Highlights
- विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने लंदन में सीपीए मुख्यालय का दौरा किया।
- उन्होंने संसदीय लोकतंत्र को सशक्त बनाने में सीपीए की भूमिका की सराहना की।
- राजस्थान शाखा सीपीए की गतिविधियों में सक्रिय सहयोगी रहेगी।
- युवा संसद और महिला संसद जैसे कार्यक्रमों में संयुक्त सहभागिता पर चर्चा हुई।
जयपुर: राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी (Rajasthan Assembly Speaker Shri Vasudev Devnani) ने लंदन (London) स्थित राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (Commonwealth Parliamentary Association - CPA) मुख्यालय का दौरा किया। उन्होंने संसदीय लोकतंत्र को सशक्त बनाने में वैश्विक संगठन की भूमिका की सराहना की और बताया कि संघ की राजस्थान शाखा (Rajasthan Branch) गतिविधियों में सहयोगी रहेगी।
संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने में सीपीए की भूमिका
देवनानी ने राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) मुख्यालय में संसदीय लोकतंत्र को सशक्त बनाने वाले वैश्विक संगठन के विभिन्न आयामों का अध्ययन किया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ ऐसा संगठन है जो राष्ट्रमंडल देशों के विधानमंडलों को एक साझा मंच पर जोड़ता है।
इसका मुख्य उद्देश्य विश्वभर में संसदीय लोकतंत्र को और अधिक मजबूत बनाना है।
राजस्थान शाखा का गठन और महत्व
देवनानी ने जानकारी दी कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा का गठन 10 अगस्त, 1959 को किया गया था।
इसे नवंबर, 1959 में संसदीय संघ की साधारण सभा द्वारा संबद्ध किया गया और भारत की केंद्रीय शाखा ने 25 अप्रैल, 1960 को सहमति प्रदान की।
सीपीए लगभग 180 राष्ट्रीय, प्रांतीय एवं राज्य स्तरीय संसदों का प्रतिनिधित्व करता है।
यह लोकतांत्रिक संस्थाओं के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
सहयोग और साझेदारी पर चर्चा
देवनानी ने कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन (सीपीए), यूके ब्रांच के अधिकारियों से मुलाकात की।
उन्होंने राजस्थान शाखा के साथ संभावित सहयोग एवं साझेदारी के विविध आयामों पर विचार-विमर्श किया।
चर्चा के दौरान विधायी प्रक्रियाओं के अनुभव साझा करने के लिए युवाओं को लोकतांत्रिक मूल्यों से जोड़ने हेतु यूथ पार्लियामेंट के आयोजन पर बात हुई।
महिला जनप्रतिनिधियों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने हेतु वीमेन पार्लियामेंट के सहयोगात्मक कार्यक्रम पर भी विचार किया गया।
भविष्य में राजस्थान शाखा एवं यूके ब्रांच के बीच संस्थागत आदान-प्रदान को सुदृढ़ करने की विस्तार से जानकारी दी गई।
यह संवाद भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच संसदीय परंपराओं, लोकतांत्रिक आदर्शों और युवाओं के सशक्तिकरण को एक नई दिशा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ब्रिटिश संसद का अवलोकन
वासुदेव देवनानी ने लंदन प्रवास के दौरान ब्रिटिश संसद का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने ब्रिटिश लोकतंत्र की ऐतिहासिक इमारत वेस्टमिंस्टर पैलेस के दोनों सदनों हाउस ऑफ कॉमंस और हाउस ऑफ लॉर्ड्स की संसदीय व्यवस्था को देखा।
देवनानी ने ब्रिटिश संसद के दोनों सदनों की संसदीय प्रणाली और परम्पराओं की विस्तार से जानकारी ली।
भारत का लोकतंत्र सबसे बडा और सुदृढ
देवनानी ने ब्रिटिश संसद परिसर में स्थित वेस्टमिंस्टर हॉल और सेंट्रल लॉबी का भी अवलोकन किया, जो ब्रिटिश लोकतंत्र की ऐतिहासिक धरोहरों में गिने जाते हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश संसदीय प्रणाली पुरानी है, लेकिन भारत का लोकतंत्र विश्व में सबसे बडा और सुदृढ है।
अजमेर की पेंटिंग को देखा देवनानी ने
स्पीकर देवनानी ने ब्रिटिश संसद के सेन्ट स्टीफन हॉल में सर थॉमस रॉ एट द कोर्ट ऑफ अजमेर 1614 की पेंटिंग को देखा। यह पेंटिंग द बिल्डिंग ऑफ ब्रिटेन नामक कलाकृति श्रंखला में लगी हुई आठ बडी पेंटिंग का हिस्सा है। श्री देवनानी ने कहा कि यह पेंटिंग ब्रिटिश भारत के महत्वपूर्ण क्षणों को दर्शाती है और सदियों पुराने भारत – ब्रिटेन संबंधों की याद दिलाती है।
लोकतांत्रिक संबंधों की जड़ें गहरी
देवनानी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के लोकतांत्रिक संबंधों की जड़ें गहरी हैं। दोनों देशों की संसदें संवाद, सहिष्णुता और जनसेवा की भावना से लोकतंत्र को सशक्त बना रही हैं। अब ये संबंध एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं। ब्रिटेन-भारत मुक्त व्यापार समझौता कम टैरिफ, व्यापक बाज़ार पहुँच और मज़बूत आर्थिक साझेदारी का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। देवनानी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की छवि लगातार निखर रही है।