Highlights
- PIB ने जयपुर मेट्रो फेज-2 की DPR को मंजूरी दी।
- परियोजना अब अंतिम स्वीकृति के लिए केंद्रीय कैबिनेट जाएगी।
- फेज-2 से जयपुर के दक्षिणी और पश्चिमी इलाकों को सीधी मेट्रो कनेक्टिविटी मिलेगी।
- 42.80 किमी लंबी इस परियोजना में 36 स्टेशन प्रस्तावित हैं।
जयपुर: जयपुर मेट्रो (Jaipur Metro) के फेज-2 को पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (PIB) ने मंजूरी दी है। अब यह केंद्रीय कैबिनेट (Union Cabinet) जाएगा, जिससे दक्षिणी-पश्चिमी इलाकों को नई मेट्रो कनेक्टिविटी मिलेगी।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय (व्यय विभाग) के सचिव की अध्यक्षता में हुई पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (PIB) की उच्च-स्तरीय बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इस दौरान राजस्थान मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (RMRC) के मैनेजिंग डायरेक्टर वैभव गालरिया ने फेज-2 की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) का विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया और सभी पहलुओं को स्पष्ट किया।
बोर्ड ने इस प्रस्तुति के बाद मेट्रो फेज-2 को अपनी स्वीकृति दे दी, जिससे जयपुर में मेट्रो विस्तार का मार्ग प्रशस्त हो गया है। यह स्वीकृति जयपुर के लिए आने वाले सालों में महत्वपूर्ण शहरी विकास परियोजनाओं में से एक होगी।
कैबिनेट अनुमोदन की प्रक्रिया
PIB से मंजूरी मिलने के बाद, अब अगला चरण केंद्रीय कैबिनेट के अनुमोदन का है, जो परियोजना को अंतिम रूप देगा। सूत्रों के अनुसार, 20 दिसंबर तक PIB बैठक के आधिकारिक मिनट्स जारी हो जाएंगे।
इसके बाद परियोजना से जुड़ा एक विस्तृत कैबिनेट नोट तैयार किया जाएगा। इसे सबसे पहले केंद्रीय शहरी कार्य मंत्रालय को भेजा जाएगा, जहां केंद्रीय शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल इस पर अपनी स्वीकृति देंगे।
शहरी कार्य मंत्रालय की मंजूरी के बाद, कैबिनेट नोट को वित्त मंत्रालय में भेजा जाएगा। यहां वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण इस पर अंतिम आर्थिक सहमति देंगी, जो परियोजना के वित्तीय पहलुओं के लिए महत्वपूर्ण है।
इसके उपरांत प्रस्ताव को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के पास भेजा जाएगा, जहां से अंतिम हरी झंडी मिलेगी। PMO की अनुमति के बाद ही प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में शामिल किया जाएगा, जहां से परियोजना को अंतिम मंजूरी मिलेगी और निर्माण कार्य शुरू हो सकेगा।
जयपुर के लिए गेम-चेंजर
जयपुर मेट्रो फेज-2 को शहर के सार्वजनिक परिवहन तंत्र के लिए एक गेम-चेंजर माना जा रहा है। इसके बनने से शहर के दक्षिणी और पश्चिमी इलाकों को सीधी और तेज मेट्रो कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे लाखों यात्रियों को लाभ होगा।
इससे न केवल ट्रैफिक जाम में कमी आएगी और प्रदूषण घटेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। साथ ही, इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ की भी उम्मीद लगाई जा रही है, जो शहर के समग्र विकास में सहायक होगी। यह परियोजना लंबे समय से मंजूरी का इंतजार कर रही थी और अब वास्तविकता के करीब है।
फेज-2 की मुख्य विशेषताएं
जयपुर मेट्रो फेज-2 की कुल लंबाई लगभग 42.80 किलोमीटर होगी, जिसमें कुल 36 स्टेशन प्रस्तावित हैं। इनमें से 34 एलिवेटेड (ऊपर) और 2 अंडरग्राउंड (भूमिगत) होंगे, जो विभिन्न इलाकों को कवर करेंगे।
यह फेज सीतापुरा इंडस्ट्रियल एरिया, वीकेआई, जयपुर एयरपोर्ट, जयपुर रेलवे स्टेशन और गांधी नगर रेलवे स्टेशन जैसे प्रमुख परिवहन हब को जोड़ेगा। इसके अतिरिक्त, एसएमएस स्टेडियम, एसएमएस हॉस्पिटल, कलेक्ट्रेट, विद्याधर नगर, अंबाबाड़ी, टोंक रोड और सीकर रोड जैसे मुख्य आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्रों को भी मेट्रो कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे आम जनता को सुविधा होगी।
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