बॉलीवुड : अक्षय कुमार को खिलाड़ी क्यों कहा जाता है

अक्षय कुमार को खिलाड़ी क्यों कहा जाता है
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बॉलीवुड |  अक्षय कुमार का नाम जब भी आता है, उनके साथ 'खिलाड़ी' का खिताब स्वत जुड़ जाता है। यह खिताब यूं ही नहीं मिला, बल्कि इसके पीछे कई किस्से और अनगिनत साहसिक प्रयास छिपे हुए हैं। 1990 के दशक में जब हिंदी सिनेमा में एक्शन फिल्मों का दौर बढ़ रहा था, अक्षय ने अपनी 'खिलाड़ी' सीरीज की फिल्मों से एक नई पहचान बनाई। इन फिल्मों ने अक्षय को न केवल एक्शन हीरो के रूप में स्थापित किया, बल्कि उन्हें "खिलाड़ी कुमार" का विशेष नाम भी दिया।


1994 में रिलीज हुई फिल्म 'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी' अक्षय के करियर में एक मील का पत्थर साबित हुई। इस फिल्म में उन्होंने सैफ अली खान के साथ काम किया और दोनों की जोड़ी को दर्शकों ने खूब सराहा। फिल्म में कई एक्शन सीन थे, लेकिन एक ऐसा सीन भी था जो आज भी याद किया जाता है। इस सीन में अक्षय को एक ऊंचाई से कूदना था, जो उस समय के हिसाब से काफी खतरनाक स्टंट था। आज की तरह तब सेफ्टी मैट्स या हाइट सेफ्टी हार्नेस जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं। इसके बावजूद अक्षय ने इस जोखिम को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के निभाया। उनका यह साहस और आत्मविश्वास लोगों के दिलों में उतर गया, और यहीं से उन्होंने "खिलाड़ी कुमार" का खिताब अर्जित कर लिया।


अक्षय कुमार की 'खिलाड़ी' सीरीज की शुरुआत 1992 में हुई, और इसके बाद एक के बाद एक कई फिल्में आईं जैसे 'सबसे बड़ा खिलाड़ी', 'खिलाड़ियों का खिलाड़ी', 'मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी' आदि। इन फिल्मों में अक्षय ने न केवल बेहतरीन एक्शन दिखाया बल्कि अपने अभिनय में विविधता भी दिखाई। इस सीरीज ने अक्षय को हिंदी सिनेमा का सबसे पसंदीदा एक्शन हीरो बना दिया। उनका हर स्टंट और हर एक्शन सीन दर्शकों को यह यकीन दिलाने में सफल रहा कि अक्षय कुमार एक ऐसे अभिनेता हैं जो अपने किरदार को जीते हैं।


अक्षय का "खिलाड़ी कुमार" बनने के पीछे उनके साहस और मेहनत का बड़ा योगदान है। उन्होंने फिल्मों में कई ऐसे एक्शन सीन किए जिन्हें करने से अच्छे-अच्छे एक्टर भी डरते। अक्षय के लिए अभिनय केवल एक काम नहीं, बल्कि एक जुनून है। वे हर फिल्म में अपने किरदार को पूरी ईमानदारी और लगन से निभाते हैं, और यह समर्पण ही उन्हें अन्य अभिनेताओं से अलग बनाता है।


अक्षय की खासियत यह है कि वे जोखिम लेने से कभी नहीं डरते। उनके करियर में ऐसे कई किस्से हैं जहाँ उन्होंने जोखिम भरे स्टंट किए हैं। यह साहस और आत्मविश्वास ही उन्हें एक बेहतरीन एक्शन स्टार बनाता है। चाहे ऊंचाई से कूदना हो, आग के बीच से गुजरना हो, या तेज रफ्तार गाड़ियों के बीच स्टंट करना हो, अक्षय ने हमेशा अपने काम को प्राथमिकता दी है।

अक्षय कुमार का "खिलाड़ी कुमार" का सफर केवल एक खिताब भर नहीं है, बल्कि यह उनके समर्पण, मेहनत और आत्मविश्वास का प्रतीक है। उन्होंने न केवल एक्शन फिल्मों में अपनी पहचान बनाई, बल्कि यह साबित कर दिया कि मेहनत और जुनून से इंसान किसी भी ऊंचाई को छू सकता है। उनके ये किस्से आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं, जो बताते हैं कि सफलता केवल शोहरत से नहीं, बल्कि मेहनत और आत्मविश्वास से मिलती है।


अक्षय कुमार की 'खिलाड़ी' सीरीज और उनका "खिलाड़ी कुमार" का खिताब बॉलीवुड में उनके अमिट योगदान की याद दिलाता है। उनकी फिल्मों से जुड़े ये किस्से दर्शाते हैं कि वे एक ऐसे अभिनेता हैं जो हर किरदार में अपनी पूरी जान लगा देते हैं। उनका यह समर्पण और साहस ही उन्हें बॉलीवुड के सबसे प्रिय "खिलाड़ी" के रूप में स्थापित करता है।

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