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पशुपालन निदेशक डॉ. भवानी सिंह राठौड ने पशु चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त करते हुए परिषद को इसमें हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में पशु चिकित्सा के कॉलेज खुलने से गुणवत्ता प्रभावित हुई है। उन्होंने परिषद को गुणवत्ता से समझौता न हो पाने सम्बंधी निर्देश जारी करने का आग्रह किया
जयपुर। भारतीय पशु चिकित्सा परिषद (वी सी आई)के अध्यक्ष डॉ उमेश चंद्र शर्मा ने कहा कि पशुपालन क्षेत्र में वेटरिनरी चिकित्सालय बड़ी चुनौती बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सालयों के लिए न्यूनतम मानक लागू होने चाहिए। वे सोमवार को जयपुर स्थित पशुधन भवन के राज्य पशु चिकित्सा परिषद के सभागार में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
डॉ शर्मा ने कहा कि परिषद ने पशु चिकित्सा शिक्षा में सुधार के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी राज्य सरकार जब तक अपने पुराने कॉलेज में फैकल्टी पूरी नहीं करेगी तब तक उस राज्य को नए कॉलेज खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
साथ ही राज्य सरकार को यह तय करना होगा कि उन्हें कितने कॉलेज की जरूरत है, उसी आधार पर उनकी मांग के अनुसार ही अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वेटरिनरी कॉलेज में विद्यार्थियों का दाखिला नीट में सफल होने तथा केंद्रीय काउंसिलिंग के आधार पर होगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक उपस्थिति पोर्टल काम करने लगेगा जिससे 31 मार्च के बाद कोई फैकल्टी प्रॉक्सी नहीं हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि आज देश में पशुपालन की स्थिति बहुत अच्छी है। प्रधानमंत्री जी पशुपालन के क्षेत्र में गहरी रुचि रखते हैं। राजस्थान में पशुपालन के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यहां पशु चिकित्सक अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने राज्य में चलाए जा रहे मोबाइल वेटरिनरी यूनिट तथा कॉल सेंटर को राज्य सरकार का अच्छा कदम बताते हुए कहा कि राजस्थान पशुधन और पशुपालक के विकास के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर काम करेंगे तो पशु चिकित्सा के क्षेत्र में आ रही समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
इस अवसर पर पशुपालन निदेशक डॉ. भवानी सिंह राठौड ने पशु चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त करते हुए परिषद को इसमें हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में पशु चिकित्सा के कॉलेज खुलने से गुणवत्ता प्रभावित हुई है। उन्होंने परिषद को गुणवत्ता से समझौता न हो पाने सम्बंधी निर्देश जारी करने का आग्रह किया।
उल्लेखनीय है कि डॉ उमेश चंद्र शर्मा तीसरी बार भारतीय पशु चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए हैं। वीसीआई भारत सरकार द्वारा गठित भारतीय पशु चिकित्सा की सबसे शीर्ष संस्था है। इस संस्था का कार्य भारत में पशु चिकित्सा शिक्षा प्रणाली में शिक्षा के उत्कृष्ट स्तर के मानकों को बनाए रखना है। साथ ही भारतीय पशु चिकित्सकों की कार्य प्रणाली एवं उनके सभी व्यावसायिक हितों की रक्षा करना और समय समय पर केंद्र तथा राज्य सरकार को सुझाव देना है।
इस अवसर पर राज्य पशुधन विकास बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी डॉ. आनंद सेजरा, राज्य पशु चिकित्सा परिषद के सदस्य, पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. पी सी भाटी, डॉ. प्रवीण सेन, डॉ. सुरेश मीना सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।