सरकार के सामने रखा मांग पत्र: जालोर में विशाल ’किसान सम्मेलन’ का आयोजन, मंत्री-विधायक बने श्रोता और किसान बने वक्ता 

जालोर में विशाल ’किसान सम्मेलन’ का आयोजन, मंत्री-विधायक बने श्रोता और किसान बने वक्ता 
Kisan Sammelan, Jalore
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विशाल किसान सम्मेलन में अनुठी बात देखने को मिली। पहली बार ऐसा हुआ जब मंत्री और विधायक तक श्रोता बने रहे और आम किसान वक्ता बना। जिसकी सभी किसानों ने प्रशंसा की।

जालोर | रविवार को जालोर में श्री प्रताप फाउंडेशन के तत्वाधान में मल्केश्वर मठ परिसर में विशाल ’किसान सम्मेलन’ का आयोजन किया गया। 

इस विशाल किसान सम्मेलन में सभी जाति वर्गों के हजारों किसानों ने भाग लिया। विशाल किसान सम्मेलन में सभी वर्गों के किसानों को मंच पर जगह देते हुए उन्हें बोलने का मौका भी दिया गया।

इस दौरान सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री प्रताप फाउंडेशन के संयोजक महावीर सिंह सरवड़ी ने कहा कि जब तक किसान सक्षम नहीं होगा तब तक राष्ट्र सक्षम नहीं हो पायेगा। 

सरवड़ी ने किसानों के नाम पर राजनीति दलों द्वारा की जा रही राजनीति पर भी चिंता जाहिर करते हुए राम-भरत का उदाहरण दिया और कहा कि उस समय भरत ने अपने भाई राम के लिए सिंहासन पर बैठना स्वीकार नहीं किया, लेकिन वर्तमान में किसान आपस मे उलझे हुए है वे अपने हक के लिए अपने भाई का हक भी छिनना चाहते हैं जो चिंता का विषय हैं ।

किसान जब अपने अधिकार के साथ कर्तव्य को भी पालन करने लगेगा तो स्वतः ही सक्षम हो जाएगा और जब किसान मजबूत  होगा तो भी राष्ट्र स्वतः ही मजबूत होगा।  

ये सब रहे उपस्थित

इस कार्यक्रम में सिरोही विधायक संयम लोढ़ा, जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग, रानीवाड़ा विधायक नारायण सिंह, आहोर विधायक छगन सिंह राजपुरोहित, पूर्व राज्य मंत्री ओटा राम देवासी, पूर्व राज्य मंत्री भूपेंद्र देवासी समेत सभी समाजों और जातियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। 

मंच का संचालन अर्जुन सिंह देलदरी ने किया। इस दौरान रेवत सिंह पाटोदा ने प्रताप फाउंडेशन का परिचय व कार्यक्रम की भूमिका बांधते हुए प्रताप फाउंडेशन द्वारा प्रदेश भर में हो रहे किसान सम्मेलनों की जानकारी देते हुए उसके उद्देश्यों के बारे में लोगों को बताया।
  
इस विशाल सम्मेलन में इनके अलावा नवा राम ( भोपाजी )बद्रीदान चारण, सूजा राम प्रजापत, मुकेश सोलंकी, रमेश राणा,  ललित दवे, गणेशा राम चौधरी, उदा राम वैष्णव, पीरा राम धायल, भमरा राम सेन, भवर लाल सुथार आदि ने भी अपने विचार रखे।  


मंत्री-विधायक बने श्रोता और किसान बने वक्ता

विशाल किसान सम्मेलन में अनुठी बात देखने को मिली। पहली बार ऐसा हुआ जब मंत्री और विधायक तक श्रोता बने रहे और आम किसान वक्ता बना। जिसकी सभी किसानों ने प्रशंसा की।

यथार्थ गीता का निशुल्क वितरण

किसान सम्मेलन में हजारों किसानों को आयोजकों ने निशुल्क यथार्त गीता का वितरण किया। इसी के साथ इस किसान सम्मेलन में समय की पूरी पाबंदी भी देखी गई। इतने बडे़ आयोजन के बावजूद पूरे कार्यक्रम को निर्धारित समय पर शुरू किया गया व निश्चित समय पर पूरा किया गया।

इस दौरान नाहर सिंह जाखडी ने किसान मांग पत्र पढ़ कर सुनाया और किसानो की मांगों को लेकर प्रतिमण्डल द्वारा प्रशासन को दिया गया। सम्मेलन में सर्वसम्मति से निम्न मांग पत्र सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रस्ताव पारित किया गया।

1) केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य सूची से वंचित फसलों को भी इस सूची में शामिल किया जाए।

