एक्टिव हुईं राजे: वसुंधरा राजे की राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात, सियासी चर्चाएं तेज

वसुंधरा राजे की राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात, सियासी चर्चाएं तेज
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राजस्थान के नतीजों से पहले सीएम अशोक गहलोत के बाद पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की राज्यपाल से मुलाकात के सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बनी हुई है। 

जयपुर | राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 का घमासान अपने अंतिम पड़ाव पर है और 3 दिसंबर यानि कल प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होने जा रहा है। 

ऐसे में पार्टियों के नेता मतदाताओं को रिझाने के बाद अब अपने-अपने देवी-देवताओं को मनाने में जुटे हुए हैं। 

इसी बीच चुनाव नतीजों से पहले पूर्व सीएम वसुंधरा राजे अब एक बार फिर से पूरी तरह से सक्रिय नजर आ रही हैं। 

सियासी गलियारों में चल रही बयार को देखते हुए माना जा रहा है कि अगर प्रदेश में अबकी बार बीजेपी की सरकार आती है तो सीएम वसुंधरा राजे का ही राज तिलक किया जाएगा। 

हालांकि, अभी पार्टी नेतृत्व की ओर से इस तरह का कोई ऐलान नहीं किया गया है। वैसे भी पार्टी ने इस बार पीएम मोदी और कमल के निशान पर जनता से वोट मांगा है। 

प्रदेश में विधानसभा चुनाव पूर्ण होते ही वसुंधरा राजे तुरंत धार्मिक यात्रा पर निकल गईं और भगवान से जीत का आशीर्वाद लिया।

इसी के साथ राजे बीजेपी प्रत्याशियों सहित अन्य नेताओं संग लगातार मुलाकात करने में लगी हुई हैं। 

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राज्यपाल कलराज मिश्र से मिली राजे 

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने राज्यपाल कलराज मिश्र से भी मुलाकात की है। राजे ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया।

राजस्थान के नतीजों से पहले सीएम अशोक गहलोत के बाद पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की राज्यपाल से मुलाकात के सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बनी हुई है। 

आपको बता दें कि राजे ने शुक्रवार को सबसे पहले जयपुर स्थित आरएसएस कार्यालय पहुंची और संघ नेताओं से चर्चा की। इस दौरान संघ प्रचारक निम्बाराम भी मौजूद रहे। 

इसके बाद देर शाम राजे ने राज्यपाल महोदय कलराज मिश्र से मुलाकात की। 

राजे ने राज्यपाल से मुलाकात करने से पूर्व मोतीडूंगरी गणेश मंदिर, मेहंदीपुर बालाजी में भी दर्शन किए। 

सीएम अशोक गहलोत भी मिले थे राज्यपाल से 

गौरतलब है कि प्रदेश की एग्जिट पोल जारी होने के तुरंत बाद दिल्ली से लौटे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी राज्यपाल कलराज मिश्र के पास पहुंचे थे और उनसे मुलाकात की थी। 

सीएम गहलोत और राज्यपाल की मुलाकात ने सियासी गलियारों को गरमा दिया था। हालांकि, सीएम गहलोत ने भी इसे  शिष्टाचार भेंट बताया था।

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