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राज्यपाल मिश्र ‘रूप नारायण छीपा फाउंडेशन‘ सम्मान समारोह एवं पुरस्कार वितरण समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दूसरों की भलाई के समान कोई धर्म नहीं है और दूसरों को दुःख पहुँचाने के समान कोई पाप नहीं है। उन्होंने भारतीय संस्कृति के उदात्त जीवन मूल्यों को अपनाते हुए राष्ट्र के विकास में सभी को योगदान देने का आह्वान किया
जयपुर । राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि जिस समाज में प्रतिभाओं का सम्मान होता है, उसी का सर्वागीण विकास होता है। उन्होंने भारतीय सनातन संस्कृति और सेवा से जुड़े जीवन मूल्यों को अपनाते हुए सभी को जीवन के आलोक पथ पर चलने का आह्वान किया। उन्होंने छीपा समाज द्वारा समाजसेवा, शिक्षा, विज्ञान, चिकित्सा और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कार्य करने वाली प्रतिभाओं का सम्मान करते हुए कहा कि विकसित भारत के लिए विशिष्ट क्षेत्रों में सभी को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।
राज्यपाल मिश्र ‘रूप नारायण छीपा फाउंडेशन‘ सम्मान समारोह एवं पुरस्कार वितरण समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दूसरों की भलाई के समान कोई धर्म नहीं है और दूसरों को दुःख पहुँचाने के समान कोई पाप नहीं है। उन्होंने भारतीय संस्कृति के उदात्त जीवन मूल्यों को अपनाते हुए राष्ट्र के विकास में सभी को योगदान देने का आह्वान किया।
मिश्र ने संत रैदास, कबीर, स्वामी विवेकानंद आदि की शिक्षाओं को अपनाए जाने पर जोर देते हुए वैदिक संस्कृति के अंतर्गत मानव कल्याण को सर्वोपरि रखते हुए कार्य किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यजुर्वेद में हम सभी को राष्ट्र का पुरोहित कहा गया हैं। राष्ट्र के पुरोहित होने का अर्थ है, राष्ट्र की समृद्धि और संपन्नता के लिए हम आहूतियां दें। हम यह कामना करें कि सभी प्राणी सुखी हो-सबके सुख में हमारा सुख हो। यह उदात्त भावना ही भारतीय संस्कृति का मूल है।
राज्यसभा सांसद और पूर्व शिक्षा मंत्री घनश्याम तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के लिए यह सांस्कृतिक अभ्युदय का समय है। उन्होंने केरल में मंदिर उत्थान के लिए हुए ऐतिहासिक कार्य की चर्चा करते हुए कहा कि राष्ट्र को सर्वोपरि रखते हुए जो काम देश भर में हों रहे हैं, उनसे भारत सांस्कृतिक दृष्टि से निरंतर संपन्न हों रहा है। उन्होंने संत नामदेव के आदर्शों को अपनाते हुए आगे बढ़ने के साथ छीपा समाज द्वारा राष्ट्र के लिए किए योगदान को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने भारतीय संस्कृति के आलोक में सभी को कार्य करने का आह्वान किया।
इससे पहले राज्यपाल ने छीपा समाज की विभिन्न क्षेत्र की प्रतिभाओं को स्वर्ण, रजत पदक और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। फाउंडेशन के अध्यक्ष दिलीप छीपा ने अतिथियों को सम्मानित करते हुए आभार जताया। इस मौके पर शिक्षाविद और पूर्व कुलपति प्रो. मोहनलाल छीपा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य जन उपस्थित रहे।