Highlights
- जवाई पानी के मांग को लेकर किसानों का 25वें दिन धरना जारी
- विधानसभा मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग पहुंचे धरना स्थल
- गर्ग ने कहा - गहलोत सरकार ने किया धोखा जवाई पुर्नभरण की योजना में जालौर का नाम तक नहीं था
जालौर | राजस्थान के जालौर में जवाई बांध के पानी की मांग को लेकर पिछले 25 दिनों से चल रहे किसानों के धरने को लेकर राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग आज धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों से चर्चा की।
उन्होंने जवाई बांध के पानी की मांग के संबंध में चल रहे किसानों के धरने को संबोधित करते हुए प्रदेश के बीजेपी सरकार द्वारा जवाई पुनर्भरण योजना के संबंध में बनाई जा रही डीपीआर के संबंध में अवगत करवाया। उन्होंने किसानों से चर्चा करते हुए कहा कि पिछले 35 सालों से जवाई के पानी और पुनर्भरण के लिए संघर्ष जारी है।
2018 में भी वसुंधरा सरकार की ओर से इस संबंध में डीपीआर बनाई गई थी लागू भी किया गया लेकिन सरकार बदलने पर प्रदेश में गहलोत की सरकार आई तब डीपीआर को खारिज कर दिया और नई डीपीआर तैयार की गई जिसमें पाली जिले को सम्मिलित किया गया जिसका पाली जिले को राजनीतिक लाभ मिला और उसे योजना के पोस्टर दिन की ओर से लगाए गए लेकिन पाली जिले के तखतगढ़ सीमा तक सीमित रहे जिसमें जालौर का कहीं तक नाम नहीं था उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने भी जालौर के साथ धोखा किया।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में अब सरकार की ओर से संशोधन कर उसमें जालौर को भी शामिल किया गया है नई डीपीआर बनाई जा रही है इसके लिए जल संसाधन मंत्री की ओर से डीपीआर तैयार करने के लिए आदेश तक दे दिए हैं।ऐसे में अब इस योजना के अंतर्गत जहां भी अपनी पहुंचेगा जालौर का नाम इस योजना में शामिल रहेगा इस योजना के अंतर्गत जालौर को भी लाभान्वित किया जाएगा।
उन्होंने धरना स्थल पर किसानों को डीपीआर बनाने के संबंध में जल संसाधन विभाग के मंत्री द्वारा जारी किए गए आदेश को दिखाकर किसानों को अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से किसानों की इस समस्या का जल्द ही समाधान होगा डीपीआर तैयार होते ही इस पर शीघ्र कार्य शुरू होगा। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री और बीजेपी सरकार संवेदनशील है। अब बनाई जा रही डीपीआर में किसी भी जगह किसी भी प्रकार का विरोध नहीं हो उसके मध्यनजर कार्य किया जाएगा और जालौर भी इसमें शामिल रहेगा।