कांग्रेस ने खेला गेम: भाभी को घर बैठा, देवर को टिकट थमाया, क्या होगा बड़ा उलटफेर

भाभी को घर बैठा, देवर को टिकट थमाया, क्या होगा बड़ा उलटफेर
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कांग्रेस ने अपनी तीसरी लिस्ट में भीलवाड़ा के सहाड़ा विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक गायत्री देवी का टिकट ही काट दिया है। जिसके बाद से विधायक के समर्थकों में काफी नाराजगी देखी जा रही है।

भीलवाड़ा | राजस्थान में कांग्रेस ने अपनी तीसरी सूची में कई उलटफेर कर सभी को हैरान किया है। 

धौलपुर से भाजपा से निष्कासित और पिछले दिनों ही कांग्रेस ज्वॉइन करने वाली शोभारानी कुशवाहा को टिकट देकर चौंकाया है तो वहीं भीलवाड़ा जिले में भी बड़ा उलटफेर किया है। 

कांग्रेस ने अपनी तीसरी लिस्ट में भीलवाड़ा के सहाड़ा विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक गायत्री देवी का टिकट ही काट दिया है। 

जिसके बाद से विधायक के समर्थकों में काफी नाराजगी देखी जा रही है।

हालांकि, पार्टी ने यहां भी गेम खेलते हुए गायत्री देवी का पत्ता साफ करने के बाद उनका टिकट उन्हीं के देवर को दे दिया है। 

कांग्रेस ने दिवंगत विधायक कैलाश त्रिवेदी के छोटे भाई राजेन्द्र त्रिवेदी को पार्टी प्रत्याशी घोषित किया है।

सहाड़ा सीट से गायत्री देवी ने पति कैलाश त्रिवेदी के निधन के उपरान्त साल 2021 का उप चुनाव जीता था। तब भी राजेन्द्र त्रिवेदी ने टिकट के लिए अपना दावा जताया था, लेकिन बाजी गायत्री देवी ने मार ली थी और विधायक चुनी गई थी।

खबरों की माने तो उस वक्त काफी समझाइश एवं आश्वासन के बाद ही टिकट को लेकर हो रही दावेदारी खत्म हुई थी। 

लेकिन अब लंबे इंतजार के बाद राजेन्द्र त्रिवेदी ने भाभी को घर का काम संभालकर खुद जनता की सेवा करने का दायित्व अपने कंधों पर उठाया है। 

अब सामने होंगे भाजपा के पितलिया

आपको बता दें कि इस सीट पर भाजपा ने लादूलाल पितलिया को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। 

पितलिया वहीं है जिन्हें भाजपा ने साल 2018 के चुनाव में टिकट नहीं दिया था और वे निर्दलीय खड़े होकर तीसरे नंबर पर रहे थे।

ऐसे में इस सीट पर अब राजेंद्र त्रिवेदी और लादूलाल पितलिया आमने-सामने होंगे। 

उपप्रधान का चुनाव जीत चुके हैं त्रिवेदी

राजेन्द्र त्रिवेदी राजनीति में लगातार सक्रिय रहे हैं। कांग्रेस संगठन में विभिन्न संगठनों पर रहते हुए उन्होंने उपप्रधान का चुनाव जीता है।

कैसा रहा है सहाड़ा विधानसभा सीट का गणित

भीलवाड़ा की सहाड़ा विधानसभा सीट पर गत पांच चुनाव में कांग्रेस का पलटा भारी रहा है। 

यहां साल 2003 व 2008 में कांग्रेस विधायक कैलाश त्रिवेदी ने लगातार इस सीट पर अपना दबदबा बनाए रखा। 

हालांकि, साल 2013 में कांग्रेस को ये सीट गंवानी पड़ी और भाजपा के बीआर चौधरी यहां से निर्वाचित हुए। 

इसके बाद फिर से कैलाश त्रिवेदी साल 2018 में ये सीट कब्जा ली, लेकिन साल 2021 में उनका निधन हो गया। 

ऐसे में उनकी पत्नी गायत्री देवी ने यहां से उपचुनाव जीत लिया था। 

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