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पशुपालन मंत्री ने कहा कि भारत सरकार पशुपालन विभाग को गंभीरता से ले रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें विशेष रुचि ले रहे हैं ऐसे में हमें कुछ नए प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजना चाहिए और जो केंद्रीय योजनाएं चल रही हैं उनका अधिक से अधिक लाभ लेने का प्रयास करना चाहिए
जयपुर । पशुपालन एवं गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने मंगलवार को शासन सचिवालय स्थित अपने कक्ष में पशुपालन और गोपालन विभागों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में कुमावत ने मुख्य रूप से बजट घोषणा की क्रियान्विति, पौधारोपण की प्रगति, मोबाइल वेटनरी यूनिट के लिए कॉल सेंटर की शुरूआत, पशु चिकित्सा संस्थानों में दवाओं की आपूर्ति, विभागीय योजनाओं की प्रगति एवं लंबित मामलों की प्रगति के बारे में विस्तार से चर्चा कर आवश्यक दिशानिर्देश प्रदान किए।
नवीन पशु चिकित्सा उपकेद्रों के खोले जाने पर उन्होंने कहा कि जो भी केद्र खोले जाएं वे पूर्ण रूप से क्रियाशील हों। जब तक इनका भवन निर्माण नहीं होता है तब तक किराए के भवन अथवा यन्य सरकारी भवनों में सुचारू रूप से इनका संचालन हो ताकि पशुपालकों को इनका लाभ मिल सके और इन्हें खोलने का हमारा उद्देश्य पूरा हो सके। उन्होंने कहा कि सभी उपकेंद्रों को आधारभूत सुविधाओं के लिए एक तय न्यूनतम राशि देने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने सभी पशु चिकित्सालयों में पशुओं के पीने के लिए पानी की खेळी का निर्माण कराने के निर्देश दिए जिससे चिकित्सालय में आने वाले बीमार पशुओं पीने के पानी की सुविधा मिल सके।
कुमावत ने कहा कि मुख्यमंत्री भर्तियों के मामले में बहुत गंभीर हैं अतः विभाग को सक्रिय होकर अपने खाली पदों को भरने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने खाली पड़े पशु चिकित्सकों के पदों की सूची बनाकर नयी नियुक्तियों की स्वीकृति प्रक्रिया आरंभ करने और स्वीकृत पदों की अभ्यर्थना भिजवाने के निर्देश दिए।
मोबाईल वैन यूनिट पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कॉल सेंटर शुरू नहीं हाने के कारण अभी इसका अधिकतम उपयोग नहीं हो पा रहा है। इसके अधिकतम उपयोग के लिए जल्द से जल्द कॉल सेंटर शुरू करना जरूरी है। बैठक में अधिकारियों के साथ चर्चा में यह तय किया गया कि अक्टुबर के पहले सप्ताह में कॉल सेंटर की शुरुआत कर दी जाएगी।
दवाईयों की व्यवस्था को और अधिक सुचारू बनाने के निर्देश देते हुए मंत्री ने कहा कि अभी भी नीचे के स्तर पर दवाईयां समय पर नहीं मिल पा रही हैं। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम के बाद बीमारियां अधिक फैलती हैं। उन्हेांने विभाग को अगले 15 दिनों में दवाईयों की आपूर्ति शत प्रतिशत सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
पशुपालन मंत्री ने कहा कि भारत सरकार पशुपालन विभाग को गंभीरता से ले रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें विशेष रुचि ले रहे हैं ऐसे में हमें कुछ नए प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजना चाहिए और जो केंद्रीय योजनाएं चल रही हैं उनका अधिक से अधिक लाभ लेने का प्रयास करना चाहिए।
गोपालन विभाग को निर्देश देते हुए कुमावत ने कहा कि केंद्र सरकार की योजना के तहत हमें हर संभाग पर गौ अभ्यारण्य बनाने हैं। इसके अलावा 100 गोशालाओं को गोकाष्ठ मशीन दिलाने के लिए जल्द से जल्द कार्यवही के निर्देश दिए। पंचायत स्तर पर नंदीशाला और पंचायत समिति स्तर पर गौशाला के निर्माण में भी कार्यवाही तीव्र गति से बढाने के निर्देश उन्होंने दिए। उन्होंने कहा कि गांशालाओं की योजनाओं में चल रही पेंडेंसी का जल्द से जल्द निस्तारण किया जाना चाहिए और बजट घोषणा के सभी निर्णयों की क्रियान्विति सुनिश्चित की जानी चाहिए।
बैठक में शासन सचिव पशुपालन, डॉ समित शर्मा, ने सुझाव दिया कि मोबाईल वैन यूनिट कॉल मोड के साथ साथ कैंप मोड पर भी चलाना चाहिए जिससे इसका अधिकतम लाभ पशुओं और पशुपालकों को मिल सके और 5 सालों में एक बहुत बड़ा अंतर देखने को मिल सके। शासन सचिव ने कहा कि सर्वाधिक उपयोग वाली दवाओं की सूची बनाकर उनकी उपलब्धता हर संस्थान में हर समय सुनिश्चित की जाएगी।
इस अवसर पर कुमावत ने 21वीं अखिल भारतीय पशुधन गणना 2024 के निर्देश पुस्तिका विमोचन भी किया। उल्लेखनीय है कि प्रति पांच वर्ष में देश में पशुधन की गणना की जाती है। पिछली पशुधन गणना वर्ष 2019 में हुई थी।
बैठक में निदेशक पशुपालन डॉ. भवानी सिंह राठौड़, गोपालन निदेशक भी उपस्थित थे।