अनुमोदित किए गए। स्वावलंबन पोर्टल पर 2130 अनुमोदित प्रमाण पत्रों में से प्रथम स्तर पर 1477 का सत्यापन किया गया एवं 1545 यूडीआईडी कार्ड जारी किए गए। इसी तरह दिव्यांग शिविरों में 55 दिव्यांगजनों के 122 बच्चों को पालनहार योजना से जोड़ा गया। नवीनीकरण से वंचित दिव्यांगों के 875 बच्चों का नवीनीकरण किया गया और सत्र 2024-25 के लिए 39 लाख 37 हजार 500 रुपए की स्वीकृति जारी की गई।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत के 73 दिव्यांगजनों के नवीन आवेदन स्वीकृत कर लाभांवित किया गया। इसी तरह 310 रोडवेज पास जारी किए और मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 72 दिव्यांगजनों के आवेदन करवाए गए।
मस्क्युलर डिस्ट्रोफी से पीड़ित दिव्यांगजनों को 1 लाख रुपए की इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर के लिए 72 दिव्यांगजनों का चिह्नीकरण करके आवेदन करवाया गया। इसके उपरांत 28 अक्टूबर को जिला स्तरीय दिव्यांग अंग उपकरण वितरण कार्यक्रम में उद्योग एवं वाणिज्य राज्यमंत्री के. के. विश्नोई की उपस्थिति में 358 दिव्यागजनों को 24.5 लाख रुपए की लागत के सहायक अंग उपकरण वितरित किए गए।