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मंत्रिमण्डल की बैठक में नए जिलों के गठन के लिए बनाई गई राम लुभाया कमेटी की रिपोर्ट पर लंबी चर्चा के बाद जयपुर ग्रामीण को जिला बनाए जाने का निर्णय किया गया।
जयपुर | राजस्थान में कई दिनों से बवाल को लेकर सुर्खियों में रहे नए जिलों के नाम पर आखिरकार मुहर लग गई है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने चोटिल होने के बावजूद अपने आवास पर ही शुक्रवार रात कैबिनेट की मीटिंग की, जिसमें कई अहम मामलों पर बड़े फैसले लिए गए।
इस कैबिनेट मीटिंग में राजधानी जयपुर और जोधपुर के बंटवारे कर नए जिले बनाने पर भी फैसला हो गया है।
ऐसे में अब राज्य में जिलों की संख्या पचास रहेगी। इनमें शामिल तहसील-उपखंडों की सीमाओं की अधिसूचना भी जल्द जारी कर दी जाएगी।
जयपुर ग्रामीण और जोधपुर ग्रामीण होंगे नए जिले
मंत्रिमण्डल की बैठक में नए जिलों के गठन के लिए बनाई गई राम लुभाया कमेटी की रिपोर्ट पर लंबी चर्चा के बाद जयपुर ग्रामीण को जिला बनाए जाने का निर्णय किया गया।
जयपुर ग्रामीण में आ सकते हैं ये क्षेत्र
जयपुर ग्रामीण के नाम से गठित होने वाले नए जिले में सांभर, रेनवाल, जोबनेर, फुलेरा, चौमूं और शाहपुरा शामिल किए जा सकते हैं।
क्या कहा सीएम गहलोत ने ?
इस संबंध में सीएम गहलोत ने कहा कि इन नए जिलों से राज्य के विकास को एक नई गति मिलेगी और आमजन की सुगमता बढ़ेगी।
विकास संबंधी योजनाओं का क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग अधिक प्रभावी ढंग से हो सकेगी।
नए जिलों के गठन से जमीन संबंधी एवं दीवानी मामलों के न्यायालय नजदीक होने से आमजन के समय और धन की बचत होगी तथा इन मामलों का त्वरित निस्तारण हो सकेगा।
दूदू होगा राज्य का सबसे छोटा जिला
दूदू को नया जिला बनाने के बाद इसमें फागी, मौजमाबाद जैसे क्षेत्रों को शामिल किया जा सकता है।
आपको बता दें कि इससे पहले तक जयपुर के टुकड़े करते हुए सांभर, फुलेरा, जोबनेर आदि क्षेत्रों को दूदू में मिलाने के फैसले पर जयपुरवासियों समेत कई नेता बिल्कुल भी तैयार नहीं थे।
ऐसे में गहलोत सरकार ने नया रास्ता निकालते हुए जयपुर के टुकड़े कर इसके जयपुर ग्रामीण के नाम से मुहर लगा दी है।
गौरतलब है कि सीएम गहलोत ने इस बार के बजट में 19 जिलों की घोषणा की गई थी जिनमें दूदू को भी नया जिला बनाने की घोषणा की गई थी।