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सीपी जोशी की ताजपोशी में राजस्थान भाजपा के तमाम नेता और समर्थक मौजूद रहे। इनमें बस कमी नजर आई तो राजस्थान की पूर्व सीएम और भाजपा की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे की।
जयपुर । राजस्थान में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी में हुए बड़े बदलाव के बाद सोमवार को चंद्रप्रकाश जोशी (सीपी जोशी) ने पदभार संभाल लिया है।
चित्तौड़गढ़ सांसद ने आज जयपुर स्थित भाजपा कार्यालय में पूरे विधि-विधान के साथ राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की कमान संभाली।
सीपी जोशी की ताजपोशी में राजस्थान भाजपा के तमाम नेता और समर्थक मौजूद रहे। इनमें बस कमी नजर आई तो राजस्थान की पूर्व सीएम और भाजपा की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे की।
हालांकि, इस कार्यक्रम में भाजपा के किरोड़ी लाल मीणा भी स्वास्थ्य कारणों के कारण उपस्थित नहीं रहे, लेकिन सभी की निगाहें वसुंधरा राजे को ही ढूंढती नजर आई।
आपको बताना चाहेंगे कि राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री रह चुकी वसुंधरा राजे प्रदेश में दो बार पार्टी की प्रदेशाध्यक्ष रह चुकी हैं। वे पहली बार 14 नवम्बर, 2002 से 14 दिसम्बर, 2003 तक और दूसरी बार 2 फरवरी, 2013 से 12 फरवरी 2014 तक इस पद पर रही हैं।
इसके बावजूद वे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुई। जिसके चलते सियासी गलियारों में कई तहर की चर्चा भी सामने आई।
अरुण सिंह ने खोला राजे के नहीं आने का राज
हालांकि, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने वसुंधरा राजे के इस कार्यक्रम में नहीं आने का राज खोलते हुए बताया कि अभी नवरात्रि का पर्व चल रहा है और राजे माता की परम भक्त है। वे नवरात्रि में माता की आराधना करती हैं। ऐसे में वे धार्मिक कार्यक्रम में व्यस्त हैं। ऐसे में उन्होंने एक वीडियो संदेश के जरिए सीपी जोशी को शुभकामनाएं भेजी हैं।
"नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी,
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) March 27, 2023
मन बेचैन भया हैं तुम बिन वैतरणी,
ॐ जय यमुना माता"
आप सभी को मां यमुना जयंती की हार्दिक शुभेच्छाएं। यमुना नदी भारत भूमि की अमूल्य धरोहर है। आइए, सब मिलकर इसकी निर्मलता-अविरलता का व्रत लें।#YamunaJayanti pic.twitter.com/CYEJ55vwAH
इससे पहले आज निर्वतमान अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सीपी जोशी को माला पहनाकर और साफा बांधकर नई जिम्मेदारी सौंपी। सीपी जोशी ने भी पूनिया का मुंह मिठा करवाया।
बता दें कि, सतीश पूनिया को 14 सितंबर 2019 को राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद पर नियुक्त किया था। भाजपा के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी के निधन के बाद संगठन चुनाव प्रक्रिया अपनाकर पूनिया को निर्विरोध अध्यक्ष घोषित किया गया था। अब उनका कार्यकाल पहले ही पूरा हो चुका है।