वन स्कूल - वन पोर्टल की मांग: स्कूल शिक्षा परिवार जिलाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

स्कूल शिक्षा परिवार जिलाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
Ad

जालोर | राजस्थान में गैर सरकारी विद्यालयों के राज्य स्तरीय संगठन स्कूल शिक्षा परिवार के जालोर जिले के जिलाध्यक्ष विक्रमसिंह राठौड़ धानसा ने राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एवं शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को पत्र लिखकर "वन स्कूल - वन पोर्टल" की मांग रखी है।

विक्रमसिंह राठौड़ ने पत्र में बताया कि राज्यभर में संचालित गैर सरकारी विद्यालयों के लिए शिक्षा विभाग द्वारा "प्राईवेट स्कूल पोर्टल" बना हुआ है जिस पर विद्यालय तथा विद्यालय के विद्यार्थियों व कर्मचारियों का सम्पूर्ण डाटा अपलोड किया जाता है एवं शिक्षा विभाग से सम्बन्धित सभी गतिविधियाँ नियमित रूप से चलती रहती है।

राज्यभर के समस्त गैर सरकारी विद्यालयों को विद्यालय के इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित विद्यालय तथा संस्था से सम्बन्धित सम्पुर्ण जानकारी इस पोर्टल पर अपलोड़ करनी होती है। विद्यालय के विद्यार्थियों के प्रवेश एवं उनकी सम्पूर्ण प्रोफाईल भरने, आधार कार्ड ऑथेण्टिकेशन, जन आधार कार्ड ऑथेण्टिकेशन, परीक्षा परिणाम तथा इसके बाद अगली कक्षा में प्रमोट करने की प्रक्रिया, आरटीई के विद्यार्थियों के प्रवेश से लेकर उनके भौतिक सत्यापन तथा पुनर्भरण राशि के बिल बनवाकर उनके भुगतान की सम्पूर्ण प्रक्रिया, विद्यालय के विद्यार्थियों के स्कूल छोड़ने पर नाम पृथक करने से लेकर स्थानान्तरण प्रमाण पत्र जारी करने की सम्पूर्ण प्रक्रिया इसी प्राईवेट स्कूल पोर्टल के माध्यम से ही सम्पन्न होती है।

इसी प्रकार से केन्द्र सरकार द्वारा "यूडाईस पोर्टल" बना हुआ है जिसका पूरा नाम "यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन" है। इस पोर्टल पर भी राज्यभर के समस्त गैर सरकारी विद्यालयों को विद्यालय के इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित विद्यालय तथा संस्था से सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी इस पोर्टल पर अपलोड़ करनी होती है।

विद्यालय के विद्यार्थियों के प्रवेश तथा उनकी सम्पूर्ण प्रोफाईल भरने, आधार कार्ड ऑथेण्टिकेशन, उपस्थिति, परीक्षा परिणाम तथा इसके बाद प्रोगेशन एक्टिविटी के तहत अगली कक्षा में प्रमोट करने की प्रक्रिया, विद्यालय के विद्यार्थियों के स्कूल छोड़ने पर नाम पृथक कर ड्रॉप बॉक्स में डालने से लेकर स्थानान्तरण प्रमाण पत्र जारी करने की सम्पूर्ण प्रक्रिया भी दुबारा करनी होती है।

साथ ही केन्द्र सरकार द्वारा इसी यूडाईस पोर्टल पर "वन स्टूडेण्ट-वन नेशन" कार्यक्रम के अपार आई डी (APAAR ID) बनाने का कार्य भी शुरू किया गया है। तहत

प्राईवेट स्कूल पोर्टल और यूडाईस पोर्टल के अलावा तीसरा मुख्य पोर्टल "शाला दर्पण पोर्टल" है जिस पर गैर सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए विभिन्न योजनाओं के छात्रवृति फॉर्म भरवाने, खेलकूद प्रतियोगिताओं के आवेदन पत्र भरवाने, कक्षा 5 वीं बोर्ड तथा कक्षा 8 वीं बोर्ड के विद्यार्थियों के आवेदन पत्र भरवाने से लेकर सत्रांक अपलोड़ करने से परीक्षा परिणाम जारी करने तक का सम्पूर्ण कार्य तथा सरकार की विभिन्न योजनाओं के आवेदन पत्र भरवाने का कार्य इस 'शाला दर्पण पोर्टल" के माध्यम से करवाया जाता है।

प्राईवेट स्कूल पोर्टल, यूडाईस पोर्टल और शाला दर्पण पोर्टल के अलावा भी राज्य सरकार व केन्द्र सरकार के कई पोर्टल है, जिनमें इन विद्यालयों के विद्यार्थियों के फॉर्म ऑनलाईन भरने पड़ते है जिसमें माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान का पोर्टल, इन्स्पायर अवॉर्ड योजना सहित कई अन्य पोर्टल शामिल है।

प्राईवेट स्कूल पोर्टल और यूडाईस पोर्टल दोनों ही पोर्टल पर एक ही सूचना को दो-दो बार ऑनलाईन करने पर त्रुटियाँ व भिन्नता रहने की सम्भावना ज्यादा रहती है।

साथ ही एक ही सूचना को बार-बार अलग-अलग पोर्टल पर ऑनलाईन करने में समय और ऊर्जा दोनों ही खर्च होते है और काम भी तय समय सीमा तक पूरा नही हो पाता है जिसके कारण विभागीय अधिकारियों द्वारा बार-बार दबाव दिया जाकर कार्य को पूरा करवाया जाता है।

विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों का भी अलग-अलग पोर्टल पर मॉनीटरिंग करने में समय और ऊर्जा दोनों ही खर्च होते है।

यदि सरकार व विभाग द्वारा थोड़ा प्रयास किया जाये तो इनमें से अधिकांश कार्य एक ही पोर्टल के माध्यम से सम्भव हो सकते है या फिर ऐसी कोई सुविधा लागु की जाये कि प्राईवेट स्कूल पोर्टल एवं यूडाईस पोर्टल दोनों को एक दूसरे से लिंक किया जाये ताकि एक पोर्टल पर विद्यार्थी का विवरण अपलोड़ करने या अपडेट करने पर दूसरे पोर्टल पर स्वतः ही अपडेट हो जायें।

उन्होंने आग्रह किया है कि "वन स्कूल-वन पोर्टल" की सुविधा को शुरू करावें ताकि एक ही सूचना को बार-बार अलग-अलग पोर्टल पर ऑनलाईन करने में समय और ऊर्जा दोनों ही खर्च नहीं हो तथा सभी कार्य तय समय सीमा के अन्दर पूरे हो सकें एवं किसी प्रकार की त्रुटि या भिन्नता की सम्भावना भी ना रहें।

Must Read: सिन्धी कैम्प बस स्टेण्ड को विश्व स्तरीय एकीकृत आईएसबीटी हब बनाने को लेकर बैठक— हीरापुरा बस टर्मिनल को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में करें विकसित

पढें जालोर खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News) के लिए डाउनलोड करें thinQ360 App.

  • Follow us on :