सोनिया-राहुल की तस्वीर और कांग्रेस गायब: क्या पायलट अब कांग्रेस से आगे बढ़ चुके हैं, इस बीच गहलोत क्या बोल गए

क्या पायलट अब कांग्रेस से आगे बढ़ चुके हैं, इस बीच गहलोत क्या बोल गए
rahul gandhi and sonia gandhi photo less anshan by sachin pilot
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सचिन पायलट के अनशन में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता भी शामिल हुए और धरना स्थल पर पहुंचे समर्थकों ने उनके समर्थन में जमकर नारेबाजी की महिला समर्थक भी विरोध में शामिल हुईं और आयोजकों का दावा है कि लगभग 25,000 समर्थक धरना स्थल पर पहुंचे।

आम आदमी पार्टी ने भी पायलट के अनशन का समर्थन किया और जनता से उनका समर्थन करने की अपील की। 

जयपुर | राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ जयपुर में एक दिन का अनशन शुरू कर साहसिक कदम उठाया है। परन्तु इस धरना स्थल पर लगे पोस्टरों में राहुल-सोनिया या कांग्रेस के चुनाव चिह्न की तस्वीर नहीं थी।

इसके बजाय, केवल महात्मा गांधी की तस्वीर मौजूद थी। राज्य कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पूर्व उपमुख्यमंत्री के कार्यों को पार्टी विरोधी करार देते हुए जयपुर की अपनी यात्रा रद्द कर दी. जहां उन्हें पायलट के साथ बातचीत करनी थी।

 अनशन शहीद स्मारक पर सुबह 11 बजे शुरू हुआ और शाम चार बजे तक चला। अनशन की वजह पायलट की बीजेपी सीएम वसुंधरा राजे के शासन में हुए घोटालों की जांच की मांग थी।

पायलट अपने समर्थकों के साथ सुबह धरना स्थल पर पहुंचे, और कहा जा रहा है कि शाम तक वे अलग राजनीतिक लाइन अख्तियार कर सकते हैं। पायलट के अनशन के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो संदेश जारी कर एक बार फिर मिशन 2030 की बात दोहराई। गहलोत ने कहा कि उन्होंने तय किया था कि 2030 तक राजस्थान को देश का नंबर वन राज्य बनाना है।

गौरतलब है कि सचिन पायलट ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कर अनशन का ऐलान किया था और उनके समर्थन में प्रदेशभर से उनके समर्थक जयपुर पहुंचे थे। पिछले दो दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी कांग्रेसी नेता ने अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन किया है।

गौरतलब है कि पायलट ने 9 अप्रैल को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उन्होंने वसुंधरा सरकार पर 45 हजार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और सत्ता में आने के बाद जांच और कार्रवाई का वादा किया था, लेकिन साढ़े चार साल बाद भी, डेढ़ साल बाद भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।

अनशन के दौरान पूरा पंडाल लोगों से खचाखच भरा रहा और पायलट ने ज्योतिबा फुले को श्रद्धांजलि देने के बाद शहीद स्मारक पर अनशन शुरू किया। कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने ट्वीट कर कहा कि पार्टी नेतृत्व ने पायलट को लिखित में बता दिया था कि राजस्थान के हित में क्या है और आगे का सही रास्ता क्या है। लांबा ने पायलट से पार्टी के विचारों का सम्मान करने और इसे पार्टी के भीतर रखने की अपील की।

सचिन पायलट के अनशन में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता भी शामिल हुए और धरना स्थल पर पहुंचे समर्थकों ने उनके समर्थन में जमकर नारेबाजी की महिला समर्थक भी विरोध में शामिल हुईं और आयोजकों का दावा है कि लगभग 25,000 समर्थक धरना स्थल पर पहुंचे।

आम आदमी पार्टी ने भी पायलट के अनशन का समर्थन किया और जनता से उनका समर्थन करने की अपील की। आप प्रभारी विनय मिश्रा ने ट्वीट कर कहा कि राजस्थान को अगर किसी ने लूटा है तो वह वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत का अटूट गठबंधन है। इस गठजोड़ की वजह से राजस्थान पर देश में सबसे ज्यादा 5 लाख करोड़ का कर्ज है।

अपनी ही सरकार के खिलाफ सचिन पायलट के उपवास ने विभिन्न राजनीतिक दलों और कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण ध्यान और समर्थन प्राप्त किया है। भाजपा की सीएम वसुंधरा राजे के शासन के दौरान हुए घोटालों की जांच की पायलट की मांग राजनीतिक बहस का विषय बन गई है, और यह देखना बाकी है कि भविष्य में स्थिति कैसी होगी। वहीं क्या पायलट अब कांग्रेस का सिंबल और सोनिया-राहुल को छोड़कर आगे बढ़ चुके हैं। 

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