ट्रेन से गिरी मां-बेटी: कर्नाटक: चलती ट्रेन से गिरी पत्नी-बेटी, 3 दिन बाद मिले शव

कर्नाटक: चलती ट्रेन से गिरी पत्नी-बेटी, 3 दिन बाद मिले शव
Jalore 3 दिन बाद शव मिले
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Highlights

  • आंध्र प्रदेश से राजस्थान आ रहे परिवार की मां-बेटी चलती ट्रेन से गिरीं।
  • पति ने तीन दिन तक अलग-अलग स्टेशनों पर ढूंढा, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
  • कर्नाटक में रेलवे पटरियों के पास झाड़ियों में मिले मां-बेटी के शव।
  • शव सड़ जाने के कारण परिजन अंतिम बार चेहरा भी नहीं देख पाए।

जालोर: आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) से राजस्थान (Rajasthan) आ रहे मांगीलाल देवासी (Mangilal Dewasi) की पत्नी और बेटी कर्नाटक (Karnataka) में चलती ट्रेन से गिर गईं। तीन दिन बाद रायचूर (Raichur) में उनके सड़े शव मिले। परिजन उनका चेहरा नहीं देख पाए।

मांगीलाल देवासी, जो आंध्र प्रदेश के अनंतपुर शहर में मोबाइल एक्सेसरीज का थोक और खुदरा व्यापार करते हैं, 22 नवंबर को अपने साले की शादी में शामिल होने के लिए जालोर आ रहे थे। वे 9 नवंबर की रात 8:30 बजे अपनी पत्नी पुष्पा देवी (32), बेटे धर्मेंद्र (9) और बेटी रवीना (5) के साथ अनंतपुर से अहमदाबाद जाने वाली ट्रेन (गाड़ी संख्या 22690) में सवार हुए थे।

दर्दनाक हादसा: चलती ट्रेन से गिरी मां-बेटी

रात करीब 10 बजे खाना खाने के बाद पूरा परिवार अपनी सीटों पर सो गया। लगभग 11:30 बजे ट्रेन कर्नाटक के रायचूर जिले से लगभग 90 किलोमीटर दूर यादगिरी और नालवर स्टेशन के बीच चल रही थी। इसी दौरान बेटी रवीना बाथरूम जाने के लिए पुष्पा देवी के साथ गई। बाथरूम के बाहर नल पर हाथ धोते समय फर्श पर पानी होने के कारण रवीना का पैर फिसल गया। रवीना को बचाने के प्रयास में पुष्पा भी फिसल गईं। कोच का दरवाजा खुला होने के कारण दोनों चलती ट्रेन से नीचे गिर गईं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

तीन दिन तक ढूंढते रहे परिजन

रात करीब 12 बजे मांगीलाल ने देखा कि उनकी पत्नी पुष्पा और बेटी रवीना अपनी सीट पर नहीं थीं। उन्होंने पूरे कोच में तलाश की, लेकिन दोनों कहीं नहीं मिलीं। आसपास के यात्रियों से भी पूछताछ की गई, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। मांगीलाल को लगा कि मां-बेटी किसी स्टेशन पर उतर गई होंगी और उनकी ट्रेन छूट गई होगी।

10 नवंबर को मांगीलाल अपने 9 साल के बेटे को लेकर रायचूर स्टेशन पर उतरे और जीआरपी थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। चूंकि मांगीलाल दिव्यांग हैं, उन्होंने अपने भाइयों को अनंतपुर से रायचूर बुला लिया। इसके बाद मांगीलाल और उनके दो भाई तीन दिनों तक आंध्र प्रदेश से लेकर कर्नाटक के हर स्टेशन पर पुष्पा और रवीना को ढूंढते रहे। उन्होंने कई किलोमीटर तक पटरियों पर पैदल चलकर भी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।

झाड़ियों में मिले शव, पहचान हुई मुश्किल

13 नवंबर की दोपहर में यादगिरी और नालवर स्टेशन के बीच गांव के कुछ बच्चे पशु चराने गए थे। इस दौरान उन्होंने रेलवे पटरियों के पास झाड़ियों में दो शव देखे। बच्चों ने गांव वालों को इसकी सूचना दी, जिसके बाद जीआरपी पुलिस मौके पर पहुंची और मां-बेटी के शव बरामद किए।

पुलिस ने शवों की पहचान के लिए वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए। जब यह वीडियो मांगीलाल तक पहुंचा, तो उन्हें पता चला कि उनकी पत्नी और बेटी की मौत हो गई है। उन्होंने जीआरपी थाने पहुंचकर शवों की पुष्टि की। पुष्पा देवी पांच महीने की गर्भवती भी थीं। पोस्टमार्टम के दौरान उनके पेट से पांच महीने का भ्रूण भी निकाला गया।

जालोर में अंतिम संस्कार

शनिवार को एम्बुलेंस से दोनों शव जालोर पहुंचे। शव सड़ जाने के कारण उन्हें खोला नहीं गया और न ही परिजनों को चेहरा दिखाया गया। परिजनों ने केवल चुनरी ओढ़ाकर उनका अंतिम संस्कार किया। पुष्पा अपने तीन भाइयों की इकलौती बहन थीं।

आंध्र प्रदेश में सफल व्यवसाय

मांगीलाल देवासी 2014 में पहली बार आंध्र प्रदेश गए थे और धीरे-धीरे वहां अपना मोबाइल एक्सेसरीज का व्यवसाय स्थापित किया। उनका थोक और खुदरा व्यापार काफी सफल रहा। बाद में उन्होंने अपने दो छोटे भाइयों को भी अपने साथ बुला लिया और वे तीनों मिलकर इस व्यवसाय को चलाते थे। 22 नवंबर को जालोर में पुष्पा देवी के भाई की शादी थी, जिसमें शामिल होने के लिए पूरा परिवार आ रहा था। लेकिन शादी से पहले बहन और भांजी का अंतिम संस्कार करना पड़ा, जिसने पूरे परिवार को गहरा सदमा पहुंचाया है।

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