Highlights
- अमेरिकी प्रशासन ने ट्रम्प गोल्ड कार्ड वीजा पर 1 मिलियन डॉलर की फीस लगाई।
- कैलिफोर्निया समेत 20 अमेरिकी राज्यों ने इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दायर किया।
- राज्यों का तर्क है कि यह फीस गैर-कानूनी है और इससे डॉक्टरों-शिक्षकों की कमी बढ़ेगी।
- व्हाइट हाउस का कहना है कि नया नियम अमेरिकियों की भलाई के लिए है।
JAIPUR | अमेरिकी प्रशासन (US Administration) ने ट्रम्प गोल्ड कार्ड वीजा (Trump Gold Card Visa) आवेदनों पर 1 मिलियन डॉलर की फीस लगाई है। कैलिफोर्निया (California) के नेतृत्व में 20 अमेरिकी राज्यों (US States) ने इसे गैर-कानूनी बताते हुए कोर्ट में चुनौती दी, कहा इससे डॉक्टरों-शिक्षकों की कमी बढ़ेगी।
इस नए शुल्क के कारण अमेरिका में उच्च कुशल पेशेवरों का आना और भी महंगा तथा मुश्किल हो जाएगा। यह कदम ट्रम्प प्रशासन के 'अमेरिका फर्स्ट' एजेंडे का हिस्सा बताया जा रहा है।
गोल्ड कार्ड वीजा पर भारी फीस और राज्यों का विरोध
अमेरिकी प्रशासन ने ट्रम्प गोल्ड कार्ड वीजा के आवेदनों पर 1 मिलियन डॉलर (लगभग 9 करोड़ रुपए) की भारी फीस लगाई है। इस फैसले ने देश भर में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है।
कैलिफोर्निया के नेतृत्व में कुल 20 अमेरिकी राज्यों ने इस फीस के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दायर किया है। इन राज्यों का तर्क है कि यह फीस पूरी तरह से गैर-कानूनी है।
राज्यों की मुख्य आपत्तियां
राज्यों का कहना है कि इस भारी-भरकम फीस से अस्पतालों, स्कूलों, यूनिवर्सिटी और सरकारी सेवाओं में पहले से चल रही डॉक्टरों और शिक्षकों की कमी और गंभीर हो जाएगी। कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल रॉब बोंटा ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है।
उन्होंने कहा कि ये वीजा डॉक्टर, नर्स, इंजीनियर, वैज्ञानिक और शिक्षक जैसे उच्च कुशल प्रोफेशनल्स के लिए होता है। दुनियाभर का टैलेंट जब अमेरिका आता है तो पूरा देश आगे बढ़ता है।
इस मुकदमे में कैलिफोर्निया के साथ न्यूयॉर्क, इलिनॉय, वॉशिंगटन और मैसाचुसेट्स जैसे 20 बड़े राज्य शामिल हैं। यह राज्यों की एकजुटता को दर्शाता है।
संसद की मंजूरी के बिना फीस बढ़ाना गलत
राज्यों का एक प्रमुख तर्क यह भी है कि पहले H-1B वीजा की फीस 1,000 से 7,500 डॉलर (1 से 6 लाख रुपए) के बीच होती थी। संसद की मंजूरी के बिना अचानक फीस बढ़ा देना अवैध है।
वे इसे प्रशासनिक प्रक्रिया अधिनियम (APA) का उल्लंघन मानते हैं। उनका कहना है कि बिना नोटिस और पब्लिक कमेंट के इतना बड़ा नियम नहीं बनाया जा सकता है।
इसके अलावा, राज्यों ने यह भी बताया कि यह फीस वीजा प्रोसेसिंग की वास्तविक लागत से सैकड़ों गुना ज्यादा है। यह एक अनुचित और मनमाना शुल्क है।
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों पर गंभीर असर
राज्यों का कहना है कि इस फीस का सबसे बड़ा असर सरकारी और गैर-लाभकारी संस्थानों पर पड़ेगा। स्कूल, यूनिवर्सिटी और अस्पतालों को पहले वीजा में छूट मिलती थी।
लेकिन अब एक-एक विदेशी टीचर या डॉक्टर लाने में 9 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इससे ये संस्थान या तो अपनी सेवाएं घटाएंगे या दूसरी जरूरी योजनाओं से पैसा काटेंगे।
अमेरिकी शिक्षा विभाग की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इस साल अमेरिका के लगभग 75% डिस्ट्रिक्ट स्कूल को शिक्षक नहीं मिल पा रहे हैं। खासकर स्पेशल एजुकेशन, साइंस और बाइलिंगुअल शिक्षकों की भारी कमी है।
वहीं स्वास्थ्य क्षेत्र में भी स्थिति गंभीर है। साल 2024 में करीब 17,000 वीजा डॉक्टरों और नर्सों को दिए गए थे।
अनुमान है कि साल 2036 तक अमेरिका में 86,000 डॉक्टरों की कमी हो जाएगी। यह कमी ग्रामीण और गरीब इलाकों में पहले से ही गंभीर है।
व्हाइट हाउस का बचाव और आलोचकों की चिंता
अमेरिकी सरकार इस वीजा फीस बढ़ोतरी को जायज ठहरा रही है। व्हाइट हाउस का कहना है कि यह कदम वीजा प्रोग्राम के दुरुपयोग को रोकेगा।
