जल क्रांति यात्रा पहुंची सिरोही: माही बेसिन के जल को सिंचाई के लिए माही जल क्रांति यात्रा

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माही जलक्रांति यात्रा का नेतृत्व कर रहे प्रदेश संयोजक विक्रम सिंह पुनासा व सहसंयोजक सुरेश व्यास ने बताया कि माही बेसिन के जल को सिंचाई के लिए उपलब्ध करवाने के लिए हम 15 सालो से संघर्ष कर रहे है और उच्च न्यायालय में रीट दायर करने के बाद राज्य सरकार ने एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर डीपीआर की मंजूरी दे दी है।

सिरोही | लंबे समय से माही बेसिन को सिंचाई व पेयजल के लिए उपलब्ध करवाने की मांग को लेकर राजस्थान किसान संघर्ष समिति आंदोलन वाली यात्रा सिरोही पहुंची। जालोर के नरपुरा गांव के करणी धाम मंदिर से हजारों किसानों के साथ माही जलक्रांति यात्रा का आगाज हुआ था।

इस यात्रा को गोल महंत 1008 आशा भारती ने माही रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और करणी माताजी की पूजा अर्चना के साथ नारेबाजी की गई थी। राजस्थान किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष बद्रीदान नरपुरा ने बताया कि माही जलक्रांति यात्रा नरपुरा से रवाना होकर नून, सांथू, बागरा, आकोली, सियाणा, रायपुरिया, वराड़ा, बरलूट, जावाल होते हुए सिरोही जिले में पहुंची। 

राजस्थान किसान संघर्ष समिति के सचिव घिमर सिंह ने बताया कि यात्रा 19 दिन में तीनों जिलों को हर तहसील में जा रही।

माही जलक्रांति यात्रा का नेतृत्व कर रहे प्रदेश संयोजक विक्रम सिंह पुनासा व सहसंयोजक सुरेश व्यास ने बताया कि माही बेसिन के जल को सिंचाई के लिए उपलब्ध करवाने के लिए हम 15 सालो से संघर्ष कर रहे है और उच्च न्यायालय में रीट दायर करने के बाद राज्य सरकार ने एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर डीपीआर की मंजूरी दे दी है।

अब गांव-गांव जाकर जनता को जागृत कर रहे है और इस बार वोट माही बेसिन जल के मुद्दे पर ही जायेगा ये संकल्प करवा रहे है।

युवा मोर्चा अध्यक्ष जयन्त मूंड के अनुसार पिछले 01 महीने से गांव गांव घुमकर इस यात्रा का न्यौता 03 जिलों के प्रत्येक गांव में दिया है। तीनों जिलों के वासी सिंचाई व पेयजल की भयंकर किल्लत से झूझ रहे है। पानी की कमी के कारण रोजगार की तलाश में पलायन हो रहा है। माही बेसिन के हक के पानी के लिए हम यात्रा कर रहे है।

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