जयपुर बस हादसा: 2 की मौत, 10 घायल: जयपुर में बस में दौड़ा करंट, 2 की मौत; हाईटेंशन लाइन से लगी आग, 15 दिन में देश में 5वां बड़ा बस हादसा

जयपुर में बस में दौड़ा करंट, 2 की मौत; हाईटेंशन लाइन से लगी आग, 15 दिन में देश में 5वां बड़ा बस हादसा
जयपुर बस हादसा: 2 की मौत, 10 घायल
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Highlights

  • जयपुर के मनोहरपुर में हुआ दर्दनाक हादसा।
  • मजदूरों से भरी बस में हाईटेंशन लाइन छूने से दौड़ा करंट।
  • हादसे में दो मजदूरों की मौत, 10 से अधिक घायल।
  • प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए।

जयपुर: जयपुर (Jaipur) के मनोहरपुर (Manoharpur) इलाके में मंगलवार को एक बस हाईटेंशन लाइन से टकरा गई, जिससे उसमें आग लग गई। इस हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई और 10 मजदूर झुलस गए। बस में रखे गैस सिलेंडरों में भी विस्फोट हुआ। गंभीर रूप से घायल 5 लोगों को जयपुर रेफर किया गया है।जयपुर में भीषण बस हादसा: दो की मौत, दस घायलमंगलवार को जयपुर शहर से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित मनोहरपुर इलाके में एक अत्यंत दर्दनाक बस हादसा हुआ है।

यह घटना उस समय हुई जब मजदूरों को टोडी स्थित एक ईंट भट्टे पर ले जा रही एक बस अचानक हाईटेंशन बिजली की लाइन से टकरा गई।

टक्कर के तुरंत बाद बस में जोरदार करंट दौड़ गया और देखते ही देखते उसमें भीषण आग लग गई।

इस भयावह दुर्घटना में दो व्यक्तियों की मौके पर ही दुखद मौत हो गई।

इसके अतिरिक्त, दस मजदूर गंभीर रूप से झुलस गए हैं और उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है।

घायलों में से पांच की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है, जिन्हें बेहतर और विशेष उपचार के लिए जयपुर के बड़े अस्पताल में रेफर किया गया है।

स्थानीय प्रशासन और पुलिस टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और बचाव कार्य शुरू किया।

गैस सिलेंडरों में विस्फोट से बढ़ा खतरा और बचाव कार्य में बाधा

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बस में आग लगने के बाद एक के बाद एक कई जोरदार धमाके सुनाई दिए।

इन धमाकों का मुख्य कारण बस के अंदर अवैध रूप से रखे गए गैस सिलेंडरों का फटना बताया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, बस में पांच से भी अधिक गैस सिलेंडर मौजूद थे, जो आग की चपेट में आने के बाद फट गए।

सिलेंडरों में हुए इन विस्फोटों ने आग को और भी विकराल बना दिया, जिससे बस पूरी तरह से जलकर खाक हो गई।

इन धमाकों के कारण बचाव और राहत कार्य में भी काफी बाधा उत्पन्न हुई।

स्थानीय ग्रामीण और आस-पास के लोग तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और अपनी जान की परवाह किए बिना बस में फंसे यात्रियों को बाहर निकालने का अथक प्रयास किया।

उनकी त्वरित प्रतिक्रिया ने शायद कुछ और जिंदगियों को बचाने में मदद की होगी।

हाईटेंशन लाइन हटाने की मांग पर प्रशासन की अनदेखी

मनोहरपुर के स्थानीय ग्रामीणों ने इस हादसे के लिए प्रशासन की घोर लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है।

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने पहले भी कई बार संबंधित अधिकारियों और प्रशासन से इन खतरनाक हाईटेंशन बिजली की लाइनों को आबादी वाले क्षेत्र से हटाने की मांग की थी।

हालांकि, उनकी बार-बार की शिकायतों और चेतावनियों पर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया।

इस अनदेखी का परिणाम आज यह दुखद और जानलेवा हादसा है, जिसने कई परिवारों को तबाह कर दिया।

इस घटना ने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था और सरकारी विभागों की जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति गहरा रोष व्याप्त है।

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में आपातकालीन अलर्ट

बस हादसे की भयावह जानकारी मिलते ही जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल में एक विशेष मेडिकल टीम को आपातकालीन स्थिति के लिए अलर्ट पर रखा गया है।

अस्पताल प्रशासन ने घायलों के त्वरित और प्रभावी इलाज के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं।

जिला कलेक्टर जितेंद्र सोनी भी तुरंत घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं ताकि स्थिति का जायजा लिया जा सके और राहत कार्यों का समन्वय किया जा सके।

इसके साथ ही, जिला पुलिस की एक विशेष टीम और सिविल डिफेंस की प्रशिक्षित टीम भी बचाव और राहत कार्य में सहायता के लिए मौके पर पहुंच गई हैं।

अधिकारियों ने बताया कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।

देशभर में हाल के दिनों में हुए बड़े बस हादसों की श्रृंखला

यह दुखद घटना हाल के दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में हुए कई बड़े बस हादसों की श्रृंखला में एक और कड़ी है।

14 अक्टूबर को जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर एक चलती एसी स्लीपर बस में अचानक आग लग गई थी, जिसमें 22 यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई थी।

इसके बाद, 24 अक्टूबर को कुरनूल में एक एसी बस से बाइक टकराने के बाद भीषण आग लग गई थी, जिसमें 26 लोगों की जलकर मौत हो गई थी।

हालांकि, उस हादसे में 19 यात्रियों ने बस से कूदकर अपनी जान बचाने में सफलता प्राप्त की थी।

25 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में भी शनिवार रात एक बस में आग लग गई थी।

यह बस शिवपुरी जिले के पिछोर से इंदौर जा रही थी और पूरी तरह जल गई, लेकिन बस के ड्राइवर और एक पुलिसकर्मी ने सूझबूझ दिखाते हुए कांच तोड़कर सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया था, जिससे कोई हताहत नहीं हुआ।

हाल ही में 26 अक्टूबर को लखनऊ में आगरा एक्सप्रेस-वे पर एक चलती एसी बस का टायर फटने के बाद उसमें आग लग गई थी।

उस बस में लगभग 70 यात्री सवार थे, लेकिन सौभाग्य से सभी बाल-बाल बच गए थे।

ये सभी घटनाएं देश में सड़क सुरक्षा उपायों की गंभीरता से समीक्षा करने और उनके कड़े अनुपालन को सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती हैं।

यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

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