इसका साथ ही अमेरिकी नागरिकों के वेतन और नौकरियों की रक्षा करेगा। यह 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के अनुरूप है।
इसके उलट, आलोचकों का कहना है कि इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा। भारत जैसे देशों से आने वाले 70% से ज्यादा प्रोफेशनल्स पर इसका असर पड़ेगा।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, प्रोफेशनल अब कनाडा, ऑस्ट्रेलिया या यूरोप जैसे देशों की ओर जा सकते हैं। यह अमेरिका के लिए प्रतिभा पलायन का कारण बन सकता है।
इसके साथ ही, ट्रम्प प्रशासन वीजा आवेदकों के सोशल मीडिया के पिछले 5 साल का रिकॉर्ड मांग रहा है। इससे जांच और सख्त हो जाएगी।
कुल मिलाकर, कुशल विदेशी कर्मचारियों के लिए अमेरिका जाना अब पहले से कहीं ज्यादा महंगा और मुश्किल होने वाला है।
ट्रम्प गोल्ड कार्ड की शुरुआत और उद्देश्य
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को 'ट्रम्प गोल्ड कार्ड' के लिए अप्लाई प्रोसेस शुरू करने का ऐलान किया था। कार्ड की कीमत 1 मिलियन डॉलर (करीब 9 करोड़ रुपए) है।
हालांकि, कंपनियों को अपने कर्मचारियों के लिए इस कार्ड के लिए 2 मिलियन डॉलर देना होगा। ट्रम्प ने इसी साल फरवरी में 'गोल्ड कार्ड' वीजा प्रोग्राम शुरू करने का ऐलान किया था।
उस वक्त उन्होंने इसकी कीमत 5 मिलियन डॉलर (45 करोड़ रुपए) रखी थी। सितंबर में इसे घटाकर 1 मिलियन डॉलर किया गया।
ट्रम्प का कहना है कि यह 'अमेरिका फर्स्ट' एजेंडे का हिस्सा है। इसका उद्देश्य टॉप टैलेंट (जैसे भारत-चीन से पढ़े स्टूडेंट्स) को अमेरिका में रोकना और कंपनियों को अमेरिका लाने के लिए है।
होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने कहा, "यह दुनिया के सफल उद्यमियों को आकर्षित करेगा।"
प्लेटिनम कार्ड की भी तैयारी
इसके साथ ही, ट्रम्प का प्लेटिनम कार्ड भी जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इसकी फीस करीब 5 मिलियन डॉलर (लगभग 45 करोड़ रुपए) है।
ट्रम्प का दृष्टिकोण: केवल टैलेंटेड लोगों को वीजा
गोल्ड कार्ड की अनलिमिटेड रेसीडेंसी में नागरिकों को सिर्फ पासपोर्ट और वोट देने का अधिकार नहीं मिलता। बाकी सारी सुविधाएं एक अमेरिकी नागरिक के जैसी मिलती हैं।
यह प्रक्रिया उसी तरह होगी, जैसे ग्रीन कार्ड के जरिए स्थायी निवास मिलता है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि यह वीजा प्रोग्राम खास तौर पर धनी विदेशियों के लिए है।
ताकि वे 1 मिलियन डॉलर देकर अमेरिका में रहते हुए काम कर सकें। उन्होंने कहा कि अब अमेरिका सिर्फ टैलेंटेड लोगों को ही वीजा देगा।
न कि ऐसे लोगों को जो अमेरिकियों की नौकरियां छीन सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस रकम का इस्तेमाल टैक्स को घटाने और सरकारी कर्ज चुकाने में किया जाएगा।
नए वीजा कार्ड और मौजूदा प्रणाली का प्रतिस्थापन
ट्रम्प ने गोल्ड कार्ड के अलावा 3 नए तरह के वीजा कार्ड भी लॉन्च किए थे। इनमें 'ट्रम्प गोल्ड कार्ड', 'ट्रम्प प्लेटिनम कार्ड' और 'कॉर्पोरेट गोल्ड कार्ड' शामिल हैं।
ट्रम्प गोल्ड कार्ड व्यक्ति को अमेरिका में अनलिमिटेड रेसीडेंसी (हमेशा रहने) का अधिकार देगा। वहीं ट्रम्प प्लेटिनम कार्ड जल्दी शुरू किया जाएगा।
कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक के मुताबिक, यह गोल्ड कार्ड मौजूदा EB-1 और EB-2 वीजा की जगह लेगा। ग्रीन कार्ड श्रेणियां बंद हो सकती हैं।
EB-1 वीजा अमेरिका का एक स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) वीजा है। यह उन लोगों के लिए है जो असाधारण क्षमता, उत्कृष्ट प्रोफेसर या शोधकर्ता, या बहुराष्ट्रीय कार्यकारी या प्रबंधक हैं।
EB-2 वीजा भी ग्रीन कार्ड के लिए है। यह उन लोगों के लिए है जो उच्च शिक्षा (मास्टर्स या उससे ऊपर) की योग्यता रखते हों या असाधारण क्षमता वाले पेशेवर हों।
ट्रम्प गोल्ड कार्ड से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल-जवाब
1. ट्रम्प गोल्ड कार्ड क्या है?
