Highlights
- आरोपी भूपेंद्र सिंह धीरावत को जोधपुर जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है।
- आरोपी ने 1700 महिलाओं को अपना शिकार बना डाला।
- बेरोजगार महिलाओं को अगरबत्ती उद्योग में स्वरोजगार देने का झांसा ।
बूंदी | राजस्थान में महिलाओं से चिटिंग करने वाले तो कई महारथी सामने आए, लेकिन पुलिस के लपेटे में आया ये महारथी तो राजस्थान का महाठग निकला।
दरअसल, राजस्थान के बूंदी जिले की नैनवां थाना पुलिस ने इस महाठग को दबोचा है। जिस पर आरोप है कि उसने महिलाओं को रोजगार देने के नाम पर ऐसी करामात की है कि, उन्हें कंगाली पर ला दिया।
पुलिस की पकड़ में आए आरोपी भूपेंद्र सिंह धीरावत को जोधपुर जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है। आरोपी ने 1700 महिलाओं को अपना शिकार बना डाला।
दरअसल, आरोपी ने महिलाओं को रोजगार देने के बहाने उनसे पांच-पांच सौ रुपये की ठगी की थी।
इसके लिए आरोपी ने अपने स्टाफ के लिए भी महिलाओं को चुना और 3 महिलाओं का स्टाफ में रखा। फिर उनके माध्यम से ठगी के जाल को आगे बढ़ाता गया। आरोपी ने एक के बाद एक कई महिलाओं और युवतियों को अपना शिकार बनाया और उनसे साढ़े 8 लाख रुपए की ठगी कर डाली।
अब पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी से पूछताछ की जा रही है। ऐसे में कही अब जाकर पीड़ित महिलाओं ने राहत की सांस ली है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि आरोपी भूपेन्द्रसिंह धीरावत स्वदेशी ग्रामीण विकास कॉरपोरेशन के माध्यम से बेरोजगार महिलाओं को अगरबत्ती उद्योग में स्वरोजगार देने का झांसा देता है और अपने बुने जाल में फंसा लेता।
इसके लिए आरोपी ने श्वेता त्रिपाठी, कमलेश और तान्या नाम की तीन महिला ठगों के माध्यम से ललिता बाई को 28 हजार मासिक वेतन पर ईंचार्ज बनाया। जिसके बाद अपने ठगी के गेम को आगे बढ़ाते हुए ललिता बाई के माध्यम से 1700 महिलाओं को 7000 रुपये महीना दिए जाने के नाम पर 500-500 रुपये ऐंठ लिए।
पीड़ित महिलाओं को फंसाने के बाद उन तक संस्था की ओर से न तो अगरबत्ती बनाने का प्रशिक्षण दिया गया और न ही अगरबत्ती बनाने के लिए माल भेजा गया।
आरोपी की साजिश का शिकार होने के बाद ललिता बाई ने 22 दिसंबर को पीड़ित महिलाओं के साथ नैनवां थाने पहुंचकर आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया।