Highlights
- खाटूश्यामजी मंदिर 30 दिसंबर से 1 जनवरी तक 24 घंटे खुला रहेगा।
- सुरक्षा व्यवस्था के लिए 3 हजार जवान और 250 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
- 5 जनवरी तक वीआईपी दर्शन की सुविधा पूरी तरह से बंद कर दी गई है।
- श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर में दर्शन हेतु 14 लाइनें बनाई गई हैं।
सीकर | राजस्थान के प्रसिद्ध खाटूश्यामजी मंदिर में नए साल के उपलक्ष्य में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। भक्तों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब 30 दिसंबर से लेकर 1 जनवरी तक बाबा श्याम के मंदिर के पट 24 घंटे खुले रहेंगे। इससे भक्त रात के समय भी सुगमता से दर्शन कर सकेंगे। मंदिर प्रशासन का मानना है कि इस निर्णय से भीड़ का दबाव कम होगा और श्रद्धालु शांतिपूर्ण तरीके से दर्शन कर पाएंगे।
सुरक्षा के कड़े प्रबंध
मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया गया है। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में लगभग 3 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इनमें पुलिस के साथ-साथ निजी गार्ड भी शामिल हैं। पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी के लिए 250 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। प्रशासन हर गतिविधि पर पैनी नजर रख रहा है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग की विशेष व्यवस्था की गई है।
वीआईपी दर्शन पर रोक
मंदिर कमेटी के मंत्री मानवेंद्र सिंह चौहान ने स्पष्ट किया है कि 5 जनवरी तक वीआईपी दर्शन की कोई व्यवस्था नहीं होगी। सभी भक्तों को सामान्य लाइनों में लगकर ही बाबा के दर्शन करने होंगे। इसके लिए कुल 14 लाइनें बनाई गई हैं। प्रशासन ने भक्तों से अपील की है कि वे किसी भी बिचौलिए या गिरोह के झांसे में न आएं जो वीआईपी दर्शन के नाम पर पैसे मांगते हैं। हाल ही में पुलिस ने ऐसे ही एक गिरोह के सदस्य को गिरफ्तार किया है जो भक्तों को ठगने का प्रयास कर रहा था।
श्रद्धालुओं का उत्साह
रींगस से खाटूश्यामजी धाम तक भक्तों का तांता लगा हुआ है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु हाथों में रंग-बिरंगे निशान लेकर पैदल यात्रा कर रहे हैं। बाबा श्याम के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है। वाहनों के भारी दबाव के कारण सड़कों पर जाम की स्थिति बनी हुई है लेकिन पुलिस यातायात सुचारू करने में जुटी है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जगह-जगह भंडारे और विश्राम गृहों की व्यवस्था की गई है ताकि उन्हें थकान न हो और वे भक्ति भाव से अपनी यात्रा पूरी कर सकें।
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