गोल्ड कार्ड एक नया वीजा/रेसिडेंसी प्रोग्राम है, जिसे डोनाल्ड ट्रम्प ने पेश किया है। यह अमेरिका में लंबे समय तक रहने, काम करने और नागरिकता (US citizenship) पाने का एक विकल्प है।
2. यह कार्ड किसको मिलेगा?
पारंपरिक वीजा या “ग्रीन कार्ड” (Green Card) से अलग यह प्रोग्राम खासतौर से अमीरों, इन्वेस्टर्स, बिजनेसमैन या टैलेंटेड प्रोफेशनल के लिए बनाया गया है।
3. ट्रम्प कॉर्पोरेट गोल्ड कार्ड क्या है?
ट्रम्प कॉर्पोरेट गोल्ड कार्ड कंपनी द्वारा अपने एक या अधिक कर्मचारियों के लिए जारी किया जाता है। कंपनी को प्रति कर्मचारी 15,000 डॉलर का गैर-वापसी योग्य DHS शुल्क देना होता है।
वेटिंग पूरी होने के बाद प्रति कर्मचारी 2 मिलियन डॉलर देना होता है। यह एक महत्वपूर्ण निवेश है।
4. कंपनी स्पॉन्सरशिप बदलना चाहे तो क्या होगा?
अगर कंपनी किसी कर्मचारी का स्पॉन्सरशिप बदलना चाहे तो नया फिर से 2 मिलियन डॉलर नहीं देना पड़ता। पुराना कार्ड नए कर्मचारी के लिए इस्तेमाल हो जाता है।
इसमें 1% सालाना मेंटेनेंस फीस और 5% ट्रांसफर फीस (नई DHS बैकग्राउंड चेक सहित) भी लगती है। यह प्रक्रिया को थोड़ा लचीला बनाता है।
5. आवेदक को कौन से फायदे मिलते हैं?
आवेदक को EB-1 या EB-2 वीजा के तहत लॉफुल परमानेंट रेजिडेंट स्टेटस (ग्रीन कार्ड) मिलता है। यह अमेरिका में स्थायी रूप से रहने और काम करने का अधिकार देता है।
6. क्या परिवार के सदस्य भी आवेदन कर सकते हैं?
हां। पति/पत्नी और 21 साल से कम उम्र के अविवाहित बच्चे मुख्य आवेदक के साथ शामिल किए जा सकते हैं। उन्हें भी तेज प्रोसेसिंग मिलती है।
हर परिवार के सदस्य के लिए अलग से 15,000 डॉलर DHS शुल्क और 1 मिलियन डॉलर देना होता है। यह परिवार के लिए भी एक बड़ा खर्च है।
7. आवेदन कैसे करें और क्या जिम्मेदारी है?
ऑनलाइन आवेदन और 15,000 डॉलर का शुरुआती शुल्क वेबसाइट (https://trumpcard.gov/) के माध्यम से जमा करना होता है। इसके बाद DHS वेटिंग शुरू करता है।
वेटिंग सफल होने पर आगे की फीस जमा करनी होती है। USCIS ईमेल के जरिए myUSCIS.gov अकाउंट बनाने और आगे के दस्तावेज जमा करने के निर्देश भेजता है।
8. पेमेंट कैसे करें?
15,000 डॉलर प्रोसेसिंग फीस क्रेडिट कार्ड (अमेरिकी व अंतरराष्ट्रीय) या ACH डेबिट (केवल अमेरिकी बैंक) से जमा की जा सकती है।
10 लाख या 20 लाख डॉलर फीस वेटिंग के बाद मिले ईमेल के अनुसार ACH डेबिट या Swift वायर ट्रांसफर से देनी होती है।
अन्य वीजा संबंधी छोटे शुल्क अमेरिकी विदेश विभाग अलग से बताता है।
9. ट्रम्प प्लेटिनम कार्ड क्या है? (जल्द आ रहा है)
ट्रम्प प्लेटिनम कार्ड व्यक्ति को बिना किसी ट्रैवल वीजा के हर साल 270 दिन तक अमेरिका में रहने की अनुमति देता है। यह एक प्रकार का विस्तारित पर्यटक या व्यावसायिक वीजा हो सकता है।
10. ट्रम्प प्लेटिनम कार्ड के फायदे क्या हैं?
ट्रम्प प्लेटिनम कार्ड वाले व्यक्ति को विदेश से कमाई हुई इनकम पर अमेरिका में कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। यह एक बड़ा वित्तीय लाभ है।
11. कौन आवेदन नहीं कर सकता?
अमेरिकी नागरिक या पहले से ग्रीन कार्ड वाले इस कार्ड के लिए अप्लाई नहीं कर सकते। यह कार्ड उन लोगों के लिए है जो अमेरिका में नए सिरे से स्थायी निवास या विस्तारित प्रवास चाहते हैं।
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