Highlights
- सीईटी-2024 की पात्रता फरवरी 2026 में समाप्त हो जाएगी।
- लगभग 18 लाख अभ्यर्थी भर्तियों की दौड़ से बाहर हो जाएंगे।
- नई सीईटी का आयोजन अधर में, कई भर्तियां अटकने की आशंका।
- न्यूनतम प्राप्तांक 60% करने का प्रस्ताव, पर अभी निर्णय नहीं।
जयपुर: फरवरी 2026 में सीईटी-2024 (CET-2024) की पात्रता समाप्त होने से लगभग 18 लाख अभ्यर्थी भर्तियों से बाहर हो जाएंगे। नियमों में बदलाव पर निर्णय नहीं और नई सीईटी (CET) अधर में लटकी होने से पटवारी-एलडीसी (Patwari-LDC) सहित कई भर्तियां अटक सकती हैं।
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित सीईटी-2024 की पात्रता अवधि दो महीने बाद फरवरी 2026 में समाप्त होने वाली है। इस परीक्षा की पात्रता अवधि एक वर्ष निर्धारित की गई थी, जो अब पूरी होने जा रही है।
पात्रता समाप्त होने से राज्य के करीब 18 लाख अभ्यर्थी सीईटी आधारित सरकारी भर्तियों की दौड़ से बाहर हो जाएंगे। यह स्थिति लाखों युवाओं के भविष्य पर सीधा असर डालेगी।
2 महीने में खत्म होगी पात्रता, 18 लाख पर असर
सीईटी स्नातक स्तर के 8.78 लाख अभ्यर्थियों की पात्रता 11 फरवरी 2026 को समाप्त हो जाएगी। वहीं, सीईटी सीनियर सेकंडरी स्तर के 9.17 लाख अभ्यर्थियों की पात्रता 16 फरवरी 2026 तक ही मान्य रहेगी।
यह लाखों युवाओं के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि पात्रता समाप्त होने के बाद वे आगामी भर्तियों में आवेदन नहीं कर पाएंगे। उन्हें नई सीईटी उत्तीर्ण करनी होगी।
नई सीईटी अधर में, आयोजन पर संशय
पात्रता बनाए रखने के लिए अभ्यर्थियों को नई सीईटी उत्तीर्ण करनी होगी, लेकिन नई सीईटी का आयोजन फिलहाल अधर में लटका हुआ है। बोर्ड ने सीईटी स्नातक स्तर की परीक्षा 20 से 22 फरवरी 2026 तथा सीईटी सीनियर सेकंडरी स्तर की परीक्षा 8 से 10 मई 2026 के बीच प्रस्तावित की है।
हालांकि, सीईटी पात्रता से जुड़े नियमों में बदलाव को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। ऐसे में फरवरी में सीईटी का आयोजन मुश्किल नजर आ रहा है और इससे अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
नियमों में बदलाव का प्रस्ताव: 60% न्यूनतम अंक
सीईटी प्रमाण पत्रों की वैधता पहले एक वर्ष थी, जिसे बढ़ाकर तीन वर्ष कर दिया गया है। इसका नोटिफिकेशन जारी हो चुका है और यह एक राहत भरा कदम है।
वर्तमान में सीईटी में 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर पात्रता मिल जाती है, जिससे पिछली बार 18 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को पात्रता मिल गई थी। इसी संख्या पर नियंत्रण के लिए पात्रता के लिए न्यूनतम प्राप्तांक 60 प्रतिशत किए जाने का प्रस्ताव है, लेकिन अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है।
अटक सकती हैं ये प्रमुख भर्तियां
यदि नई सीईटी का आयोजन समय पर नहीं होता है और पात्रता संबंधी नियमों पर निर्णय नहीं लिया जाता है, तो कई महत्वपूर्ण सरकारी भर्तियां अटक सकती हैं। इससे सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया प्रभावित होगी।
सीईटी स्नातक स्तर से प्रभावित होने वाली भर्तियां:
- प्लाटून कमांडर
- पटवारी-जिलेदार (जल संसाधन विभाग)
- कनिष्ठ लेखाकार (अधीनस्थ लेखा सेवा)
- कनिष्ठ लेखाकार (राज्य कृषि विपणन बोर्ड)
- तहसील राजस्व लेखाकार
- पर्यवेक्षक महिला अधिकारिता
- उपजेलर
- छात्रावास अधीक्षक ग्रेड-द्वितीय
- पटवारी (राजस्व अधीनस्थ सेवा)
- ग्राम विकास अधिकारी
सीईटी सीनियर सेकंडरी स्तर से प्रभावित होने वाली भर्तियां:
- वनपाल
- छात्रावास अधीक्षक
- लिपिक ग्रेड-द्वितीय
- कनिष्ठ सहायक
- जमादार ग्रेड-द्वितीय
- कांस्टेबल
- कनिष्ठ सहायक
'प्रारूप में बदलाव जरूरी': बोर्ड अध्यक्ष आलोक राज
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने बताया कि वर्तमान नियमों में बहुत अधिक अभ्यर्थियों को पात्रता मिल रही है। उन्होंने पटवारी भर्ती का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें दो पारियों में परीक्षा करानी पड़ी, जिससे सीईटी के आयोजन का उद्देश्य ही कमजोर हो गया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि इसके प्रारूप में बदलाव जरूरी है, ताकि भर्तियों की परीक्षाएं एक से अधिक पारी में न करानी पड़ें। आलोक राज ने यह भी बताया कि फिलहाल सीईटी के नए नोटिफिकेशन को लेकर कोई सूचना नहीं है और फरवरी में बोर्ड परीक्षाएं भी हैं, इसलिए इस महीने प्रस्तावित सीईटी को आगे खिसकाना जरूरी हो गया है।
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