2) फसल बीमा योजना के दोषपूर्ण मापदंडों के कारण यह किसानों के लिए अपेक्षित लाभप्रद नहीं बन पा रही है, इसलिए इसके मापदंडों में बदलाव किया जाए एवं इसे अधिकतम किसान हितैषी बनाया जाए। साथ ही अरंडी जैसी अन्य फसलों को भी फसल बीमा योजना में शामिल किया जाए।

3) किसान क्रेडिट कार्ड की ब्याज दरों में लिए जा रहे ब्याज अनुदान की सीमा बढ़ाकर 7 लाख की जाए।

4) जालोर जिले के भूमिगत जलस्तर को बढ़ाने के लिए जवाई बांध के पानी का एक निश्चित हिस्सा प्रतिवर्ष जवाई नदी के प्राकृतिक बहाव क्षेत्र में छोड़ा जाए। साथ ही जालोर सिरोही जिले के ऐसे बांध जिनका पानी सिंचाई हेतु उपयोग नहीं हो रहा  उसको नदी के प्राकृतिक बहाव क्षेत्र में छोड़ा जाए। जैसे सणधरा बांध, जैतपुरा बांध, रघुनाथ पुरा बांध आदि।

5) माही बेसिन के व्यर्थ बहने वाले जल को जालोर सिरोही में पेयजल व सिंचाई हेतु उपलब्ध करवाने बाबत मुख्यमंत्री बजट घोषणा 2023-24 को शीघ्र मूर्त रूप देने की कार्यवाही प्रारंभ की जाए एवं राजस्थान व गुजरात राज्य के बीच हुए समझौते के अनुरूप माही परियोजना का पानी जालोर सिरोही को दिया जाए।

6) सिरोही जिले में भूमिगत जल स्तर बढ़ाने हेतु बत्तीसा नाले के पानी को छोटे छोटे बांधों व तालाबों में डालने की दीर्घकाल से चल रही मांग पर तुरंत प्रभाव से सकारात्मक कार्यवाही की जाए। साथ ही जवाई बांध का पानी शिवगंज क्षेत्र में भी सिंचाई के लिए दिया जाए। 

7) कृषि उत्पादों की आयात नीति को किसानों के हितों को ध्यान में रखकर संशोधित किया जाए ताकि स्थानीय किसानों के उत्पादों को उचित मूल्य मिल सके एवं वे विदेशी उत्पादकों से प्रतिस्पर्धा में सरकार का संरक्षण प्राप्त कर सकें।

8) केन्द्र सरकार द्वारा किसान सम्मान निधि की राशि महंगाई के अनुसार बढ़ाई जाए एवं महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश की तर्ज पर राजस्थान सरकार द्वारा भी केन्द्र के समकक्ष किसान सम्मान निधि देना प्रारंभ किया जाए।

9) किसानों को अनुदानित कृषि यंत्रों को खुले बाजार से खरीदने की अनुमति दी जाए एवं अनुदान राशि का समयबद्ध भुगतान किया जाए साथ ही अनुदान राशि व उसके लिए बजट आवंटन बढ़ाया जाए। कृषि यंत्रों की खरीद को ळैज् से मुक्त किया जाए।

10) जालोर सिरोही क्षेत्र अनार, टमाटर, मिर्च आदि का अग्रणी उत्पादक है लेकिन पर्याप्त विपणन एवं भंडारण की व्यवस्था नहीं होने के कारण इनके उत्पादक किसान बदहाली के शिकार हैं। इसलिए भंडारण, प्रसंस्करण एवं विपणन की समुचित व्यवस्था की जाए।

11) वर्तमान में प्रति किसान मात्र दो पशुओं का बीमा सरकार की तरफ से  किया जाता है, इस सीमा को हटाया जाए एवं बीमित पशुओं की मृत्यु पर मिलने वाली राशि की प्रक्रिया अत्यंत जटिल है, उसे सरल किया जाए।

12) जंगली पशुओं यथा नीलगाय, सुअर आदि द्वारा खड़ी फसलों को पहुंचाई जा रही हानि से बचाने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई जाए एवं उसे लागू करने हेतु स्थानीय प्रशासन को पाबंद किया जाए। साथ ही कृषि भूमि की तारबंदी की सब्सिडी व उस हेतु बजट आवंटन बढ़ाया जाए।

13) किसानों के लिए बीज व खाद की समुचित एवं समयबद्ध उपलब्धता सुनिश्चित की जाए एवं रासायनिक उर्वरकों की सब्सिडी उर्वरक कंपनियों की अपेक्षा सीधे किसान के खाते में स्थानांतरित कर उन्हें रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर जैविक खाद का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

14) राजस्थान में डेयरी व्यवस्था को गुजरात की आनंद डेयरी की तरह विकसित किया जाए जिससे दुग्ध उत्पादक किसानों को दुग्ध उत्पादों की कीमत, बोनस आदि के रूप में पर्याप्त प्रतिफल मिले और वे सशक्त बन सके।

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