Highlights
- 10 लाख रुपए लेकर डमी कैंडिडेट बना था लेक्चरर।
- अभ्यर्थी गेनाराम को पास कराने के लिए दी थी परीक्षा।
- डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में फर्जीवाड़े का हुआ खुलासा।
- फरार लेक्चरर नशे का आदी हो चुका था।
अजमेर: अजमेर (Ajmer) पुलिस ने वरिष्ठ शारीरिक शिक्षा अध्यापक प्रतियोगी परीक्षा-2022 (Senior Physical Education Teacher Competitive Exam-2022) में 10 लाख रुपए लेकर डमी कैंडिडेट (dummy candidate) बने लेक्चरर हुकमाराम (Hukmaram) को बाड़मेर (Barmer) से गिरफ्तार किया है। यह फर्जीवाड़ा डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन (document verification) में सामने आया।
वरिष्ठ शारीरिक शिक्षा अध्यापक प्रतियोगी परीक्षा-2022 मामले में अजमेर की सिविल लाइन थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक फरार इनामी लेक्चरर को गिरफ्तार किया है। यह लेक्चरर 5 हजार रुपए का इनामी था और लंबे समय से पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहा था।
10 लाख में तय हुआ था डमी कैंडिडेट का सौदा
एएसपी गणेशाराम ने इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी लेक्चरर हुकमाराम (31) पुत्र पुनाराम राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल डूंगरी, जालोर में कार्यरत है। वह वर्तमान में भूगोल विषय का लेक्चरर है और उसका चयन साल 2021 में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के माध्यम से हुआ था।
मुख्य कैंडिडेट गेनाराम और आरोपी हुकमाराम दोनों ही आस-पास के गांवों के निवासी हैं, जिसके चलते उनकी आपस में जान-पहचान थी। इसी जान-पहचान का फायदा उठाकर गेनाराम ने हुकमाराम से संपर्क साधा था।
गेनाराम ने अपनी जगह परीक्षा देने के लिए लेक्चरर हुकमाराम को 10 लाख रुपए देने का सौदा तय किया था। इस सौदे के बाद हुकमाराम ने अजमेर के श्रमजीवी कॉलेज में गेनाराम की जगह परीक्षा दी थी।
परीक्षा में हुकमाराम के बैठने के कारण गेनाराम वरिष्ठ शारीरिक शिक्षा अध्यापक प्रतियोगी परीक्षा-2022 में सफल भी हो गया था। यह सफलता फर्जीवाड़े का नतीजा थी, जिसका खुलासा बाद में हुआ।
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में खुला फर्जीवाड़ा और पकड़े गए
राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) द्वारा आयोजित डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया के दौरान इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। अधिकारियों को गेनाराम के दस्तावेजों और परीक्षा में बैठे व्यक्ति की पहचान में विसंगति मिली।
पुलिस ने इस मामले में मुख्य अभ्यर्थी गेनाराम को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था और उससे पूछताछ की गई थी। गेनाराम की निशानदेही पर ही लेक्चरर हुकमाराम की भूमिका सामने आई थी।
लेक्चरर हुकमाराम तब से पुलिस की गिरफ्त से फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने उस पर 5 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था, जिसके बाद पुलिस टीम लगातार उसकी तलाश में जुटी थी।
फरारी के दौरान नशे का आदी हो गया था आरोपी
एएसपी गणेशाराम ने बताया कि फरारी के दौरान आरोपी लेक्चरर हुकमाराम मानसिक तनाव और अकेलेपन के कारण नशे का आदी हो चुका था। वह अपनी पहचान छिपाने के लिए लगातार ठिकाने बदल रहा था।
पुलिस टीम ने आधुनिक तकनीक और मुखबिरों की सूचना के आधार पर हुकमाराम का पता लगाया। आखिरकार शनिवार को उसे बाड़मेर जिले से गिरफ्तार कर लिया गया।
यह पूरा मामला आरपीएससी की ओर से 461 पदों के लिए आयोजित वरिष्ठ शारीरिक शिक्षा अध्यापक (पीटीआई) प्रतियोगी परीक्षा-2022 से जुड़ा है। इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली की शिकायतें मिली थीं।
आरपीएससी ने दर्ज कराया था धोखाधड़ी का मुकदमा
एएसपी गणेशाराम ने बताया कि 30 अप्रैल 2023 को आरपीएससी की ओर से अजमेर के सिविल लाइन थाने में इस संबंध में एक मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसमें परीक्षा में हुई अनियमितताओं का जिक्र था।
शिकायत में बताया गया था कि 4 कैंडिडेट और अन्य आरोपियों ने मिलकर एक षड्यंत्र रचा था। उन्होंने मूल प्रवेश पत्र पर जारी फोटो के स्थान पर स्कैन फोटो जनरेट कर अपने स्थान पर डमी कैंडिडेट बैठाए थे।
पुलिस अब इस पूरे रैकेट के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है। इस फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोगों को भी जल्द ही गिरफ्तार करने की उम्मीद है, ताकि परीक्षा की शुचिता बनी रहे।
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