Highlights
- भारतीय वायुसेना की 93वीं वर्षगांठ पर विशेष 'देशभक्त मेन्यू' पेश किया गया।
- व्यंजनों के नाम भारत के इतिहास, गौरव और सैन्य पराक्रम को दर्शाते हैं।
- बालाकोट एयरस्ट्राइक और अन्य सैन्य अभियानों से प्रेरित डेज़र्ट शामिल थे।
- यह मेन्यू स्वाद के साथ-साथ राष्ट्रभक्ति का शक्तिशाली संदेश था।
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने अपनी 93वीं वर्षगांठ पर 'देशभक्त मेन्यू' पेश किया, जिसमें हर व्यंजन का नाम भारत के इतिहास और शौर्य को दर्शाता है। यह मेन्यू सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि भावनात्मक संदेश भी था।
भारतीय वायुसेना का अनोखा समारोह
भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने अपनी 93वीं वर्षगांठ पर एक ऐसा अनूठा समारोह आयोजित किया, जिसने न केवल स्वाद के ज़रिए बल्कि प्रतीकात्मक संदेशों के ज़रिए भी गहरी देशभक्ति का एहसास कराया।
इस विशेष अवसर पर परोसे गए मेन्यू में हर व्यंजन का नाम भारत के समृद्ध इतिहास, गौरवशाली परंपरा और अदम्य सैन्य पराक्रम की झलक लिए हुए था।
"अभ्रांत, अभेद्य और सटीक" की थीम
वायुसेना के प्रतीक चिन्ह से सजे मेन्यू कार्ड पर "93 Years of IAF – Infallible, Impervious and Precise" लिखा था, जिसका अर्थ है अभ्रांत, अभेद्य और सटीक।
इसी शक्तिशाली भाव को भारतीय वायुसेना ने इस बार अपनी खाने की थाली में भी बखूबी उतार दिया।
यह थीम वायुसेना के दृढ़ संकल्प और लक्ष्य के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
???????? पाकिस्तान को चिढ़ाने वाला मेन्यू : भारतीय वायुसेना का कमाल!
— Durag Singh Rajpurohit ???????? (@BarmerDurg) October 9, 2025
IAF की 93वीं वर्षगांठ पर वायुसेना ने परोसा ऐसा “देशभक्त मेन्यू” जिसमें हर डिश एक संदेश बन गई।
Rawalpindi Chicken, Balakot Tiramisu, Muzaffarabad Kulfi Faluda, Bahawalpur Naan
नाम ही काफी हैं बताने के लिए कि भारत… pic.twitter.com/llX7eOughS
मुख्य व्यंजनों में इतिहास की गूंज
मेन्यू में शामिल मुख्य व्यंजनों के नाम केवल खाने के नहीं थे, बल्कि वे इतिहास और भूगोल की गहरी गूंज लिए हुए थे।
विभाजित भारत की यादें
रावलपिंडी चिकन टिक्का मसाला का नाम पाकिस्तान के रावलपिंडी से जुड़ा था, जहाँ से भारत के इतिहास की कई महत्वपूर्ण कहानियाँ जुड़ी हैं।
रफ़ीक़ी रहारा मटन वायुसेना के बहादुर पायलटों की शौर्य गाथाओं की याद दिलाता है।
भोलाड़ी पनीर मेथी मलाई और सुक्कुर शाम सवेरा कोफ्ता सिंध के ऐतिहासिक क्षेत्रों की झलक प्रस्तुत करते हैं।
सरगोधा दाल मखनी, जैकोबाबाद मेवा पुलाव और बहावलपुर नान जैसे नाम उस भूभाग की याद दिलाते हैं जो कभी अविभाजित भारत का हिस्सा था।
यह मेन्यू केवल स्वाद का अनुभव नहीं था, बल्कि "यादों की सीमाओं" को पार करता हुआ एक गहरा भावनात्मक संदेश था कि भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत को कभी नहीं भूलता।
डेज़र्ट में शौर्य का जश्न
यदि मुख्य कोर्स ने भावनाएं जगाईं, तो डेज़र्ट ने भारतीय शौर्य का उत्साहपूर्वक जश्न मनाया।
बालाकोट तिरामिसू 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक का सीधा और गर्वभरा संकेत था।
मुज़फ़्फ़राबाद कुल्फ़ी फ़ालूदा वायुसेना के ऑपरेशनल क्षेत्रों की यादें मीठे अंदाज़ में ताज़ा करता है।
मुरिदके मीठा पान की हर बाइट में यह संदेश था कि भारतीय मिठास हर सीमा पार तक पहुँचती है।
संदेश: स्वाद और शौर्य का संगम
भारतीय वायुसेना का यह मेन्यू केवल एक भोज नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली प्रतीक था।
यह दर्शाता है कि भारतीय वायुसेना के जज़्बे का असर सिर्फ आसमान में ही नहीं, बल्कि जीवन के हर मंच पर देखा जा सकता है।
वायुसेना ने इस वर्षगांठ पर यह साबित कर दिया कि उनके निशाने सिर्फ़ लक्ष्य पर ही नहीं, बल्कि शब्दों और संदेशों में भी उतने ही सटीक होते हैं।
यह 'देशभक्त मेन्यू' स्वाद और संदेश का ऐसा अद्भुत संगम था, जिसने सभी का दिल जीत लिया और यह याद दिलाया कि भारत के लिए हर उत्सव, हर थाली और हर क्षण राष्ट्रभक्ति की भावना से ओत-प्रोत होता है।