Highlights
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जोधपुर पहुंच गए हैं। उनका प्रवास 9 सितंबर तक चलेगा।
आदर्श विद्या मंदिर और आसपास के इलाकों में विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
अवैध प्रवास और जनसांख्यिकी का मुद्दा आने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा का मुख्य एजेंडा बन सकता है।
जोधपुर।
भारत की राजनीति में कई बार चुपचाप होने वाली घटनाएं ही सबसे बड़े संकेत छोड़ जाती हैं। और जब बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की हो, तो ये संकेत आने वाले वक्त की दिशा तय करते हैं।
मरुस्थल की धरती जोधपुर में सरसंघचालक मोहन भागवत का नौ दिन का प्रवास, और संघ परिवार के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी… क्या यह सिर्फ संगठनात्मक बैठक है या इसके पीछे छिपे हैं 2024 के बाद की भारतीय राजनीति के बड़े इशारे?
9 दिन का प्रवास, जोधपुर बना केंद्र
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जोधपुर पहुंच गए हैं। उनका प्रवास 9 सितंबर तक चलेगा।
इन नौ दिनों तक जोधपुर न सिर्फ राजस्थान बल्कि पूरे देश की राजनीति और संघ परिवार का केंद्र रहेगा।
अखिल भारतीय समन्वय बैठक
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बैठक तिथियां: 5 से 7 सितंबर
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स्थल: लालसागर स्थित आदर्श विद्या मंदिर
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हर साल होने वाली इस बैठक का आयोजन पिछले साल केरल के पालक्काड़ में हुआ था, इस बार जोधपुर चुना गया है।
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इसमें 32 संगठनों के राष्ट्रीय पदाधिकारी, अध्यक्ष और संगठन मंत्री शामिल होंगे।
शामिल संगठन:
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राष्ट्र सेविका समिति
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वनवासी कल्याण आश्रम
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विश्व हिंदू परिषद
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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद
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भारतीय किसान संघ
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विद्या भारती
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भारतीय मजदूर संघ
प्रमुख चेहरे
बैठक में मौजूद रहेंगे:
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मोहन भागवत (सरसंघचालक)
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दत्तात्रेय होसबाले (सरकार्यवाह)
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सह-सरकार्यवाह: डॉ. कृष्ण गोपाल, सी.आर. मुकुंद, अरुण कुमार, रामदत्त चक्रधर, अतुल लिमये और आलोक कुमार
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भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा
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भाजपा संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष
यानि भाजपा और संघ का पूरा शीर्ष नेतृत्व एक ही मंच पर नज़र आएगा।
बैठक का एजेंडा
इस बैठक में चर्चा होगी—
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राष्ट्रीय एकात्मता और सुरक्षा
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सामाजिक दृष्टिकोण से अहम मुद्दे
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हाल की घटनाओं का विश्लेषण
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प्रधानमंत्री मोदी के 15 अगस्त भाषण से जुड़े बिंदु
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अवैध घुसपैठ और जनसांख्यिकी संतुलन
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वैश्विक आर्थिक हालात और ट्रंप टैरिफ
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भारत की सीमाओं की चुनौतियां
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स्वावलंबन अभियान
संघ शताब्दी वर्ष और पंच परिवर्तन
संघ का शताब्दी वर्ष 2025-26 में आने वाला है। इसके लिए संघ ने पंच परिवर्तन का संकल्प लिया है:
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राष्ट्र निर्माण
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सेवा गतिविधियाँ
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सामाजिक एकता
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कुटुंब प्रबोधन
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स्वावलंबन और समाज सुधार
जोधपुर प्रवास के दौरान इन लक्ष्यों पर रणनीति तय की जाएगी।
सुरक्षा व्यवस्था
जोधपुर पुलिस ने बैठक स्थल को सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील घोषित किया है।
???? ड्रोन उड़ाने पर रोक लगा दी गई है।
???? आदर्श विद्या मंदिर और आसपास के इलाकों में विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
राजनीतिक महत्व और निहितार्थ
मोदी और संघ का बढ़ता सामंजस्य
प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को खुले मंच से आरएसएस की सराहना की थी। यह भाजपा-संघ के रिश्तों में और गहराई का संकेत है।
संघ की बढ़ती भूमिका
हाल ही में संघ से जुड़े नेता सी.पी. राधाकृष्णन का उप-राष्ट्रपति बनना भी संघ के राजनीतिक प्रभाव की झलक है।
राजस्थान की राजनीति पर असर
राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले यह प्रवास भाजपा की रणनीति में संघ की बड़ी भूमिका का संकेत देता है।
जोधपुर और मारवाड़ की राजनीति हमेशा निर्णायक रही है।
राष्ट्रीय संदेश
अवैध प्रवास और जनसांख्यिकी का मुद्दा आने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा का मुख्य एजेंडा बन सकता है।
स्वावलंबन और आर्थिक आत्मनिर्भरता—मोदी सरकार की विकास नीति के साथ जोड़ी जाएगी।
जोधपुर में होने वाली यह तीन दिवसीय बैठक सिर्फ वार्षिक परंपरा नहीं, बल्कि संघ शताब्दी वर्ष की तैयारियों का आगाज़ है।
मोहन भागवत का नौ दिन का प्रवास, नड्डा-संतोष की मौजूदगी और 32 संगठनों का संगम… ये सब मिलकर यही संदेश दे रहे हैं कि—
???? भारत की राजनीति का आने वाला नक्शा मरुस्थल की इस धरती से तय होगा।
✍️ आपकी राय
क्या संघ की यह बैठक केवल संगठनात्मक है, या इसके पीछे छिपे हैं 2024 के बाद की भारतीय राजनीति के बड़े संकेत?