जवाई पुनर्भरण: लोढ़ा ने सरकार को घेरा: जवाई पुनर्भरण योजना पर डेढ़ साल से काम नहीं, CM को पत्र लिखा

जवाई पुनर्भरण योजना पर डेढ़ साल से काम नहीं, CM को पत्र लिखा
Sanyam Lodha letter to chief minister rajasthan about jawai dam recharge
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Highlights

लोढ़ा ने भाजपा सरकार पर जवाई पुनर्भरण योजना में देरी का आरोप लगाया है.

यह 2554.23 करोड़ की योजना गहलोत सरकार में स्वीकृत हुई थी.

उदयपुर में बांधों के कार्यादेश के बावजूद काम रुका हुआ है.

सरकार ने कदम नहीं उठाए तो नागरिक संघर्ष का रास्ता अपनाएंगे.

शिवगंज. पूर्व विधायक संयम लोढ़ा (Sanyam Lodha) ने जवाई पुनर्भरण योजना (Jawai Recharge Scheme) पर भाजपा सरकार की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई है. उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) को पत्र लिखा है.

योजना की वर्तमान स्थिति

यह महत्वाकांक्षी योजना अशोक गहलोत सरकार की घोषणा थी. इसकी लागत 2554.23 करोड़ रुपए निर्धारित की गई थी.

उदयपुर में बांध निर्माण के लिए 9 फरवरी 2023 को स्वीकृति मिली थी. कार्यादेश भी 10 जुलाई 2023 को जारी हुआ था.

लोढ़ा ने योजना में देरी पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि पौने दो साल में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई.

परियोजना पर आगे कोई काम नहीं बढ़ पाया है. सरकार की ओर से उदासीनता बरती जा रही है.

सिंचाई विभाग ने करोड़ों रुपये मुआवजे के लिए जमा करा दिए हैं. यह राशि राजस्व विभाग के पास पड़ी है.

किसानों को मुआवजा देने का सर्वे शुरू नहीं हुआ है. इससे मुआवजा प्रक्रिया पूरी तरह अटक गई है.

लोढ़ा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा है. उन्होंने परियोजना पर तुरंत काम शुरू कराने की मांग की है.

किसानों को मुआवजा देने के लिए सर्वे करवाने का आग्रह किया है. बांध का निर्माण भी शीघ्र शुरू करने को कहा है.

परियोजना का विस्तृत विवरण

इस परियोजना के तहत सेई नदी पर बांध बनना है. यह 1970 मीटर लंबा बांध होगा.

साथ ही 7.42 किमी लंबी टनल भी बनेगी. यह निर्माण ग्राम बुजा, तहसील कोटड़ा, उदयपुर में होगा.

साबरमती नदी पर भी बांध प्रस्तावित है. यह 1387.9 मीटर लंबा होगा.

इसके साथ 5.82 किमी की टनल भी बनेगी. यह चक सांडमारिया, कोटड़ा, उदयपुर में बनेगा.

दोनों बांधों के निर्माण के बाद पानी जवाई बांध तक आएगा. इससे पाली और सिरोही जिलों की समस्या हल होगी.

पेयजल और सिंचाई की स्थायी समस्या का समाधान होगा. यह कार्य 2027 तक पूरा होना था.

लाभान्वित होने वाले क्षेत्र

परियोजना पूरी होने पर पाली जिले के 9 कस्बों को लाभ मिलेगा. पाली, रोहट, जैतारण, सुमेरपुर इनमें शामिल हैं.

बाली, देसूरी, सोजत, रायपुर, मारवाड़ जंक्शन भी लाभान्वित होंगे. 560 गांवों को भी पेयजल सुविधा मिलेगी.

सिरोही व शिवगंज तहसील के 178 गांवों को भी फायदा होगा. शिवगंज नगर को भी इसका सीधा लाभ प्राप्त होगा.

यह परियोजना बड़े ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को कवर करेगी. लाखों लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा.

लोढ़ा की कड़ी चेतावनी

परियोजना का सर्वे और भौतिक सत्यापन ठप पड़ा है. स्थानीय विरोध और सरकारी उदासीनता इसका कारण है.

लोढ़ा ने सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं.

उनका कहना है कि सरकार को शीघ्र कदम उठाने चाहिए. अन्यथा यह परियोजना इस कार्यकाल में पूरी नहीं होगी.

नागरिकों को आंदोलन करना पड़ेगा. संघर्ष का रास्ता अपनाने को मजबूर होना पड़ेगा.

पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार रहे संयम लोढ़ा ने अपनी बात रखी है. उन्होंने जनहित में काम करने की अपील की है.

इस महत्वपूर्ण योजना को प्राथमिकता देनी चाहिए. अन्यथा जनता सड़कों पर उतरने को विवश होगी.

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