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श्राद्ध पक्ष में कोई भी नया और शुभ काम करना वर्जित माना गया है। अब भाजपा के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी करना भी किसी नए कार्य से कम नहीं है। वैसे भी भाजपा की नींव ही सनातन धर्म से जुड़ी है। राजस्थान में भाजपा वसुंधरा राजे को चेहरा बनाने में डरी हुई नजर आ रही है
जयपुर | भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है, लेकिन राजस्थान में अभी भी प्रत्याशियों की सूची अटकी पड़ी है।
राजस्थान में अभी तक न तो भाजपा ने और न ही कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है।
नरेंद्र मोदी की जयपुर रैली के बाद ये माना जा रहा था कि भाजपा अब अपने प्रत्याशियों की पहली सूची कभी भी जारी कर देगी।
लेकिन राजस्थान भाजपा नेताओं और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत कई आलाकमानों की मौजूदगी में दो दिन चली बैठकों के बाद भी भाजपा अपने प्रत्याशियों को लेकर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है।
अमित शाह समेत पार्टी के आलाकमान तो वापस दिल्ली लौट गए लेकिन अपने पीछे बड़ा सवाल छोड़ गए है कि आखिर दो दिनों तक चली पार्टी की बैठक का निष्कर्ष क्या निकला।
वसुंधरा राजे को चेहरा बनाने में डरी हुई नजर आ रही है भाजपा
वहीं, इस बार राजस्थान में भाजपा वसुंधरा राजे को चेहरा बनाने में डरी हुई नजर आ रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही वोटों की अपील की जा रही है।
राजे की पार्टी के कार्यक्रमों, सभाओं से लगातार दूरी भी पार्टी के लिए मुसीबत बनती जा रही है। पार्टी भी जानती है कि राजे के पास समर्थकों की भीड़ है ऐसे में उनकी नाराजगी सियासी गणित को बिगाड़ सकती हैं।
श्राद्ध पक्ष शुरू, फिर लटक गई प्रत्याशियों की लिस्ट
प्रत्याशियों की सूची जारी करने को लेकर चल रही टालमटोल के बाद अब श्राद्ध पक्ष शुरू हो गए हैं।
श्राद्ध पक्ष में कोई भी नया और शुभ काम करना वर्जित माना गया है। अब भाजपा के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी करना भी किसी नए कार्य से कम नहीं है।
वैसे भी भाजपा की नींव ही सनातन धर्म से जुड़ी है। हाईकमान भी लोगों की धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखेगा। ऐसे में राजस्थान में एक बार फिर से प्रत्याशियों की सूची अटकती दिख रही है।
अब माना जा रहा है कि उम्मीदवारों की सूची श्राद्ध पक्ष के बाद ही जारी होगी। श्राद्ध पक्ष 29 सितंबर से लेकर 14 अक्टूबर तक चलेगा।
इसक मतलब तो ये ही है कि पहली सूची 14 अक्टूबर के बाद ही जारी होगी।
हालांकि अभी चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं हुई है और आमतौर पर उम्मीदवारों की सूची अधिसूचना के बाद ही जारी होती है।
कांग्रेस का हाल भी भाजपा की तरह ही लग रहा है। भले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले कई बार पार्टी आलाकमानों से कह चुके हो कि इस बार कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची चुनावों से दो महीने पहले ही जारी कर दी जाए, ताकि उम्मीदवार जनता के बीच पहुंच कर अपनी पकड़ बना सके।
आपको बता दें कि राजस्थान सहित पांच राज्यों में एक साथ चुनाव होने हैं। जिनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम शामिल है।