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जगदीश शेट्टार का पत्ता इस बार पार्टी ने काट दिया है जबकि, शेट्टार किसी भी हाल में चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके थे। ऐसे में शेट्टार ने भाजपा के कमल को छोड़ कांग्रेस के हाथ को पकड़ना ही उचित समझा।
नई दिल्ली | विधानसभा चुनावों से पहले जहां राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा में उथल-पुथल मची हुई है। बयानबाजी का दौर लगातार जारी है, वैसा ही हाल कुछ कर्नाटक का भी है।
कर्नाटक में भी चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है।
प्रदेश भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार ने पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।
शेट्टार का कांग्रेस से हाथ मिलना भाजपा के लिए बेहद नुकसान दायक भी माना जा रहा है, क्योंकि, शेट्टार नॉर्थ कर्नाटक में काफी अच्छी पकड़ रखते हैं।
इस क्षेत्र में कुल 20 से 25 विधानसभा सीटें आती हैं और शेट्टार की इन पर अच्छी पकड़ है।
ऐसे में भाजपा को इन सीटों पर भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
क्यों मिलाया कांग्रेस से हाथ?
अब सवाल ये है कि, जगदीश शेट्टार भाजपा के दिग्गज नेता होते हुए भी कांग्रेस में क्यों शामिल हो गए? दरअसल, भाजपा पार्टी में नए चेहरों को मैदान में उतारना चाह रही है।
जिसके चलते जगदीश शेट्टार का पत्ता इस बार पार्टी ने काट दिया है जबकि, शेट्टार किसी भी हाल में चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके थे।
ऐसे में शेट्टार ने भाजपा के कमल को छोड़ कांग्रेस के हाथ को पकड़ना ही उचित समझा। भाजपा को छोड़ने के बाद शेट्टार ने कहा कि जिन लोगों ने पार्टी बनाई है उन्हें ही बाहर किया रहा है। उनके खिलाफ पार्टी के कुछ लोगों ने साजिश रचने का काम किया है।
गौरतलब है कि, जगदीश शेट्टार 1994 में धारवाड़ जिले के भाजपा अध्यक्ष चुने गए थे। जिसके बाद इसी साल वे पहली बार विधायक भी बने और लगातार चार बार जीत दर्ज की। वे कुल 6 बार विधायक रह चुके हैं।
साल 2005 में शेट्टार को कर्नाटक भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया और साल 2006 में मंत्री पद मिला।
यहीं नहीं, साल 2008 में शेट्टार विधानसभा स्पीकर भी रहे और साल 2012 में मुख्यमंत्री पद की कमान भी संभाली।